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सलाम! डॉक्टर दंपत्ति खुद हो गए थे संक्रमित, लेकिन कोरोना से जंग जीतकर लोगों की सेवा में जुटे

कोरोना महामारी के बीच देशभर के लोगों का जीवन पूरी तरह से बदल चुका है। पहले जैसा कुछ भी नहीं रहा। महामारी ने सभी लोगों का जीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। पूरा ही देश कोरोना महामारी से जंग लड़ रहा है। दिन पर दिन कोरोना के मामले बढ़ते ही जा रहे हैं, इतना ही नहीं बल्कि अस्पतालों में बेड की कमी हो गई है। ऑक्सीजन की भारी कमी है, जिसके चलते लोग दम तोड़ रहे हैं।

संकट की इस घड़ी में डॉक्टर्स दिन-रात अपने घरों से अलग मरीजों की सेवा में जुटे हुए हैं। कई बार तो ऐसा होता है कि रोगियों का उपचार करते-करते खुद डॉक्टर भी संक्रमित हो जाते हैं परंतु दुबारा से ठीक होने के बाद यह लोगों की सेवा में जुट जाते हैं। महामारी के बीच डॉक्टर किसी भगवान से कम नहीं है। यह हर संभव कोशिश करके मरीज की जान बचा रहे हैं। इसी बीच एक ऐसा उदाहरण सामने आया है जिसको जानने के बाद आप भी तारीफ करेंगे। जी हां, एक डॉक्टर दंपत्ति खुद कोरोना महामारी की चपेट में आ गए थे परंतु वह कोरोना वायरस को मात देकर दोबारा से लोगों की सेवा में जुट गया।

आज हम आपको जिस डॉक्टर दंपति के बारे में जानकारी दे रहे हैं, वह डॉ. राजीव चौहान और उनकी धर्मपत्नी डॉ. मीनाक्षी चौहान हैं। आपको बता दें कि यह पांवटा अस्पताल में कार्यरत है हैं। पांवटा अस्पताल के वरिष्ठ डॉक्टर राजीव चौहान डेढ़ साल से कोरोना के खिलाफ लड़ाई में सेवाएं दे रहे हैं और उनकी धर्मपत्नी डॉ. मीनाक्षी चौहान एक साल से अस्पताल में सेवाएं दे रही हैं।

डॉ. राजीव चौहान का ऐसा कहना है कि उनका पूरा परिवार कोरोना संक्रमित हो गया था। उन्होंने बताया कि पहले उनकी मां कोरोना संक्रमित हो गई थीं, उसके बाद उनकी पत्नी और बेटा कोरोना संक्रमण के चपेट में आ गए थे। बेटी की कोविड रिपोर्ट भी पॉजिटिव आई। ऐसे में परिवार के पांचों सदस्य होम क्वारंटीन में रहे। उनका पूरा परिवार ही कोरोना वायरस से जंग लड़ रहा था और आखिर में उन्होंने कोरोना संक्रमण को मात दे दी, जिसके बाद डॉक्टर दंपति ने फिर से अपना कार्यभार ग्रहण किया और लोगों की सेवा में जुट गए।

मिली जानकारी के अनुसार डॉक्टर दंपति ने मीडिया से बातचीत के दौरान यह कहा था कि वह डेढ़ साल से कोविड के खिलाफ लड़ाई में सेवा सेवाएं दे रहे हैं। उन्होंने बताया कि वह खुद को सौभाग्यशाली मानते हैं कि कोरोना महामारी में मानवता की सेवा करने का अवसर प्राप्त हुआ। डॉक्टर दंपति ने आगे बताया कि वह कोरोना सैंपल एकत्रित करते हैं। डेढ़ साल से सैकड़ों सैंपल एकत्रित कर चुके हैं।

आपको बता दें कि डॉ. राजीव चौहान दिन भर की ड्यूटी के बाद भी अगर किसी का फोन आता है तो वह बड़ी ही विनम्रता के साथ दवा और उपचार के प्रति जागरूक करते हैं। कोरोना को मात देने के बाद लोग डॉक्टर दंपति की खूब तारीफ करते हैं। वैसे देखा जाए तो डॉक्टर राजीव चौहान और उनकी धर्मपत्नी डॉ. मीनाक्षी चौहान जिस प्रकार से लगातार लोगों की सेवा में जुटे हुए हैं। वह सच मायने में प्रशंसा लायक है। हम उनको सलाम करते हैं।

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