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शनि जयंती पर करें इस विधि से पूजा, न्याय के देवता होंगे प्रसन्न लेकिन ये सावधानियां जरूर बरतें

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शनि देव सबसे गुस्सैल देवता माने जाते हैं और इनको न्यायधीश की उपाधि दी गई है। आपको बता दें कि उनको यह उपाधि भगवान शिव जी ने दी है। जो व्यक्ति अपने जीवन में अच्छे काम करता है उसको हमेशा शनिदेव अच्छा फल प्रदान करते हैं परंतु बुरे कर्म करने वाले लोगों को शनि देव की बुरी दृष्टि का सामना करना पड़ता है। आपको बता दें कि 10 जून को शनि जयंती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार ज्येष्ठ मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या को शनिदेव का जन्म हुआ था। शनि जयंती के दिन भक्त शनि देव की विधि-विधान पूर्वक पूजा करते हैं।

धार्मिक शास्त्रों के अनुसार, जो लोग धोखाधड़ी नहीं करते, किसी के साथ अन्याय नहीं करते, किसी के ऊपर जुल्म-अत्याचार नहीं करते अर्थात जो लोग अपने जीवन में हमेशा अच्छे काम करते हैं। उनको शनिदेव से घबराने की कोई भी आवश्यकता नहीं है क्योंकि ऐसे लोगों को शनिदेव कभी भी दुख नहीं देते हैं। इन लोगों के ऊपर हमेशा शनिदेव की कृपा दृष्टि बनी रहती है।

शनि जयंती का दिन बहुत ही शुभ दिन माना जाता है। पूरे उत्तर भारत में ज्येष्ठ माह की अमावस्या को शनि जयंती मनाई जाती है। आपको बता दें कि इस दिन शनि जयंती के साथ-साथ वट सावित्री व्रत भी रखा जाता है। ऐसी मान्यता है कि जो व्यक्ति शनि अमावस्या के दिन शनिदेव की पूजा करता है उसके जीवन के सारे कष्ट दूर हो जाते हैं और शनिदेव भी परेशान नहीं करते हैं। अगर किसी व्यक्ति को शनि के प्रकोप का सामना करना पड़ रहा है तो उसको शनि जयंती के दिन विधि विधान पूर्वक शनिदेव की पूजा जरूर करनी चाहिए।

इस तरह करें शनिदेव की पूजा

  • आप शनि जयंती के दिन सुबह के समय जल्दी उठकर अपने सभी कार्यों से निवृत्त होने के पश्चात स्नान आदि करके शुद्ध हो जाएँ।
  • इसके बाद आपको एक पाट पर काला कपड़ा बिछाना होगा और उसके ऊपर एक सुपारी रखकर उसके दोनों तरफ शुद्ध घी या तेल का दीपक जलाकर धूप जला दीजिए।
  • इसके बाद आप शनि देवता के इस प्रतीक स्वरूप को पंचगव्य, पंचामृत, इत्र आदि में स्नान करवाएं।
  • इसके बाद आपको अबीर, गुलाल, सिंदूर, कुमकुम और काजल लगाकर नीले फूल भगवान को अर्पित करना होगा।
  • इसके बाद पंचोपचार पूजन के पश्चात शनि मंत्र का कम से कम एक माला जाप जरूर कीजिए।
  • जाप खत्म होने के बाद आप शनि चालीसा का पाठ करें और तत्पश्चात शनि महाराज की आरती उतर्रें।

इन बातों का रखें विशेष ध्यान

  1. अगर आप शनिदेव की पूजा कर रहे हैं तो आपको इस बात का ध्यान रखना होगा कि इस दिन सूर्य उदय से पहले शरीर पर तेल मालिश करके स्नान कर लीजिए।
  2. शनिदेव की पूजा करने के साथ-साथ आप महाबली हनुमान जी की भी पूजा अवश्य करें।
  3. शनि जयंती या फिर शनि पूजा के दिन ब्रह्मचर्य का पालन करना बहुत ही आवश्यक है।
  4. शनि जयंती के दिन यात्रा को भी स्थगित कर दें।
  5. शनि जयंती के दिन आप निर्धन, जरूरतमंद लोगों को तेल से बने खाद्य पदार्थ खिलाएं। इस दिन आप गाय और कुत्तों को भी तेल में बने खाद्य पदार्थ जरूर खिलाएं।
  6. शनि पूजा के दिन आप बुजुर्गों और जरूरतमंद लोगों की सेवा और सहायता कीजिए।

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