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चार किसान भाइयों ने इकलौती बहन को 500-500 के नोट से सजी ओढ़ाई चुनरी, मायरे में भरे 71 लाख रुपए

बहनों के मायरा भरने के लिए नागौर प्रसिद्ध है। हर वर्ष यहां कोई ना कोई ऐसा मायरा भर देता है जिसकी वजह से इस मायरा की चर्चा चारों तरफ फैल जाती है। पिछले ही साल एक ऐसी खबर सामने आई थी कि बोरों में रुपए भरकर लाए भाइयों ने मायरा भरा था लेकिन इस साल 71 लाख का मायरा भरने की खूब चर्चा हो रही है। नागौर जिले में मायरे की परंपरा अनोखी रही और हमेशा से ही ऐसे ही मायरे भरे जाते हैं।

जैसा कि हम सभी लोग जानते हैं आजकल सोशल मीडिया का जमाना है। ऐसे में जब कोई मायरा भरता है तो इसकी चर्चा हर तरफ फैल जाती। इसी बीच राजस्थान के नागौर जिले का एक और मायरा चर्चा का विषय बना हुआ है। यहां पर अपने दिवंगत भाई की इच्छा पूरी करने के लिए उसके चार छोटे किसान भाइयों ने अपनी इकलौती बहन की बेटियों की शादी में 71 लाख का मायरा भरा है।

दो भांजी की शादी के लिए यह मामा कई साल से रुपए जोड़ रहे थे। भाइयों ने बहन को मायरा (भात) में 51 लाख रुपए नगद, 20 लाख रुपए के आभूषण और अन्य सामान मायरे में भेंट किया। इतना ही नहीं बल्कि भाइयों ने बहन को 500-500 रुपए के नोटों से सजी चुनरी भी ओढ़ाई। जब थाली में नोट और जेवरात भरकर लाए तो सभी हैरान हो गए। वहीं भाइयों के इस प्यार को देखकर एकलौती बहन की खुशी का कोई ठिकाना नहीं रहा और उसकी आंखों से आंसू निकल पड़े।

मंगलवार को प्रियंका और स्वाति की शादी

नागौर जिले में जायल के राजोद गांव निवासी मगनाराम के द्वारा ऐसा बताया गया कि नागौर जिले के लाडनूं शहर की रहने वाली सीता देवी की दो बेटियां हैं, जिनका नाम प्रियंका (27) और स्वाति (25) है। इन दोनों बेटियों की शादी मंगलवार को थी। पांच भाइयों के बीच सीता देवी एकलौती बहन हैं।

सीता देवी के दूसरे बड़े भाई सुखदेव की इच्छा थी की बहन सीता के मायरा जब भी भरे उसकी हर तरफ चर्चा हो। सुखदेव की तीन साल पहले ही मृत्यु हो गई थी। मायरा में किसी भी तरह की कमी ना रहे इस पर नागौर जिले के जायल तहसील में राजोद गांव के निवासी चारों भाई मगनाराम, सहदेव, जगदीश और जेनाराम 71 लाख का मायरा लेकर पहुंचे।

थाली में 51 लाख 11 हजार रुपए लेकर पहुंचे चारों भाई

मगनाराम के द्वारा ऐसा बताया गया कि बड़े भाई की इच्छा के मुताबिक 30 साल से वह रुपए जमा कर रहे थे। शुरू से ही परिवार की इच्छा थी कि दो भांजी का मायरा गाजे-बाजे के साथ भरा जाए इ.स पर चारों भाई थाली में 51 लाख 11 हजार रुपए, 25 तोला सोना और 1 किलो चांदी के आभूषण लेकर अपनी इकलौती बहन सीता देवी के घर पहुंचे।

बहन की आंखों से छलक पड़े आंसू

बहन के ससुराल वालों को भी सोने-चांदी के आभूषण गिफ्ट के तौर पर दिए। नगदी के साथ सोने और चांदी की कीमत को जोड़कर यह मायरा करीब 71 लाख का भरा गया। भाइयों के इस प्यार को देखकर एकलौती बहन फूली नहीं समाई। इतना महंगा मायरा देखकर बहन की आंखों से आंसू निकल पड़े।

भात भरना क्या होता है?

आपको बता दें कि राजस्थान में बहन के बेटा-बेटी की शादी में ननिहाल पक्ष की तरफ से मायरा लेकर पहुंचने की रस्म है, जिसे स्थानीय भाषा में बहन के भात भरना भी कहा जाता है। नागौर के मायरे खासे चर्चित रहते हैं। लाखों रुपए नगद और आभूषण लेकर यहां पर कई भाई मायरा भरने आते हैं।

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