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फडणवीस को नवाब मलिक के परिवार ने भेजा 5 करोड़ का मानहानि नोटिस,अमृता ने भी नोटिस भेज किया पलटवार

क्रूज ड्रग्स मामला सामने आने के बाद दो राजनेताओं के बीच की जंग थमने का नाम नहीं ले रही है। अब यह सियासी बयानबाजी और आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला कानूनी लड़ाई में बदल चुका है। जी हां, एनसीपी के नेता और अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री नवाब मलिक की बेटी और दामाद समीर खान ने महाराष्ट्र के पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस के खिलाफ 5 करोड़ रुपए की मानहानि का नोटिस भेजा है। मालिक के द्वारा ये जानकारी गुरुवार के दिन दी गई थी।

मलिक का ऐसा कहना है कि फडणवीस ने उनके परिवार को बदनाम करने की कोशिश की है और उन्होंने माफी की भी मांग की है। मालिक ने कहा यदि पूर्व सीएम माफी नहीं मांगते हैं तो ऐसी स्थिति में उनका परिवार दीवानी और फौजदारी अदालत में फडणवीस के खिलाफ मानहानि का मुकदमा ठोकेगा।

वहीं दूसरी तरफ पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस की पत्नी अमृता फडणवीस ने भी एक लॉ फर्म के माध्यम से नवाब मलिक को आपराधिक मानहानि का नोटिस भेजा है, जिसमें उन्होंने एक ड्रग पैडलर और उनके बीच संबंध स्थापित करने की झूठी जानकारी देते हुए 48 घंटे में ट्वीट को हटाने और बिना शर्त माफी मांगने की बात कही गई है।

 

आपको बता दें कि मलिक में 1 दिन पहले गुजरात से बरामद हुई 350 करोड़ रुपए की ड्रग्स मामले में भी केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए यह कहा था कि “महाराष्ट्र में कुछ ग्राम ड्रक्स पकड़कर पूरे देश में शोर मचाया जा रहा है लेकिन गुजरात में 350 करोड़ (66 किलोग्राम) की ड्रग्स बरामद हुई है। इसकी चर्चा नहीं हो रही है। उन्होंने कहा है कि हम यह सवाल उठाते हैं कि क्या ड्रग्स का यह खेल गुजरात से तो नहीं चल रहा है?

मलिक ने कहा कि “यहां से बरामद ड्रग्स के मामले को दबाने की कोशिश की जा रही है। हम एनसीबी की डीजे से यह रिक्वेस्ट करते हैं कि गुजरात के रास्ते से ड्रग्स आ रही है और यहीं से पूरे देश में फैलाया जा रहा है। वह ड्रग्स के इस खेल का पर्दाफाश करें।” आगे मलिक ने गलत गतिविधियों पर रोक लगाने की बात कही है। मलिक ने पूर्व सीएम पर निशाना साधा है और उन्होंने दूसरों की तुलना जानवर से करने से उसे की छवि खराब होने की बात कही है। उन्होंने कहा कि हम इस लड़ाई को सही अंजाम तक पहुंचाएंगे।

आप जान लीजिए कि यह जुबानी जंग नवाब मलिक और समीर वानखेड़े के बीच शुरू हुई थी परंतु अब यह भारतीय जनता पार्टी और पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस तक पहुंच गई है। बुधवार के दिन मलिक ने यह आरोप लगाया था कि पूर्व सीएम ने अपने कार्यकाल में नकली नोट के खेल को बढ़ावा दिया था। उन्होंने आरोप लगाते हुए जाली नोट के कारोबार में शामिल रहे भाजपा नेता हाजी अराफात के छोटे भाई को बचाने की बात कही थी।

बता दें आज एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के माध्यम से इस आरोप पर अराफात ने मलिक के खिलाफ कुछ खुलासे करने को कहा है। उन्होंने कहा है कि उनके भाई इमरान शेख के नवाब मलिक के साथ भी तस्वीर है। मलिक उसकी शादी और बच्चों के जन्मदिन पर आए थे। हाजी अराफात शेख ने आगे कहा कि नवाब मलिक ने फिल्म शुरू की है लेकिन हम इसको खत्म करेंगे। उन्होंने कहा है कि नवाब मलिक का मानसिक संतुलन बिगड़ चुका है और उनको तत्काल इलाज की आवश्यकता है। उन्होंने कहा है कि उनके पास बम नहीं लेकिन नवाब मलिक का कच्चा चिट्ठा खोल देंगे।

वहीं मलिक ने भी देर रात एक ट्वीट किया, जिसके माध्यम से उन्होंने कहा कि “होश उनके यू उड़े कि चेहरे फीके पड़ गए, हमने तो बस यह किया उन्हें आईना दिखा दिया।” हालांकि यह पहली बार नहीं है कि मलिक ने ऐसे आरोप लगाएं। इससे पहले भी मलिक ने आरोप लगाया था कि फडणवी विदेशों में आए फोन के बाद कई कुख्यात लोगों के केस सुलझाएं। फडणवीस के इशारे पर वसूली होती है। फडणवीस ने राजनीति का अपराधीकरण किया है। वहीं इससे पहले 9 नवंबर को महाराष्ट्र के पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस ने यह खुलासा किया था कि नवाब मलिक के अंडरवर्ल्ड से नाता है।

फडणवीस ने खुलासा करते हुए यह कहा था कि यह मामला राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा हुआ है। नवाब मलिक ने दाऊद इब्राहिम के गैंग से जमीनें खरीदी। फडणवीस ने कहा यह जमीनें मुंबई में ब्लास्ट करने के आरोपियों की हैं इस बात का खुलासा किया था।

आपको बता दें कि नवाब मलिक ने समीर वानखेड़े पर कई प्रकार के आरोप लगाए, जिनमें सरकारी नौकरी पाने के लिए फर्जी जन्म प्रमाण पत्र बनवाने का भी आरोप है। इसी के खिलाफ ध्यानदेव वानखेड़े ने 1.2 करोड़ रुपए का मानहानि का मुकदमा दायर किया है। जब सुनवाई हो रही थी तो उस दौरान ध्यानदेव वानखेड़े के वकील अरशद शेख के द्वारा यह सवाल उठाया गया कि समीर को ऐसे व्यक्ति को स्पष्टीकरण क्यों देना चाहिए जो सिर्फ एक विधायक है कोई अदालत नहीं। इस पर जस्टिस माधव जामदार ने कहा कि “आप सरकारी अधिकारी हैं।’

जस्टिस माधव जामदार ने कहा कि “आपको सिर्फ इतना साबित करना है कि ट्वीट (मलिक द्वारा किए गए ट्वीट) पहली नजर में गलत है। आपके बेटे सिर्फ एक व्यक्ति नहीं है बल्कि वह एक सरकारी अधिकारी हैं और जनता का कोई भी सदस्य उनकी समीक्षा कर सकता है।” आपको बता दें कि इससे पहले 8 नवंबर को समीर वानखेड़े के पिताजी ध्यानदेव वानखेड़े ने अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के तहत उनके परिवार की जाति के बारे में झूठे आरोप लगाने के लिए मलिक के खिलाफ मुंबई में ओशिवारा डिवीजन के सहायक पुलिस आयुक्त के पास अपनी शिकायत दी थी।

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