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नहीं रहे 1983 विश्व कप विजेता टीम के सदस्य यशपाल शर्मा, दिल का दौरा पड़ने से हुआ निधन

खेल जगत से एक बहुत दुखद खबर सामने आई है। भारतीय क्रिकेट टीम को पहली बार विश्व चैंपियन बनाने वाले यशपाल शर्मा का मंगलवार को दिल का दौरा पड़ने की वजह से निधन हो गया है। 66 साल के यशपाल शर्मा ने आज सुबह ही अंतिम सांसे ली है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार आज सुबह उन्हें अचानक सीने में दर्द की शिकायत हुई, जिसके बाद उन्हें तुरंत ही अस्पताल ले जाया गया परंतु उनकी जान नहीं बचाई जा सकी।

यशपाल शर्मा के निधन के बाद खेल जगत में शोक की लहर है। आपको बता दें कि यशपाल शर्मा ने भारतीय टीम के लिए कई बेशकीमती पारियां खेली थीं। साल 1983 के विश्व कप में वेस्टइंडीज के खिलाफ 89 और इंग्लैंड के खिलाफ 61 रन की शानदार पारियां खेलकर यशपाल शर्मा ने अपना नाम भारतीय क्रिकेट इतिहास में सुनहरे अक्षरों में दर्ज कराया है।

आपको बता दें कि जब भारतीय क्रिकेट टीम ने साल 1983 में पहली बार विश्व कप जीता था तो इस जीत के हीरो भी बहुत से थे परंतु सभी खिलाड़ियों में से यशपाल शर्मा एक ऐसे खिलाड़ी थे जिनके द्वारा ही विश्व कप जीत की नींव रखी गई थी। 9 जून को भारत का पहला मुकाबला वेस्टइंडीज के साथ हुआ था, उस समय के दौरान वेस्टइंडीज पहले ही दो बार विश्व चैंपियन रह चुकी थी। ऐसी स्थिति में वह काफी मजबूत टीम बनी हुई थी। साल 1975 और 1989 के दोनों विश्व कप में भारतीय टीम को किसी में भी जीत हासिल नहीं हुई थीं।

जब भारतीय टीम पहले ही दो बार विश्व कप में हार का सामना कर चुकी थी तो इसकी वजह से जानकारों का ऐसा कहना था कि भारत और वेस्टइंडीज का यह मुकाबला बेमेल है और दर्शक भी इस मुकाबले को देखने के लिए बहुत कम ही पहुंचे थे परंतु जो भी दर्शक वहां पर मुकाबला देखने आए थे उन्होंने जो भी नजारा देखा वह उन्होंने सोचा भी नहीं होगा।

जब यह मुकाबला शुरू हुआ तो इस मैच में टॉस जीतकर वेस्टइंडीज ने पहले गेंदबाजी करने का फैसला कर लिया। उसने 50 रन बनने से पहले ही भारत के दोनों ओपनर सुनील गावस्कर (19) और के श्रीकांत (14) की विकट ले ली। बाद में संदीप पाटिल और मोहिंदर अमरनाथ ने पारी संभालने का पूरा प्रयत्न किया था परंतु अमरनाथ 21 रन बनाकर चलते बने। 76 रन पर भारत को यह तीसरा झटका झेलना पड़ा था। इस पूरे मुकाबले में वेस्टइंडीज मजबूत साबित हो रही थी परंतु जब यशपाल शर्मा मैदान में उतरे तो उन्होंने सारा का सारा खेल पलट कर रख दिया था।

इस मुकाबले में यशपाल शर्मा ने 120 गेंदों पर 89 रन की बेहद शानदार पारी खेली थी। जब यशपाल शर्मा ने माइकल होल्डिंग, ऐंडी रॉबर्ट्स, मैलकम मार्शल, जोएल गार्नर की गेंदों पर जबरदस्त शॉट खेलकर गेंद को बाउंड्री लाइन के पार भेजा तो इससे भारतीय टीम का हौसला और मजबूत हुआ।

आपको बता दें कि साल 1983 के विश्वकप में वेस्टइंडीज, इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया यह तीन टीम में सबसे मजबूत थी परंतु यशपाल शर्मा ने भारत की तरफ से खेलते हुए इन तीनों टीमों के खिलाफ सबसे ज्यादा स्कोर बनाया था। वेस्टइंडीज के खिलाफ 89 रन बनाए, इंग्लैंड के खिलाफ सेमीफाइनल में 61 रन बनाए थे। सेमीफाइनल से पहले ऑस्ट्रेलिया के साथ भारत के हुए मैच में यशपाल शर्मा ने 40 रन बनाए।

आपको बता दें कि 42 वनडे और 37 टेस्ट मैच खेलने वाली यशपाल शर्मा को सबसे भरोसेमंद बल्लेबाज के रूप में देखा जाता था। वह कभी भी रन बनाने के लिए ज्यादा जोखिम नहीं लिया करते थे परंतु अगर जरूरत पड़े तो वह क्रिएटिव शॉट जरूर खेला करते थे। इंग्लिश तेज गेंदबाज बॉब विलिस की गेंद पर लगाया गया उनका छक्का ऐसा ही यादगार शॉट है। यशपाल शर्मा ने साल 1983 के विश्व कप सेमीफाइनल में बॉब विलिस की गेंद को फ्लिक कर बाउंड्री से बाहर पहुंचा दिया था।

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