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आखिर कौन है वो CRPF जवान, जिसने अपनी जान की बाजी लगा कर बचाई 3 साल के मासूम बच्चे की जान?

नई दिल्ली: इस बात में कोई दो राय नहीं हैं कि देश के जवान हर समय अपनी जान की बाजी लगा कर हम देशवासियों की सुरक्षा का जिम्मा उठाते है. कुछ ऐसा ही उदाहरण हाल ही में देखने को मिला. जहाँ जम्मू-कश्मीर के सोपोर में दहसत गारदों ने हल्ला बोल दिया. इस दौरान हुई मुठभेड़ में एक CRPF जवान शहीद हो गया जबकि तीन अन्य जवान बुरी तरह से घायल हुए. गौरतलब है कि इस बीच एक स्थानीय नागरिक को भी मार दिया गया. इस नागरिक की पहचान अब बशीर अहमद के रूप में की जा रही है जोकि मुस्तफा कॉलोनी एचएमटी शहर का निवासी था.

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बता दें कि जम्मू-कश्मीर के सोपोर में हुए इस हमले की एक तस्वीर इन दिनों सोशल मीडिया पर तेज़ी से वायरल हो रही है. इस तस्वीर में एक शव के पास छोटा बच्चा रोता दिखाई दे रहा है. असल में यह बच्चा मृतक बशीर अहमद का है. गौरतलब है कि आतंकी हमले के दौरान यह 6 साल का मासूम बच्चा उस समय स्थानीय नागरिक बशीर अहमद के साथ ही मौजूद था. लेकिन किसी तरह से सीआरपीएफ के एक जवांन ने इस बच्चे को बचा लिया है और उसको महफूजियत से उसके घरवालों को सौंप दिया है. सोशल मीडिया पर इस जवान की हर कोई तारीफ कर रहा है जिसने गोलियों की बछार से होते हुए एक नन्ही जान को बचा लिया.

हाल ही में मिली जानकारी के अनुसार इस तस्वीर में दिखाई देने वाले सीआरपीएफ जवान का नाम पवन कुमार चौबे है. पवन कुमार ने आतंकियों द्वारा चलाई जा रही गोलाभारी के दौरान अपनी जान पर खेल कर इस मासूम बच्चे की जान बचाई है. बता बदें कि पवन पेशे से कोबरा कमांडो हैं. उन्होंने साल 2019 में ही सीआरपीएफ को ज्वाइन किया था. जबकि इसे पहले साल 2013 के दौरन वह कोबरा बटालियन का ही हिस्सा थे.

कोबरा बटालियन असल में नक्सलवाद को मिटाने के लिए बनाई गई बटालियन है. इसमें पवन कुमार चौबे के इलावा अन्य कईं जवान जुड़े हुए हैं. बुधवार की सुबह दहसत गारदों ने इस बटालियन को अपना निशाना बनाया था. जानकारी के लिए बता दें कि पवन कुमार 20१६ से ही जम्मू-कश्मीर के सोपोर में तैनात हैं. इससे पहले वह कईं सीक्रेट ऑपरेशनस का हिस्सा बन चुके हैं. सूत्रों के अनुसार जब दहसत गारदों ने मस्जिद से गोलीबारी करनी शुरू की तो एक स्थानीय नागरिक ने अपनी जान गँवा दी. बाद में पवन ने देखा कि एक बच्चा शव के पास बैठा रो रहा है. उसने बिना कुछ सोचे फौरन अन्य जवानों की मदद से मासूम को बचाने के लिए हल्ला बोल दिया.

इस बारे में जानकारी देते हुए सेना के एक अधिकारी ने बताया कि पवन ने हमेशा अच्छे कमांडो की तरह यहाँ काम किया है. जब उसने एक बच्चे को गोलियों के बीच घिरा देखा तो तुरंत कवर ले कर उसने बच्चे को अपनी तरफ बुलाया. जैसे ही मासूम उसकी ओर आगे आया, उसने लपक कर उसे पकड लिया.

 

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