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पुलिस वाले ने पेश की मिसाल, जिन्हें कोई नहीं पूछ रहा, उन बेज़ुबानों को रोजाना खिला रहा है खाना

जैसा कि हम सभी लोग जानते हैं कोरोना काल में लगे लॉक डाउन की वजह से लोगों को बहुत सी परेशानियों का सामना करना पड़ा। लोगों का रोजगार बंद हो गया। आर्थिक परेशानी लोगों के सामने चुनौती बनकर आई है। कोई भी काम धंधा ना होने के कारण लोगों को दो वक्त की रोटी जुटाना भी काफी मुश्किल हो रहा है। जिन राज्यों में लॉक डाउन लग चुके हैं वहां के लोग काफी परेशान है। ऐसे में बहुत सी संस्थाएं इस मुश्किल घड़ी में लोगों की सहायता के लिए सामने आई है।

कोरोना वायरस की वजह से लगे लॉकडाउन के दौरान सभी लोगों का ध्यान जरूरतमंद लोगों की मदद करने में है परंतु दूसरी तरफ जो सड़कों पर जानवर आवारा घूमते रहते हैं उनकी तरफ बहुत कम लोगों का ही ध्यान जा रहा है। आज हम आपको इस लेख के माध्यम से केरला के एक ऐसे पुलिसकर्मी के बारे में जानकारी देने जा रहे हैं जिनके बारे में जानकर आप उनसे प्रेरित हो सकते हैं। इस पुलिसकर्मी ने मिसाल पेश की है।

आपको बता दें कि केरल में लॉक डाउन की वजह से सभी होटल, ढाबे, रेस्टोरेंट बंद हो गए। ऐसी स्थिति में जो जानवर सड़कों पर आवारा घूमते थे, उनको भोजन नहीं मिल पा रहा है। ऐसे में नेमोम पुलिस स्टेशन के सब इंस्पेक्टर सुब्रमण्यम रोजाना वेल्लायनई लेक पर आवारा जानवरों को खाना खिलाते हैं।

खबरों के अनुसार ऐसा बताया जा रहा है कि सब इंस्पेक्टर सुब्रमण्यम पिछले 2 महीनों से बेजुबान जानवरों को खाना खिलाने का नेक कार्य कर रहे हैं। आपको बता दें कि एक बार सुब्रमण्यम अपनी ड्यूटी पर थे, तब उन्होंने देखा कि जानवर काफी बीमार और उदास नजर आ रहे हैं। उन्होंने यह समझ लिया कि यह बेचारे बेजुबान भूख से परेशान हैं। उसके अगले दिन से ही सुब्रमण्यम ने इन जानवरों को भोजन खिलाना आरंभ कर दिया। सुब्रमण्यम ने इन आवारा जानवरों के खाने की अच्छी व्यवस्था कर दी है। अगर वह छुट्टी पर भी होते हैं तो भी इन जानवरों को खाना मिलता है।

सुब्रमण्यम के द्वारा किए जा रहे इस कार्य की लोग खूब तारीफ करते हैं। सुब्रमण्यम का ऐसा बताना है कि उनके घर में मांसाहारी भोजन नहीं बनता है। वह शाकाहारी हैं। इसी वजह से वह जानवरों के लिए बाहर से भोजन खरीद कर उनको खिलाते हैं। उनका कहना है कि यह बेचारे बेजुबान जानवर भी हमारी तरह जीव प्राणी हैं, अगर हम इन्हें भोजन नहीं खिलाएंगे तो और कौन खिलाएगा।

आपको बता दें कि सुब्रमण्यम को अगर कोई आवारा जानवर घूमता हुआ नजर आता है तो वह उसको भोजन कराते हैं। उनके द्वारा किए जा रहे हैं इस कार्य में उनकी पत्नी और बच्चे भी पूरी सहायता कर रहे हैं। सुब्रमण्यम जानवरों को जूठन नहीं खिलाना चाहते हैं, इसी वजह से वह बाहर से खाना खरीद कर लाते हैं और इन जानवरों को खिलाते हैं। हर कोई सुब्रमण्यम के कार्य की खूब तारीफ करता है।

सुब्रमण्यम का कहना है कि अगर कोई व्यक्ति मेरे द्वारा किए जा रहे कार्य से प्रेरित होता है और वह कम से कम एक भूखे व्यक्ति और आवारा जानवर को भरपेट खाना खिलाता है तो यही उनके लिए सबसे बड़ी उपलब्धि होगी। उनके इस काम के बदले उन्हें खूब सराहना मिल रही है।

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