धार्मिक

एकादशी के दिन चावल खाना माना गया है वर्जित, जानें इससे जुड़ी कथा

हर साल कुल 24 एकादशी आती हैं। हर महीने में दो एकादशी होती हैं और इस दिन विष्णु जी की पूजा की जाती है। कई लोग एकादशी का व्रत भी रखते हैं। एकादशी व्रत रखने से कई नियम भी जुड़े होते हैं और इस दिन चावल खाना वर्जित माना जाता है। शास्त्रों के अनुसार एकादशी के दिन चावल खाने से पाप चढ़ जाता है। इसलिए एकादशी के दिन चावल व इनसे बनीं कोई भी चीज खाने से मनाही होती है। दरअसल एकादशी के दिन चावल न खाने से एक कथा जुड़ी हुई है, जो कि इस प्रकार है।

पौराणिक कथा के अनुसार मेधा नामक एक महर्षि हुआ करता था। जिन्होंने मां शक्ति के क्रोध से बचने के लिए अपना शरीर त्याग दिया था। इनके शरीर का अंश धरती पर आकर गिरा था। जिस जगह इनके शरीर का अंश गिरा, वहां पर चावल और जौ उत्पत्ति हो गए।  कहा जाता है कि जिस दिन इन्होंने अपने शरीर का त्याग किया था। उस दिन एकादशी थी। इसलिए एकादशी के दिन जौ और चावल खाना अशुभ माना जाता है। माना जाता है कि जो लोग इस दिन चावल का सेवन करते हैं, वे ऋषि मेधा के रक्त और मांस का सेवन करते हैं। ये भी मान्यता है कि इस दिन चावल का सेवन करने से इंसान रेंगने वाले जीव की योनि में जन्म लेता है।

इसके अलावा एकादशी तिथि पर चावल न खाने के विषय में तर्क यह दिया जाता है कि चावल का सेवन करने से शरीर में जल की मात्रा बढ़ती है। इससे व्रती का मन विचलित और चंचल हो जाता है। जिससे व्रत के नियमों का पालन करने में बाधा आती है। इसलिए भी एकादशी व्रत में चावल का सेवन वर्जित माना जाता है।

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25 दिसंबर को है एकादशी

इस साल की अंतिम एकादशी 25 दिसंबर को है। जिसे मोक्षदा एकादशी के नाम से जाना जाता है। मान्यता है कि इस एकादशी का व्रत करने से मोक्ष की प्राप्ति होती हैं औ सारे पापों से मुक्ति मिल जाता है। इसलिए आप मोक्षदा एकादशी का व्रत जरूर रखें। वहीं इस दिन क्या करना चाहिए उसकी जानकारी इस प्रकार है-

  • एकादशी के दिन श्री हरि भगवान विष्णु की पूजा का प्रावधान है।
  • एकादशी के दिन तुलसी मां की पूजा भी जरूर करनी चाहिए
  • विष्णु जी को तुलसी का पत्ता अर्पित करने से मनचाही चीज मिल जाती है।
  • इस दिन केवल जमीन पर ही सोना होता है।

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