धार्मिक

बेहद चमत्कारिक है रुद्राक्ष, जानिए कैसे हुई थी इसकी उत्पत्ति व धारण करने के क्या-क्या हैं फायदे

रुद्राक्ष का प्रयोग आध्यात्मिक क्षेत्र में किया जाता है। यह एक प्रकार के फल की गुठली होती है। आप सभी लोगों ने सिर्फ साधु-संतों और महात्माओं को ही रुद्राक्ष की माला धारण किए हुए देखा होगा। वहीं लोग रुद्राक्ष की माला से मंत्र जाप करते हैं। हिंदू धर्म में रुद्राक्ष को बहुत ही पवित्र माना गया है क्योंकि इसका संबंध देवों के देव महादेव से है। ऐसा माना जाता है कि अगर रुद्राक्ष का धारण किया जाए तो इससे सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त होती है। रुद्राक्ष पहनने से कई प्रकार की समस्याएं दूर हो सकती हैं। आज हम आपको इस लेख के माध्यम से रुद्राक्ष की उत्पत्ति कैसे हुई थी और इसको धारण करने से क्या-क्या फायदे मिलेंगे, इसके बारे में जानकारी देने जा रहे हैं।

जानिए कैसे हुई थी रुद्राक्ष की उत्पत्ति

आपको बता दें कि रुद्राक्ष संस्कृत के दो शब्दों से मिलकर बना हुआ है। रुद्र और अक्ष। इसका तात्पर्य भगवान शिव की उस कल्याणकारी दृष्टि से है जो धारण करने वाले का कल्याण करती है। अक्ष का अर्थ नेत्र से भी होता है और रुद्र का अर्थ शिव से होता है। रुद्राक्ष का अर्थ शिव की आंख से भी है।

शिव पुराण, पद्म पुराण, रुद्राक्षकल्प, रुद्राक्ष महात्म्य आदि ग्रंथों में रुद्राक्ष की अपार महिमा के बारे में बताया गया है। पुराणों में इस बात का उल्लेख मिलता है कि एक बार माता सती के वियोग में भगवान शिव जी का हृदय द्रवित हुआ तो उनके नेत्रों से आंसू निकल पड़े। जो कि कई स्थानों पर गिरे थे। इन्हीं स्थानों पर रुद्राक्ष के पेड़ की उत्पत्ति हुई थी। ऐसा माना जाता है कि रुद्राक्ष में हर किसी की मनोकामना पूरी करने की शक्ति होती है।

रुद्राक्ष धारण करने के फायदे

  • रुद्राक्ष का धारण किया जाए तो शारीरिक और मानसिक मजबूती मिलती है और मनुष्य का स्वास्थ्य हमेशा अच्छा रहता है।
  • अगर एक मुखी रुद्राक्ष का धारण किया जाए तो इससे दिल से संबंधित बीमारियां दूर रहती हैं। इतना ही नहीं बल्कि यह शरीर में रक्त के संचार को बेहतर बनाने में मदद करता है परंतु एक मुखी रुद्राक्ष बहुत ही दुर्लभ होता है और यह बहुत ही कम पाया जाता है। अगर आपको एक मुखी रुद्राक्ष मिल भी गया तो इसकी कीमत बहुत अधिक होती है लेकिन यह बहुत ही खास माना जाता है।
  • ऐसा माना जाता है कि पंचमुखी रुद्राक्ष पुरुषों, महिलाओं और बच्चों, हर किसी के लिए बहुत ही अच्छा होता है। अगर इसका धारण किया जाए तो इससे जीवन में खुशहाली बनी रहती है और स्वास्थ्य भी अच्छा रहता है। अगर पंचमुखी रुद्राक्ष का धारण किया जाए तो ब्लड प्रेशर भी कंट्रोल में रहता है। इसका धारण करने से तंत्रिकाएं शांत होती हैं।
  • 14 साल के छोटे बच्चों को 6 मुखी वाला रुद्राक्ष धारण करना चाहिए, इससे वह शांत और एकाग्र बनेंगे।
  • ऐसा माना जाता है कि जिस घर के अंदर रुद्राक्ष की नियमित रूप से पूजा की जाती है उस घर के अंदर कभी भी धन-धान्य की कमी नहीं रहती है। ऐसे घर में धन की देवी माता लक्ष्मी जी का वास बना रहता है। माता लक्ष्मी जी की कृपा से घर के सभी सदस्यों को अपार सफलता हासिल होती है।

Related Articles

Back to top button