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समलैंगिक जोड़ा मना रहे हैं करवा चौथ, डाबर के विज्ञापन से मचा बवाल, आग बबूला हुए लोग

त्योहारों का सीजन शुरू हो चुका है, ऐसे में हर छोटे बड़े ब्रांड अपने उत्पादों को लेकर नए-नए विज्ञापनों की तैयारी में लगे हुए हैं। हर कोई अपने उत्पादों की सही बिक्री के लिए अलग-अलग अंदाज में विज्ञापन बनाते हैं और उन्हें प्रसारित करते हैं। एक ऐसा ही विज्ञापन इन दिनों सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बना हुआ है। यह विज्ञापन करवा चौथ से पहले ही प्रसारित कर दिया गया है, लेकिन लोगों में इसे लेकर काफी गुस्सा है।

dabur karwa chauth ad

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दरअसल, यह विज्ञापन डाबर के उत्पाद फेम क्रीम गोल्ड ब्लीच का है। इस विज्ञापन में एक समलैंगिक जोड़े को करवा चौथ मनाते हुए दिखाया जा रहा है। कुछ लोगों को तो यह विज्ञापन बहुत पसंद आ रहा है लेकिन कुछ लोगों के गले से ये बात नहीं उतर रही है कि एक समलैंगिक जोड़ा करवा चौथ मना रहा है। ऐसे में सोशल मीडिया पर इस विज्ञापन को लेकर जंग छिड़ चुकी है और लोगों ने इसे दो हिस्सों में बांट दिया। सोशल मीडिया पर इस विज्ञापन से लेकर मिली जुली प्रतिक्रिया आ रही है।


विज्ञापन में आप देख सकते हैं कि, दो महिलाएं करवा चौथ की तैयारी करती है। एक महिला दूसरे के चेहरे पर ब्लीच लगाते नजर आ रही है तो साथ ही इस त्योहार का महत्व भी समझा रही है। इसी दौरान इन दोनों महिलाओं के बीच एक और महिला शामिल हो जाती है और दोनों को एक-एक साड़ी भी गिफ्ट करती है। विज्ञापन के अंत में बताया जाता है कि दोनों महिलाएं पारंपरिक तरीके से व्रत को खोलती है।


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इस विज्ञापन पर निवेद नाम के एक यूजर ने कमेंट कर कहा कि, “मुझे यह विज्ञापन बहुत पसंद आया। एक अलग एंगल से इसे बनाया गया है लेकिन इसके लिए स्क्रीन का फेयर होना जरूरी है क्या? इसके अलावा दूसरे यूजर ने लिखा कि, “प्यार तो प्यार है लेकिन क्या इसके लिए स्किन का फेयर होना जरूरी है? वहीं एक यूजर ने लिखा कि, “यह देख कर बहुत अच्छा लगा कि समावेशी विज्ञापन केवल हिंदू त्योहार और परंपराओं के साथ किए जा सकते हैं क्योंकि हिंदू धर्म भेदभाव नहीं करता और सभी को स्वीकार करता है।”

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जबकि कुछ लोगों का कहना है कि, “वे पश्चिमी विचारों को दिखाकर हिंदी रीति रिवाज को बदनाम क्यों कर रहे हैं? यह हमारी संस्कृति के खिलाफ है।” इसके अलावा इस विज्ञापन का विरोध करने वालों का कहना है कि इस तरह का विज्ञापन से हिंदू की भावनाएं आहत होती है। एक यूजर ने कहा कि, “समलैंगिक करवा चौथ क्यों मनाएंगे।?”

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क्यों मनाया जाता है करवा चौथ?
बता दें, करवा चौथ के दिन सुहागिन महिलाएं अपनी पति की दीर्घायु की कामना करती हैं। इस दिन महिलाएं निर्जल व्रत रखती हैं और शाम को करवा माता की पूजा करती है। वहीं पौराणिक कथा के अनुसार, पतिव्रता सती सावित्री के पति सत्‍यवान को लेने जब यमराज आते हैं तो वह अपने पति को ले जाने से इंकार कर देती है और पति को जीवित करने की प्रार्थना करती है। लेकिन फिर भी यमराज उसके पति को ले जाते हैं ऐसे में सती अन्‍न जल त्‍यागकर विलाप करने लगती है।

इतना ही नहीं बल्कि सती अपने पति के प्राण के लिए यमराज से भी लड़ जाती है और फिर उसकी हठ के आगे स्वयं यमराज को भी झुकना पड़ता है और फिर वे सत्यवान को जीवित कर देते हैं। सति सावित्री का सौभाग्य अमर रहा, ठीक उसी तरह महिलाएं भी अपने सौभाग्य को अमर करने के लिए करवा चौथ व्रत रखती है।

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