धार्मिक

ये हैं देश के 5 शनिदेव के खास मंदिर, जहां दर्शन करने वालों पर बरसती है न्याय के देवता की कृपा

धर्म शास्त्रों और ज्योतिष दोनों में ही शनि भगवान का बहुत महत्व माना गया है। ज्योतिष दृष्टि से देखा जाए तो अगर किसी व्यक्ति की कुंडली में शनि की स्थिति ठीक है तो इसकी वजह से जीवन में शुभ परिणाम मिलते हैं परंतु किसी व्यक्ति की कुंडली में शनि की खराब स्थिति जीवन में बहुत सी परेशानियां उत्पन्न करने लगती हैं। शनि देवता की अच्छी और बुरी स्थिति बहुत ही असरकारक मानी जाती है। शनि देव न्याय के देवता माने गए हैं और यह हमेशा मनुष्य के कर्मों के अनुसार ही फल प्रदान करते हैं।

आजकल के समय में ऐसे बहुत से लोग हैं जो शनिदेव की बुरी दृष्टि से बचने के लिए तरह-तरह के तरीके और उपाय अपनाते हैं। बहुत से लोग ऐसे हैं जो शनिदेव के खास मंदिरों में जाकर कई प्रकार के उपाय भी करते हैं। आज हम आपको इस लेख के माध्यम से शनिदेव के कुछ खास मंदिरों के बारे में जानकारी देने वाले हैं, जहां पर दूर-दूर से लोग दर्शन करने के लिए आते हैं और यहां पर न्याय के देवता शनि देव की कृपा प्राप्त करते हैं।

कोकिलावन शनि मंदिर, यूपी

शनिदेव का एक प्रसिद्ध मंदिर मथुरा के कोसीकलां गांव में स्थित है, जिसे कोकिलावन शनि मंदिर के नाम से लोग जानते हैं। इस मंदिर के बारे में ऐसा बताया जाता है कि यहां पर शनि देव के दर्शन मात्र से ही कई कष्ट दूर हो जाते हैं। जिन लोगों के ऊपर शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या चल रही है, वह अगर यहां पर आकर दर्शन करते हैं तो उनको लाभ मिलता है।

शनि मंदिर, उज्जैन

शनिदेव के प्रसिद्ध मंदिरों में से एक मध्य प्रदेश के उज्जैन शहर के महाकालेश्वर मंदिर के साथ-साथ शनि मंदिर भी है। यह मंदिर क्षिप्रा नदी के तट पर बना हुआ है। इस मंदिर की स्थापना 2000 साल पहले राजा विक्रमादित्य ने करवाई थी। इस मंदिर की खास बात यह है कि यहां पर शनि देव शिव के रूप में विराजमान हैं। यहां पर शनि की मूर्ति को ढैय्या कहा जाता है। अगर किसी व्यक्ति के ऊपर ढैया चल रही है तो वह यहां पर आकर तेल चढ़ाए तो उसको छुटकारा मिलता है।

शनि शिंगणापुर, महाराष्ट्र

न्याय के देवता शनिदेव का सबसे प्रसिद्ध मंदिर महाराष्ट्र में स्थित है, जिसे शनि शिंगणापुर के नाम से जाना जाता है। इस मंदिर की खास बात यह है कि यहां पर किसी के घर दुकान में ताले नहीं लगते हैं क्योंकि इस गांव में चोरी ही नहीं होती है। ऐसा माना जाता है कि इस गांव की रक्षा खुद शनि महाराज करते हैं। ऐसा बताया जाता है कि एक बार शिंगणापुर गांव में बाढ़ आ गई थी और उसमें एक काला पत्थर बह कर यहां पर आ गया था और वह पेड़ से अटक गया।

किसी व्यक्ति ने उस पत्थर को पेड़ से गिराने की कोशिश की लेकिन पत्थर से रक्त निकलने लगा। यह देखकर व्यक्ति घबरा गया और पत्थरों को छोड़कर तुरंत भाग गया। उस व्यक्ति ने अगले दिन ही सपने में देखा कि शनिदेव पत्थर को गांव में स्थापित कराने के लिए कह रहे हैं। तब यह पत्थर यहां स्थापित कराया गया।

शनि मंदिर, इंदौर

शनि देव के प्रसिद्ध मंदिरों में से एक मध्यप्रदेश के इंदौर शहर का यह शनि मंदिर भी बहुत प्रसिद्ध है। यह मंदिर करीब 350 साल पुराना है। इसके बारे में ऐसा बताया जाता है कि इस शहर के निवासी पंडित गोपाल दास तिवारी की आंखों की रोशनी चली गई थी। एक बार उन्हें सपने में शनि देव ने दर्शन दिए थे और उन्होंने एक टीले की खुदाई करवाने का आदेश दिया। जब टीले की खुदाई करवाई गई तो वहां से शनि भगवान की मूर्ति प्रकट हुई। जब इस मूर्ति की स्थापना कराई गई तो उसके पश्चात पंडित जी की आंखों की रोशनी आ गई थी।

शनि मंदिर, तिरुनल्लर

शनिदेव का एक प्रसिद्ध मंदिर तमिलनाडु के तिरुनल्लर में स्थित है। यह मंदिर राज्य के नवग्रह मंदिरों में से एक माना जाता है। ऐसा बताया जाता है कि अगर व्यक्ति यहां आकर दर्शन करता है तो शनि का प्रकोप दूर हो जाता है।

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