अजब ग़जब

इन देशों में आज भी प्रचलित है महिलाओं का खतना, प्राइवेट पार्ट पर चलाई जाती है ब्लैड, जानिये वजह

दुनियाभर में कई धर्म हैं। इन सभी धर्मों की कई परम्पराएं होती हैं। इनमें से कुछ अच्छी होती है तो कुछ विवादों से घिर जाती हैं। वहीं कुछ को कुप्रथा का नाम दे दिया जाता है। कुछ देश अंधविश्वास से जुड़ी इन परंपराओं को अपने देश में बैन भी कर देते हैं। ऐसी ही एक परंपरा है महिलाओं का खतना। इसे मेडिकल टर्म में फीमेल जेनिटल म्यूटिलेशन (female genital mutilation) या एफजीएम कहा जाता है।

क्या होता है महिलाओं का खतना?


आप सभी ने मुस्लिम पुरुषों के खतने के बारे में तो जरूर सुना होगा। लेकिन कुछ मुस्लिम और ईसाई धर्म के समुदायों में महिला का खतरा (Khatna of women) भी होता है। इसमें महिलाओं के प्राइवेट पार्ट का बाहरी हिस्सा ब्लेड या किसी धारदार औजार से काट दिया जाता है। ये प्रक्रिया बेहद दर्दनाक होती है। इस दौरान महिला को बेहोश भी नहीं किया जाता है। कई लोग इसे महिलाओं के लिए शारीरिक और मानसिक प्रताड़ना वाली प्रक्रिया मानते हैं।

आपको जान हैरानी होगी कि लगभग 92 देशों में आज भी महिलाओं का खतना किया जाता है। इनमें से 51 देश ने तो इस प्रथा को अपने देश में कानूनी तौर पर बैन कर दिया है। भारत भी इन देशों में शामिल है। हालांकि फिर भी कुछ लोग चोरी छिपे इसे अंजाम देते हैं। कई लोगों का दावा है कि खतना करने से महिलाओं को लाभ होता है। लेकिन मेडिकल साइंस ये सब नहीं मानता है।

इन देशों में प्रचलित है ये प्रथा

डब्लूएचओ ने भी क्लियर कर दिया है कि जो भी प्रक्रिया बिना किसी मेडिकल करण के महिलाओं के प्राइवेट पार्ट को नुकसान पहुंचाए या उनमें कोई बदला करे तो उसे एफजीएम (फीमेल जेनिटल म्यूटिलेशन) की केटेगरी में डाला जाता है। मिस्र देश में खतने के केस सबसे अधिक देखने को मिलते हैं।

वहीं ये प्रथा अफ्रीकी देशों में सबसे अधिक प्रचलित है। लेकिन एशिया, मध्य पूर्व, लैटिन अमेरिका, यूरोप और ऑस्ट्रेलिया-अमेरिका में भी इसका चलन खूब है। भारत देश की बात करें तो यहां इस प्रथा लप बोहरा समुदाय और केरल के एक सुन्नी मुस्लिम समुदाय में सबसे अधिक महत्व दिया जाता है।

इस कारण किया जाता है खतना

अब आप सोच रहे होंगे कि आखिर इस दर्दनाक और भयावह प्रथा को आज के जमाने में भी क्यों निभाया जाता है? दरअसल यह एक तरह का अंधविश्वास है। सालों से ऐसा माना जाता है कि शिशु अवस्था से 15 साल तक की बच्चियों का खतना करने से उनकी यौन इच्छाएं पूरी तरह दब जाती है। ऐसे में वह शादी से पूर्व इस भावना का महसूस नहीं सकती है। माना जाता है कि शादी के पहले ऐसी भावना महसूस करने से वह अशुद्ध हो जाती है।

बस यही वजह है कि खतना की प्रक्रिया में महिलाओं के बाहरी हिस्सों में शामिल क्लिटोरिस को काट दिया जाता है। इसे महिलाओं का सबसे अधिक उत्तेजित करने वाला अंग माना जाता है। वैसे महिलाओं के इस खतने को लेकर आपके क्या विचार है हमे कमेंट कर जरूर बताएं।

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