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बसों की मरम्मत कर 22 साल की सोनी चला रही हैं अपना घर, पिता के जाने के बाद उठाई घर की जिम्मेदारी

22 साल की सोनी अपने पूरे परिवार की जिम्मेदारी उठा रही हैं और डिपो में मैकेनिकल हेल्पर के पद पर कार्य कर अपने परिवार के लोगों का पेट भर रही है। कुछ समय पहले ही सोनी की नौकरी हरियाणा रोडवेज के हिसार डिपो में लगी थी। हालांकि नौकरी लगने से पांच दिन पहले सोनी के पिता की मौत हो गई। पिता की मौत के बाद सोनी के ऊपर परिवार का पूरा जम्मा आ गया।

हिसार के गांव राजली की रहने वाली सोनी का परिवार काफी बड़ा है और इनके परिवार में आठ बहन-भाइयों हैं। जिसमें से सोनी तीसरे नंबर की है। पिता के जाने के बाद अपने भाई-बहनों की सारी जिम्मेदारी सोनी पर आ गई है और सोनी की आय से ही घर के लोगों का गुजारा हो रहा है। हिसार डिपो में सोनी बसों की मरम्मत का काम करती है। एक लड़की होकर सोनी इस काम को अच्छे से कर रही है।

सोनी के अनुसार उनके पिता नरसी का 27 जनवरी 2019 को बीमारी के चलते निधन हो गया था। इनकी मां घर के कामों को संभालती हैं। ऐसे में सोनी के ऊपर घर खर्च की सारी जिम्मेदारी आ गई। सोनी ने हिसार डिपो में मैकेनिकल हेल्पर के पद पर 31 जनवरी 2019 को ज्वाइन किया था और बाखूबी से अपना काम कर रही हैं।

सोनी को मार्शल आर्ट भी आती है और सोनी ने मार्शल आर्ट की पेंचक सिलाट गेम की राष्ट्रीय प्रतियोगिता में लगातार तीन बार स्वर्ण पदक जीता था। सोनी के अनुसार उनके पिता का सपना था कि वो खिलाड़ी बनकर देश के लिए पदक जीते। सोनी ने शुरू में अपने गांव राजली में कबड्डी खेलना शुरू किया था। इस दौरान सोनिया से सोनी की मुलाकात हुई और सोनिया ने सोनी को पेंचक सिलाट गेम ज्वाइन करने को कहा। दोस्त के कहने पर सोनी ने ये खेल सीखा और आज इस खेल की वजह से सोनी को नौकरी मिल पाई है।

सोनी का कहना है कि उन्होंने  पिता के कहने पर ही साल 2016 में खेलना शुरू किया था। खेल कोटे के तहत ही हिसार डिपो में मैकेनिकल हेल्पर के पद पर उन्हें नौकरी मिल गई है। इस नौकरी से उनका परिवार चल रहा है।

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