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हॉस्पिटल के पर्दों से लेकर डॉक्टर्स के कपड़े भी होते हैं हरे, जानिए इस रंग को पहनने की वजह

एक समय था जब सरकारी अस्पतालों में चक्कर लगाते हुए सफाई और सुविधाओं की कमी के चलते अच्छा खासा इंसान भी वहां जाकर बीमार महसूस करने लगता था। वही बदलते समय, सफाई, मॉडर्न इंटरियर और टेक्नोलॉजी के चलते हॉस्पिटल्स फाइव स्टार होटलों की तरह लगने लगे है। जहां बीमार से बीमार इंसान भी अच्छा महसूस करता हैं। बदलते समय के साथ एक चीज जो नहीं बदली है, वह है डॉक्टरों और मेडिकल स्टाफ का पहनावा। हमेशा से ही हम देखते हैं कि जब भी डॉक्टर सर्जरी या ऑपरेशन करते हैं तो फिर वह हरे या फिर हल्के नीले रंग के कपड़े पहनते हैं।

यहां तक की हॉस्पिटल्स के पर्दों का रंग भी ज्यादातर हरा ही होता है। इतने अच्छे इंटीरियर डिजाइंस के बावजूद भी हॉस्पिटल्स में हरे या नीले रंग की जगह लाल पीले रंगों का इस्तेमाल नहीं किया जाता। वहीं डॉक्टर्स के साथ-साथ मेडिकल स्टाफ को भी ऑपरेशन थिएटर में दूसरे रंगों के कपड़े पहनने की इजाजत नहीं होती। आइए जानते हैं क्या है इस हरे रंग के पीछे का रहस्य।

1914 के पहले पहना जाता था सफेद रंग

कहा जाता है कि जबसे हॉस्पिटल्स की शुरुआत हुई है तब से ही डॉक्टर और वहां के सभी कर्मचारी सफेद रंग के कपड़े पहना करते थे। 1914 में एक जाने-माने डॉक्टर थे जिनका लोगों पर बहुत प्रभाव था। उन्होंने डॉक्टर्स की ड्रेस के लिए हरे रंग का चुनाव किया। इसके बाद से ही ऑपरेशन थिएटर में हरे रंग के कपड़े पहने जाने लगे। वहीं कुछ डॉक्टर्स हल्के नीले रंग के कपड़े भी पहनते है। इसके अलावा हॉस्पिटल के स्टाफ के कपड़े और मास्क भी हरे या नीले रंग के ही होते हैं। वही हॉस्पिटल के पर्दों के लिए भी इन्हीं रंगों का चुनाव किया गया है। चाहे सरकारी हॉस्पिटल हो या प्राइवेट हर जगह हरे या हल्के नीले रंग ही देखने को मिलते है।

हरा रंग देता है आंखों को आराम

1998 की एक रिपोर्ट के अनुसार, ऑपरेशन थिएटर में डॉक्टर्स और मेडिकल स्टाफ हरे या हल्के नीले रंग के कपड़े इसलिए पहनते हैं, क्योंकि इनसे हमारी आंखों को आराम मिलता है। रिपोर्ट के मुताबिक जब भी कोई व्यक्ति लगातार किसी एक ही रंग को देखता रहता है तो ऐसे में उसकी आंखों में थकान महसूस होती है। वहीं ज्यादा चमकीले रंग की चीजों को देखने से भी जल्द ही हमारी आंखें थक जाती हैं। ऐसा माना गया है कि अगर चमकीली चीजों को देखने के बाद हम हरे रंग को देख ले तो इससे हमारी आंखों को आराम मिलता है।

हमारी आंखें केवल इन रंगों को देखने में है सक्षम

वैज्ञानिकों के अनुसार हमारी आंखें कुछ इस तरह से बनी है कि वह केवल लाल, हरा और नीला रंग देखने में सक्षम हैं। बता दें कि, इन रंगों के ही मिश्रण से बने दूसरे करोड़ों रंगों को इंसानी आंखें पहचान सकती हैं। लेकिन इन सभी रंगों की तुलना में हमारी आंखें हरा या नीला रंग ही सबसे अच्छी तरह देख सकती हैं। वैज्ञानिकों के मुताबिक हमारी आंखों को हरा या नीला रंग उतना नहीं चुभता, जितना कि लाल और पीला रंग आंखों को चुभते हैं। इसी वजह से हरे और नीले रंग को आंखों के लिए अच्छा माना जाता है। यही वजह है कि हॉस्पिटल में पर्दे से लेकर मेडिकल स्टाफ के कपड़े तक हरे या नीले रंग के ही होते हैं, जिससे हॉस्पिटल में आने और रहने वाले मरीजों की आंखों को आराम मिल सके, उन्हें कोई परेशानी न हो।

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