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नरसिंह जयंती व्रत रखने से मिलते हैं सारे संकटों से मुक्ति, जानिए तारीख, शुभ मुहूर्त और पूजाविधि

हिंदू पंचांग के अनुसार नरसिंह जयंती वैशाख महीने के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी को मनाई जाती है। इस वर्ष नरसिंह जयंती 25 मई 2021 दिन मंगलवार को मनाई जाएगी। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार देखा जाए तो भगवान नरसिंह भगवान विष्णु जी के चौथे अवतार माने जाते हैं। वैसे देखा जाए तो देश के हर कोने में भगवान नरसिंह जी की पूजा की जाती है। खासतौर पर दक्षिण भारत में भगवान नरसिंह को वैष्णव संप्रदाय के लोग संकट के समय रक्षा करने वाले देवता के नाम पर पूजते हैं।

आपको बता दें कि वैशाख शुक्ल की चतुर्दशी को भगवान विष्णु जी ने दैत्यों के राजा हिरण कश्यप से अपने भक्त प्रहलाद की रक्षा की थी जिसके लिए उन्होंने आधे नर और आधे सिंह का रूप धारण किया था। भगवान विष्णु जी के इसी अवतार को नरसिंह अवतार के नाम से लोग जानते हैं। तभी से इस दिन भगवान नरसिंह जी की जयंती मनाई जाती है। नरसिंह जयंती को बहुत धूमधाम देखने को मिलती है।

नरसिंह जयंती शुभ मुहूर्त

वैशाख शुक्ल पक्ष चतुर्दशी आरंभ- 25 मई 2021 को प्रातः 12:30 से

वैशाख शुक्ल पक्ष चतुर्दशी समाप्त- 25 मई 2021 को रात्रि 08:35 पर

ब्रह्म मुहूर्त- 04:10 से 04:57 तक

अभिजीत काल- सुबह 11:57 से दोपहर 12:50 तक

अमृत काल- रात 08:27 से 09:51 तक

नरसिंह जयंती का महत्व

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, अगर नरसिंह की जयंती पर व्रत, पूजा-अर्चना की जाए तो इससे व्यक्ति के सभी प्रकार के संकटों से रक्षा होती है। अगर नरसिंह जयंती का व्रत व्यक्ति अपनी सच्ची श्रद्धा और भक्ति से करता है तो इससे भगवान नरसिंह का आशीर्वाद प्राप्त होता है। ऐसा भी कहा जाता है कि यह व्रत करने से सभी जन्मों के पापों से भी मुक्ति मिल जाती है। इतना ही नहीं बल्कि जीवन में ढेर सारी सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। यह व्रत करने से शत्रुओं से भी मुक्ति मिलती है।

नरसिंह जयंती की व्रत पूजा विधि जानें

  • आप चतुर्दशी तिथि को सुबह के समय उठकर घर की अच्छी तरह से साफ सफाई कर लीजिए। सभी कामों से निवृत होने के पश्चात आप दोपहर के समय तिल, गोमूत्र, मिट्टी और आंवले को शरीर पर मल कर शुद्ध जल से स्नान कर लीजिए।
  • इसके बाद आप साफ-सुथरे वस्त्र धारण करें।
  • इसके बाद आप भगवान का स्मरण करते हुए व्रत का संकल्प लीजिए।
  • शुभ मुहूर्त में आप जिस स्थान पर पूजा कर रहे हैं उस जगह को गोबर से लीप लीजिए और कलश स्थापित करके अष्टदल कमल बना लीजिए और अष्टदल के ऊपर सिंह, भगवान नरसिंह और लक्ष्मी जी की मूर्ति स्थापित कीजिए।
  • इसके बाद आपको भगवान नरसिंह और माता लक्ष्मी जी का षोडशोपचार पूजन करना होगा और पूरे दिन ईश्वर का स्मरण करते हुए अपना व्रत करें।
  • दूसरे दिन आप सुबह उठकर स्नान करने के बाद पूजा कीजिए और ब्राह्मणों को भोजन कराएं। जब ब्राह्मण भोजन कर लें तब आप उन्हें दान दक्षिणा देखकर सम्मान पूर्वक विदा करें। आप इस दिन गरीब लोगों को अन्न वस्त्र का दान भी कर सकते हैं और अपने व्रत का समापन कीजिए। अगर आप अपना व्रत अन्न-वस्त्र के दान से खोलते हैं तो इससे आपको अपने जीवन में शुभ फल की प्राप्ति होती है। ऐसा करने से भगवान नरसिंह का आशीर्वाद प्राप्त होता है।

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