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छोटी सी उम्र में हुआ विवाह, 18 साल में बनी मां, नहीं मानी हार, ऐसे IPS बनने का सपना किया साकार

किसी ने सच कहा है अगर इरादे मजबूत हो तो इंसान रास्ते में आने वाली बड़ी सी बड़ी बाधाएं भी पार कर सकता है। इस दुनिया में हर किसी इंसान का कोई ना कोई सपना होता है परंतु अपने सपने को साकार करने के लिए मार्ग में बहुत सी कठिनाइयां उत्पन्न होती हैं। ज्यादातर लोग इन कठिनाइयों के आगे घुटने टेक देते हैं परंतु जो लोग कठिनाइयों को पार करते हुए लगातार कोशिश करते हैं, उनको अपना मुकाम जरुर हासिल होता है।

वैसे देखा जाए तो इंसान का जीवन बेहद संघर्ष पूर्ण है और संघर्षों को पार करके ही इंसान एक सफल व्यक्ति बनता है। इस दुनिया में ऐसे बहुत से लोग हैं जिन्होंने अपनी जी तोड़ मेहनत के बलबूते अच्छी खासी सफलता हासिल की है। उन्होंने कभी भी अपनी परिस्थितियों के आगे हार नहीं मानी, जिसका नतीजा यह हुआ कि वह अपना सपना सच कर पाए हैं।

आज हम आपको इस लेख के माध्यम से आईपीएस एन अंबिका के संघर्षपूर्ण जीवन के बारे में बताने वाले हैं, जिन्होंने पूरे देश की लड़कियों और महिलाओं के लिए मिसाल पेश की है। IPS एन अंबिका ने कुछ ऐसा कारनामा कर दिखाया है जिसके बारे में एक सामान्य इंसान सोच भी नहीं सकता। आईपीएस अंबिका के मार्ग में बहुत सी मुसीबतें आईं परंतु उन्होंने कभी हार नहीं मानी और लगातार कोशिश करती रहीं और आखिर में उन्होंने IPS बनने का अपना सपना पूरा कर दिखाया।

आपको बता दें कि आईपीएस अंबिका को मुंबई की लेडी सिंघम के नाम से भी लोग पहचानते हैं। उन्होंने अपने जीवन में बहुत से उतार-चढ़ाव देखे हैं। आईपीएस अंबिका का विवाह मात्र 14 वर्ष की आयु में तमिलनाडु के डिंडिकल के एक पुलिस कॉन्स्टेबल से कर दी गई थी और 18 वर्ष की आयु में अंबिका दो बच्चियों की मां बन चुकी थीं। उनके जीवन में किसी भी प्रकार का कष्ट नहीं था और ना ही उन्हें किसी प्रकार की आवश्यकता महसूस हुई थी। अंबिका कभी एक साधारण सी गृहणी थीं और वह अपने बच्चों को संभालने में काफी बिजी रहा करती थीं। वह UPSC, IPS, IAS इन सभी बातों से बहुत दूर थीं।

आपको बता दें कि एक बार अंबिका अपने कॉन्स्टेबल पति के साथ गणतंत्र दिवस की पुलिस परेड देखने गई हुई थीं। वहां पर अंबिका ने देखा कि उनके पति उच्च पदाधिकारियों को सैल्यूट कर रहे हैं। तब अंबिका ने अपने पति से यह पूछा था कि उन्होंने उन लोगों को क्यों सैल्यूट किया? अंबिका के इस सवाल का जवाब देते हुए उनके पति ने बताया कि वह सब पदाधिकारी थे इसलिए उन्होंने सैल्यूट किया। अंबिका अपने पति से सवाल पूछती रहीं कि पदाधिकारी कैसे बनते हैं? आईपीएस बनने के लिए क्या करना पड़ता है? सिविल सर्विसेज एग्जाम कैसे देना होता है? जब अंबिका को अपने सारे सवालों का जवाब मिला तो उन्होंने यह ठान लिया कि वह यूपीएससी का एग्जाम देंगी।

अंबिका ने सालों पहले पढ़ाई छोड़ दी थी और उन्होंने यह ठान भी लिया था कि वह अपना सपना पूरा करेंगी परंतु उनके लिए यह सब इतना आसान नहीं था। बच्चों को संभालने के साथ-साथ पढ़ाई करना उनके लिए बहुत ज्यादा मुश्किल साबित हो सकता था परंतु मुश्किलों को पार करके ही सफलता मिल सकती है। कभी भी सफलता आसानी से नहीं मिलती। अगर आसानी से सफलता मिलने लग जाती तो इस दुनिया में हर इंसान सफल हो जाता। अंबिका भी इस बात से भलीभांति वाकिफ थीं और उन्होंने मेहनत शुरू की। एक प्राइवेट कोचिंग से उन्होंने दसवीं की तैयारी की। 10वीं और 12वीं के बाद उन्होंने डिस्टेंस लर्निंग से ग्रेजुएशन कंप्लीट की थी। इसके बाद वह आईपीएस ऑफिसर बनने के सपने को साकार करने के लिए काबिल हो गईं।

अंबिका ने यह निर्णय ले लिया कि वह चेन्नई में रहकर सिविल सर्विस की परीक्षा की तैयारी करेंगी और उनके इस फैसले में उनके पति का भी पूरा पूरा समर्थन मिला था। अंबिका घर और बच्चों की सारी चिंता से मुक्त होकर परीक्षा की तैयारी में जुट गईं। उनके पति ने नौकरी के साथ दोनों बच्चों की देखभाल करने की जिम्मेदारी उठा ली थी। अंबिका ने यूपीएससी की परीक्षा दी परंतु पहले 3 प्रयासों में उनको असफलता का सामना करना पड़ा। इसके बावजूद भी उन्होंने हिम्मत नहीं हारी। उधर उनके पति ने भी उनसे कह दिया था कि वह तीन बार असफल रहीं, वह घर वापस लौट कर आ जाएं परंतु अंबिका हार मानने वालों में से बिल्कुल भी नहीं थीं और उन्होंने अपने पति से कहा कि वह एक आखिरी प्रयास करेंगी।

अंबिका ने इस बार जमकर मेहनत की और आखिर में उनकी मेहनत रंग लाई। साल 2008 में यूपीएससी की कठिन परीक्षा को उन्होंने पास कर लिया। इसके साथ ही उनका आईपीएस ऑफिसर बनने का सपना भी साकार हो गया। जब अंबिका की ट्रेनिंग पूरी हुई तो उसके बाद उनकी पहली पोस्टिंग महाराष्ट्र में मिली थी। इसके बाद मुंबई में जोन-4 की डीसीपी बनीं और यहीं आईपीएस अंबिका को मुंबई की लेडी सिंघम के नाम से पहचान मिली है।

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