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कंगना रनौत का बड़ा खुलासा, बचपन में नास्तिक थीं अभिनेत्री, ऐसे जागी हिंदू धर्म में आस्था

बॉलीवुड इंडस्ट्री में बहुत सी खूबसूरत अभिनेत्रियां हैं जिनके बारे में हम सभी लोग अच्छी तरह से जानते हैं। ऐसी बहुत सी अभिनेत्री हैं जिनके काम को लोगों ने सराहा है। कुछ अभिनेत्रियों ने कम उम्र में ही अच्छी खासी सफलता हासिल की है और यह अपना काम ईमानदारी के साथ करती हैं। आज हम आपको बॉलीवुड इंडस्ट्री की मशहूर अदाकारा कंगना रनौत के बारे में कुछ विशेष बातें बताने वाले हैं। कंगना रनौत ने अपने दम पर बॉलीवुड में अपने आपको स्थापित किया है। इतना भी नहीं बल्कि उन्हें तीन बार राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार और चार बार फिल्म फेयर पुरस्कार भी मिल चुका है।

बॉलीवुड इंडस्ट्री की एक से बढ़कर एक फिल्मों में कंगना काम कर चुकी हैं और यह अपनी फिल्मों को लेकर हमेशा से ही सुर्खियों में छाई रहती हैं। इसके अलावा कंगना अपने बेबाक बयानों की वजह से भी हमेशा चर्चा में रहती हैं। कंगना अपनी हर बात को बेबाकी से रखने के लिए भी जाना जाता है। वह अपने व्यवहार की वजह से कई बार समस्याओं में भी फंस चुकी है। कंगना रावत कंगना रनौत सोशल मीडिया पर काफी सक्रिय रहती है और यह सोशल मीडिया के माध्यम से अपनी बात लोगों के बीच रखती रहती है।

कोरोना वायरस के बाद कंगना राणावत कुछ ज्यादा ही सोशल मीडिया पर एक्टिव रहने लगी है हैं और यह राजनीति, समाज तथा धर्म से जुड़े हुए मुद्दों पर भी चर्चा करती रहती हैं परंतु शायद ही आप लोगों में से किसी को इस बात की जानकारी होगी कि कंगना रनौत बचपन में नास्तिक थीं परंतु कंगना के जीवन में ऐसा क्या हुआ कि उनके अंदर हिंदू धर्म के प्रति आस्था की भावना जाग उठी? तो चलिए जानते हैं इसके बारे में…

बॉलीवुड इंडस्ट्री की “क्वीन” कही जाने वाली अभिनेत्री कंगना रनौत ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट के माध्यम से लोगों को यह बताया था कि वह बचपन में नास्तिक थीं। दरअसल, अभिनेत्री कंगना रनौत ने अपने टि्वटर हैंडल पर हिंदू धर्म के विषय में एक पोस्ट साझा किया था, जिसमें उन्होंने कुंडलिनी योग के बारे में बताया था। उन्होंने पोस्ट में यह लिखा था कि “अच्छी तरह से समझाया गया है। जब मैं बड़ी हो रही थी तब मैं एक नास्तिक थी और साइंस के बारे में पढ़ रही थी। कुंडलिनी एक ऐसा कारण था जिसके चलते में हिंदू धर्म की ओर आकर्षित होने लगी।”

कंगना के ट्वीट को देखने के बाद जब एक यूजर ने पूछा कि आखिर उन्हें बचपन में यह कैसे पता चला कि वह नास्तिक हैं तो इसके जवाब में उन्होंने लिखा कि “उनके दादाजी नास्तिक थे, यानी उनके दादाजी ने ही उनके दिमाग में यह धारणा डाली थी।” कंगना ने यह कहा कि “उनके दादाजी काफी पढ़े लिखे और सफल व्यक्ति थे, तथा उनके पास काफी तेज दिमाग था, जिसके चलते वह धर्म तथा भगवान पर वाद-विवाद करते थे और वह लोगों को विज्ञान को अपनाने के लिए भी प्रोत्साहित करते थे। कंगना ने आगे बताया कि “इसके बाद किसी तरह उन्होंने भगवान और विज्ञान को अलग कर दिया और कंगना की नास्तिक वाली सोच भी बदल गई।”

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