बॉलीवुड

5000 घंटे की रिसर्च, 700 कश्मीरी पंडितों का इंटरव्यू, 4 साल में ऐसे बनी “द कश्मीर फाइल्स” फिल्म

हाल ही में रिलीज हुई फिल्म “द कश्मीर फाइल्स” को लेकर देशभर में चर्चाएं हो रही हैं। विवेक अग्निहोत्री की ये फिल्म 1990 में कश्मीर विद्रोही के दौरान कश्मीरी हिंदुओं के पलायन पर आधारित है। इस फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर तहलका मचा दिया है। रोजाना ही हजारों की संख्या में लोग फिल्म देखने के लिए सिनेमाघरों में पहुंच रहे हैं। जो भी लोग फिल्म देखकर आ रहे हैं, वह बहुत भावुक दिख रहे हैं. इस फिल्म में ऐसे कई दृश्य दिखाए गए हैं, जो किसी को भी भावुक कर सकता है।

आपको बता दें कि “द कश्मीर फाइल्स” फिल्म की ज्यादा प्रमोशन नहीं हुई है परंतु इसके बावजूद भी यह फिल्म सुपरहिट साबित हो रही है। बॉक्स ऑफिस पर भी यह फिल्म जबरदस्त कमाई कर रही है। इस फिल्म में अनुपम खेर, मिथुन चक्रवर्ती और दर्शन कुमार जैसे बड़े बड़े अभिनेताओं ने काम किया है। इस फिल्म के लिए हर कोई डायरेक्टर विवेक अग्निहोत्री की तारीफ कर रहा है।

हालांकि, “द कश्मीर फाइल्स” बनाना विवेक अग्निहोत्री के लिए इतना आसान नहीं रहा था। इस फिल्म के बारे में लोग ज्यादा से ज्यादा जानकारी लेने की कोशिश कर रहे हैं और लोग इस फिल्म का खूब प्रमोशन सोशल मीडिया पर करते हुए नजर आ रहे हैं। फिल्म के रिलीज के बाद अब विवेक अग्निहोत्री ने यह बताया कि कैसे उन्होंने इस फिल्म का निर्माण किया और उन्होंने कितनी रिसर्च और इंटरव्यूज किए।

प्रेस कॉन्फ्रेंस में विवेक अग्निहोत्री ने फिल्म की मेकिंग को लेकर की बात

हाल ही में विवेक अग्निहोत्री ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान फिल्म की मेकिंग के बारे में बात की। उन्होंने यह बताया कि “द कश्मीर फाइल्स” को बनाना उनके लिए बिल्कुल आसान नहीं था क्योंकि यह मसला बेहद गंभीर था। दरअसल, इस फिल्म के संबंध में दिल्ली में पहली प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया। प्रेस कॉन्फ्रेंस मुंबई की जगह दिल्ली में किया गया जिसके पीछे का मकसद यह बताना था कि इस फिल्म का निर्माण करने में कितनी मेहनत और कितना समय लगा है।

विवेक अग्निहोत्री ने मीडिया से बातचीत के दौरान यह बताया कि इस फिल्म को बनाते समय किन किन बारीकियों का उनके द्वारा ख्याल रखा गया था। इसके साथ ही यह भी देखा गया कि फैक्ट और रियल्टी के लिहाज से यह फिल्म कितनी सटीक है। विवेक अग्निहोत्री ने फिल्म के बारे में बात करते हुए यह बताया कि इस फिल्म को बनाने से पहले अच्छे से रिसर्च की गई थी।

विवेक अग्निहोत्री ने मीडिया को फिल्म के संबंध में बताया कि इस रिसर्च में 5000 घंटे का वक्त लग गया। इसके बाद जो परिणाम निकला उसे 15000 पेज के डॉक्यूमेंट में इकट्ठा किया गया। लगभग डेढ़ घंटे की प्रेस कॉन्फ्रेंस में विवेक अग्निहोत्री ने 20 मिनट तक का एक वीडियो भी दिखाया। इस वीडियो में उन्होंने कश्मीरी पंडितों का इंटरव्यू किया था, जो असल में उन दिनों कश्मीर में ही मौजूद थे।

विवेक अग्निहोत्री ने यह बताया कि वह और उनकी पत्नी पल्लवी जोशी ने असली पीड़ित कश्मीरी पंडितों से मिलने के लिए दुनिया भर के कई देशों और भारत के कई शहरों के चक्कर लगाए और 700 से ज्यादा पीड़ित कश्मीरी पंडितों का इंटरव्यू रिकॉर्ड किया। इस फिल्म का निर्माण करने में 4 साल का लंबा वक्त लगा और इस फिल्म को बनाने में खूब मेहनत की गई। 20 मिनट के इस वीडियो में कई जगह पीड़ितों से बात करते-करते विवेक अग्निहोत्री और पल्लवी जोशी अपने आंसू पोंछते हुए नजर आ रहे हैं।


विवेक अग्निहोत्री ने फिल्म के संबंध में बात करते हुए यह बताया कि कश्मीरी पंडितों का यह दर्द तो है ही कि उन्हें उनके घर से निकाल दिया गया लेकिन सबसे बड़ा दर्द यह है कि उस वक्त के पॉलिटिकल सिस्टम ने इस बारे में अधिकतर लोगों को ठीक-ठीक जानकारी ही नहीं लगने दी कि कश्मीरी पंडितों के साथ कितना अत्याचार हुआ था। विवेक अग्निहोत्री ने बताया कि पीड़ित कश्मीरी पंडितों ने कई बार बॉलीवुड के कई बड़े-बड़े लोगों से रिक्वेस्ट की कि इस मुद्दे पर फिल्म बनाई जाए लेकिन हर बार उन्हें निराशा ही हाथ लगी।

विवेक बताते हैं कि साल 2018 में जब उनके पास फिल्म को लेकर आईडिया आया तो उन्हें भी इसके लिए एक से डेढ़ महीने का समय हामी भरने में लग गए। उन्होंने बताया कि यह फैसला लेना उनके लिए बिल्कुल भी आसान नहीं था। आपको कई तरह के खतरे होते हैं। आतंकवादियों से भी आप को खतरा हो सकता है और जब आतंकवादी हमला करते हैं तो कोई भी पुलिस या आर्मी आपको बचाने नहीं आती है।


विवेक बताते हैं कि मेरी पत्नी पल्लवी जोशी ने मुझे हिम्मत दी और हमने तय किया कि हम एक क्रिएटिव सोल्जर की तरह इस फिल्म को बनाएंगे। फिलहाल, “द कश्मीर फाइल्स” को दर्शकों का भरपूर प्यार मिल रहा है। आज उनकी मेहनत रंग ला रही है।

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