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काम्या पंजाबी ने कहा 10 साल बर्दास्त करने के बाद छोड़ा पति, रोज़ मेरी हालत ख़राब होती गयी..

टीवी एक्ट्रेस काम्या पंजाबी (kamya panjabi) टीवी का एक बड़ा नाम बन चुकी है. 41 साल की उम्र में भी वह पूरी तरह से एक्टिव है. लेकिन उनकी निजी जिंदगी बड़ी ही उतार चढ़ाव भरी लगती है. काम्या पंजाबी ने पिछले साल 2020 में एक बेटे के पिता और बिजनेसमैन शलभ डांग (shalabh dang) शादी की थी.

मगर इस शादी से पहले उन्होंने 2003 में बिजनेसमैन बंटी नेगी (bunty negi) के साथ सात फेरे लिए थे. मगर इस शादी के महज़ 10 सालों बाद ही दोनों का तलाक हो गया था. कपल की एक बेटी है आरा (aara), जो अब मम्मी के साथ ही रहती है. अब काम्या ने इस शादी के टूटने के तक़रीबन 8 साल बाद इस रिश्ते के खत्म होने की वजह बताई है.

इसका खुलासा उन्होंने एक इंटरव्यू में किया. उन्होंने कहा शादी में दस साल के दौरान उन्होंने कई बार अपने पति बंटी को सुधरने के मौके दिए. इसके बाद बंटी को एक हद तक बर्दाश्त करने के बाद उन्होंने उनसे अलग होने का फैसला कर लिया. उन्होंने इस समय में कई बार बंटी को अवसर दिए, मगर बंटी ने शादी को बचाने के लिए कुछ भी नहीं किया. मैंने उसे बचाने के लिए बहुत कुछ किया. मैं अलग नहीं होना चाहती थी. मैंने हर बात को बर्दाश्त किया. मगर हमारी किस्मत को कुछ और ही मंजूर था.

काम्या ने इस इंटरव्यू के दौरान यह भी बताया कि, मैं खुश नहीं थी और काफी कमजोर महसूस करती थी. इस दौरान मैंने उसे एक और मौका दिया और बंटी के पास गई. मैं बाद में किसी भी बात का पश्चाताप नहीं करना चाहती थी. मैंने इस रिश्ते को बचाने के लिए सब कुछ किया. इसी दौरान आरा का जन्म हुआ. लेकिन इसके बाद भी चीजे सही नहीं हो पाई. इसलिए मैंने अलग होना ही सही समझा. एक्ट्रेस ने बताया इसके बाद मैंने अपने माता-पिता और कुछ करीबी दोस्तों से भी बात की. मेरे दोस्त चाहते थे कि मैं इस रिश्ते को ख़त्म कर दूँ. मैंने इसे पूरी तरह से तब खत्म किया, जब बंटी का रोड एक्सीडेंट हुआ और वो बेड रेस्ट पर था.

kamya panjabi

मैंने इस दौरान ध्यान देने शुरू किया कि मैं उसके लिए कितना कुछ कर रही हूं पर फिर भी वह मुझ पर ध्यान नहीं दे रहा था. इस दौरान हम दोनों की लड़ाइयां होने लगी. इसी दौरान मुझे लगा कि स्तिथि को बेहतर करने के लिए हमें अब एक-दूसरे से अलग हो जाना ही चाहिए. इसके बाद मैंने उस घर से अपना हैंडबैग लिया और बाहर चली आई. मैं वहां से अपनी माँ के घर आ गई और मेरी नामौजूदगी में उन्होने आरा का काफी अच्छे ध्यान रखा. मैं उस समय होटल में अकेली ही थी, मैंने बंटी के सही होने का इन्तजार भी किया. ताकि वह अपने रहने के लिए सही जगह ढूंढ ले.

उन्होंने आज अपने और बंटी के रिश्ते को लेकर कहा कि, हम सौहार्दपूर्ण हैं. मैंने आरा को उसके पिता से कभी नहीं दूर रखा. मैंने उसे ये भी बताया कि हमारी एक साथ नहीं बनती है. मगर उसे ये नहीं पता है कि हमारी लड़ाइयां आखिर किस बात पर होती थी. उसका बचपन इन सब बातों से दूर होना चाहिए. बंटी ने भी इन बातों को काफी अच्छे से समझ लिया है. आरा बंटी से रोज मिलती है.

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