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दोनों हाथ खो दिए, फिर भी नहीं मानी हार, बीमा के पैसों से शुरू किया बिजनेस, आज बन गए लखपति

वो कहते हैं ना कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती। ये कतई ज़रूरी नहीं कि सफलता पाने के लिए आपको शारीरिक तौर पर भी फिट होना आवश्यक है। अगर आप ज़िंदगी में सफल होना चाहते है, तो मन में दृढ़ संकल्प होना सबसे महत्वपूर्ण है। जो अपनी किस्मत के आगे हार नहीं मानते, किस्मत भी उन्हीं का साथ देती है। इन्हीं बहादूर लोगों में से एक हैं गणेश कामथ जिन्होंने अपने दोनों हाथ गंवाने के बाद भी हार नहीं मानी और अपनी मेहनत के दम पर अपनी सफलता की कहानी लिखी।

प्रेरणादायक है गणेश की कहानी

गणेश कामथ वो बिजनेसमैन हैं, जिनकी कहानी अगर आपने सुन ली तो आपको समझ आ जाएगा कि जिंदगी में कोई भी चीज असंभव नहीं है। गणेश आज कर्नाटक के कर्कला में जीके डेकोरटर्स नाम की एक फर्म चलाते हैं, जो कि पूरे क्षेत्र में काफी मशहूर है। लेकिन गणेश कामथ के यहां तक पहुंचने का सफर आसान नहीं था। गणेश के इस मुकाम तक पहुंचने की कहानी काफी प्रेरणादायक है।

करंट लगने से गंवाए दोनों हाथ

कामथ का बचपन गरीबी में बीता। जिसके कारण उन्होंने 7वीं कक्षा में ही अपनी पढ़ाई बीच में छोड़ दी थी। उसके बाद उन्होंने इलेक्ट्रिकल कॉन्ट्रेक्टर के रूप में काम शुरू कर दिया था। बात 2001 की है जब कार्कला में एक आयोजन के दौरान गणेश के बॉस ने उसे एक फ्लड लाइट पर एक लाइट बल्ब ठीक करने के लिए 29 फीट ऊंचे मचान पर चढ़ने को कहा। जब वो लाईट ठीक कर रहे थे तभी उनका संतुलन बिगड़ा और वो नीचे आ गिरे। जब उन्हें होश आया तो उन्होंने देखा कि कंरट के कारण वो अपने दोनों हाथ खो चुके हैं।

आत्महत्या करने का आया विचार

गणेश के सिर पर घर-परिवार की जिम्मेदारियां थी और नौकरी पर से भी उन्हें निकाल दिया गया था। 13 साल तक जिस फर्म के लिए उन्होंने काम किया था उन्होंने भी विपरित परिस्थिति में उनका साथ नहीं दिया। वह डिप्रेशन में आ गए और उन्होंने आत्महत्या करने का विचार किया।

कमजोरी को बनाई अपनी ताकत

लेकिन कहते हैं जिंदगी अपनी अलग कहानी लिखती है। एक रिश्तेदार ने उन्हें आत्महत्या करने से रोका और कहा कि तुम्हारी किस्मत में राज योग है। गणेश कहते हैं कि वो जानते थे कि उन्होंने यह सब बातें उन्हें खुश करने के लिए ही कही थी, लेकिन उन्हें नहीं पता था कि यह सब सच हो जाएगा। गणेश के दोनों हाथ नहीं है और उसके बाद भी उन्होंने इसे कमजोरी बनाने के बजाय इसे अपनी ताकत बना लिया।

बीमा के पैसों से शुरू किया बिजनेस 

करंट लगने के बाद गणेश को एक्सीडेंटल बीमा से जो पैसा मिला, उससे उन्होंने काम शुरू किया। गणेश ने दो म्यूजिक सिस्टम्स खरीदे और उन्हें शादी और अन्य आयोजनों में उन्हें किराए पर देना शुरु कर दिया। शुरुआत में तो उन्हें 350 रुपये तक मिल जाते थे। लेकिन धीर-धीरे उनका यह बिज़नेस चल पड़ा और आज उनकी फर्म जीके डेकोरेटर्स का टर्न ओवर लाखों में है। वो लाखों में पैसा कमा रहे हैं। अब वो मेगा इवेंट्स का आयोजन करते हैं।

40 लोगों को दे रहे हैं रोजगार

जीके डेकोरेटर्स पिछले 16 सालों से शादियों और आयोजनों में अपनी सेवाएं दे रहा है। वर्तमान समय में इस फर्म में आज 40 लोग काम करते हैं। गणेश कहते हैं, ‘आज भले ही मैं खुद अपने हाथ से खाना नहीं खा पाता हूं लेकिन मेरा वेंचर 40 लोगों और उनके परिवार का पेट भर रहा है।’

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