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मध्य प्रदेश के किसान ने दिखाई दरियादिली, स्कूल के लिए कम पड़ी जगह तो 25 लाख की जमीन दे दी दान

जैसा कि हम सभी लोग जानते हैं कोई भी मनुष्य जन्म से ही ज्ञानी नहीं होता है। मनुष्य इस धरती पर आने के बाद ही ज्ञान प्राप्त करता है। मानव जीवन को सभ्य बनाने में सबसे बड़ा योगदान स्कूल का होता है। स्कूल वह स्थान है, जहां पर ज्ञान का वास होता है। स्कूल एक मंदिर के समान है, जहां पर रोजाना बच्चे पढ़ने आते हैं ताकि अपने जीवन में उज्जवल भविष्य प्राप्त कर सकें।

वैसे देखा जाए तो अभी भी कई गांव ऐसे हैं जहां पर स्कूलों की कमी होने की वजह से बच्चे शिक्षा प्राप्त कर नहीं पाते हैं परंतु ऐसा नहीं है कि गांवों में सरकार के द्वारा स्कूल का निर्माण नहीं कराया जा रहा है। सरकार भी लगातार इस पर काम कर रही है। इसी बीच मध्य प्रदेश के अशोकनगर जिले के महिदपुर गांव में रहने वाले किसान बृजेंद्र सिंह रघुवंशी ने दरियादिली दिखाई है।

किसान ने स्कूल के लिए दान दे दी 4 बीघा जमीन

बता दें किसान बृजेंद्र सिंह रघुवंशी ने अपने क्षेत्र के आसपास के बच्चों को बेहतर शिक्षा मिले, इसलिए उन्होंने अपनी बेशकीमती जमीन शासन को दान करने का निर्णय ले लिया है। जब गांव में स्कूल बनवाने के लिए जगह कम पड़ी तो उन्होंने अपनी 4 बीघा जमीन सरकार को दान दे दी। दरअसल, गांव में स्वीकृत हुए सीएम राइस स्कूल के लिए 10 बीघा सरकारी जमीन थी, जिसके चलते स्कूल को दूसरे गांव में ले जाने की तैयारी चल रही थी।

 

जब यह बात किसान बृजेंद्र सिंह रघुवंशी को मालूम हुई तो उन्होंने सरकारी जमीन से लगी हुई अपनी 4 बीघा जमीन प्रशासन को देकर दरियादिली की नई मिसाल पेश की है। बृजेंद्र के द्वारा जो जमीन दान में दी गई है उसकी कीमत करीब 25 लाख रुपए बताई जा रही है। बृजेंद्र ने बिना देरी किए हुए प्रशासन के अधिकारियों से मुलाकात की और सरकारी जमीन से सटी हुई अपनी 4 बीघा जमीन स्कूल के लिए मुफ्त में देने की पेशकश की।

विरासत में मिली है दरियादिली

सबसे खास बात यह है कि बृजेंद्र को दरियादिली विरासत में मिली है। जी हां, यह कोई पहला मौका नहीं है कि जब बृजेंद्र सिंह रघुवंशी के परिवार ने अपनी निजी जमीन किसी सार्वजनिक कार्य के लिए दान में दी है। बृजेंद्र सिंह रघुवंशी का ऐसा बताना है कि उनके पिता स्वर्गीय नथन सिंह रघुवंशी गांव में 40 सालों तक सरपंच ही संभाल चुके हैं।

उन्होंने बताया कि उनके कार्यकाल में स्वयं की जमीन पर स्कूल, सोसाइटी, पंचायत भवन बनवाए गए हैं। उन्होंने अपनी दो बीघा जमीन में गांव के निर्धन लोगों के लिए मकान बनवाए थे। स्वर्गीय नथन सिंह रघुवंशी ने भी कुछ इस तरह स्कूल के लिए अपनी जमीन दान में दे दी थी।

वहीं इस मामले में तहसीलदार दीपेश घाकड़ का ऐसा बताना है कि कलेक्टर से किसानों ने स्कूल के लिए जमीन देने की बात कही। हमने किसान को बुलाया है। जमीन के दस्तावेज के साथ सारी प्रक्रिया पूरी होने के बाद किसान की जमीन स्कूल के लिए ले ली जाएगी जैसे ही बृजेंद्र के द्वारा स्कूल के लिए जमीन दान में देने की बात कही गई जिला प्रशासन अपने अपने काम में जुट चुकी है। बृजेंद्र सिंह का ऐसा कहना है कि उन्हें पता है कि शिक्षा का क्या महत्व होता है। शिक्षा से बढ़कर कुछ नहीं है।

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