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एक नहीं पांच बार सरकारी परीक्षा दी और पास होकर पाँचों नौकरियों को ज्वाइन किया इस युवक ने

'कौन कहता है कि आसमां में सुराख नहीं हो सकता..' इस युवक का पांचवी बार हुआ सरकारी नौकरी में चयन

आज के समय में युवाओं के पास नौकरी नहीं है. तमाम पढ़े लिखे युवा किसी भी तरह की नौकरी के लिए काफी परेशान होते नज़र आते है. ऐसे में जिनके पास नौकरी है वह भी नौकरी की अनिश्चितता को लेकर परेशान है. देश के तमाम युवा निश्चितता पाने के लिए सरकारी नौकरी की तरफ दौड़ रहे है. ऐसे में हर साल लाखो युवा एग्जाम देने के लिए लाइन में लगे रहते है. इस वजह से परीक्षा भी काफी कठिन हो जाती है. ऐसे में किसी का एक बार किसी भी नौकरी में चयन होना बहुत बड़ी बात होती है. ऐसे में आज हम आपको एक ऐसे शख्स के बारे में बताने जा रहे है, जिसने एक बार नहीं बल्कि कई बार सरकारी एग्जाम को क्लियर किया है.

Shyamsundar Pareek

पीपलू उपखंड क्षेत्र के चौगाई ग्राम पंचायत के ब्रांच पोस्टमास्टर घनश्याम पारीक के पुत्र श्यामसुंदर पारीक ने 27 वर्ष की उम्र में एक बार नहीं बल्कि पांच बार सरकारी नौकरी में चयनित होकर क्षेत्र में मेहनत करने पर सफलता अवश्य मिलने की कहावत को सच साबित किया है. चौगाई के रहने वाले श्यामसुंदर पारीक ने 18 जून शुक्रवार शाम को राजस्थान लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित की गई संस्कृत शिक्षा विभाग की 58 पदों की प्राध्यापक सामान्य व्याकरण विद्यालय प्रतियोगी परीक्षा 2018 के परिणाम में पूरे राजस्थान में पांचवी रैंक हासिल की हैं.

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इसके साथ ही उन्होंने 2021 – 9 जून को राजस्थान लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित संस्कृत शिक्षा विभाग की 52 पदों की प्राध्यापक व्याकरण भर्ती परीक्षा 2018 के आए परिणाम में आल राजस्थान में दूसरा स्थान हासिल किया है. इसके पहले भी श्यामसुंदर का तृतीय श्रेणी अध्यापक भर्ती 2018 में 61 वीं रैंक, उसके पहले वरिष्ठ अध्यापक भर्ती परीक्षा 2016 में 58 वीं रैंक, स्कूल व्याख्याता भर्ती परीक्षा 2018 माध्यमिक शिक्षा विभाग में 23 वीं रैंक के साथ चयन हो चुका है.

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इसमें सबसे गौर करने वाली बात यह है कि श्यामसुंदर ने सभी नौकरियों को ज्वाइन भी किया है. वहीं हाल ही में वह जिस परीक्षा में चयनित हुए है उसे भी ज्वाइन करेंगे. श्यामसुंदर पारीक हालिया भीलवाड़ा जिले के राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय सांखड़ा कोटड़ी में व्याख्याता पद पर अपनी सेवायें दे रहे है. श्यामसुंदर की सफलता के बाद से ही उनके घर में जश्न का माहौल है. इसके साथ ही ग्रामीणों द्वारा उनका सम्मान भी किया गया है.

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आपको बता दें कि श्यामसुंदर ने रीट परीक्षा 2015 में 80 प्रतिशत अंक हासिल किये थे. इसके बाद 2016 से 2020 तक लगातार यूजीसी नेट पास की है. श्यामसुंदर ने यूजीसी नेट में भी आल इंडिया टॉप 99.95 प्रतिशत स्कोर से जेआरएफ अवार्ड को अपने नाम कर सभी को अचम्भित किया था. इसके साथ ही उन्होंने इस बात का भी खुलासा किया कि, उन्होंने आज तक किसी भी तरह की कोई कोचिंग क्लास नहीं ली है. उन्होंने अपने स्तर पर ही सभी परीक्षा की तैयारी की है. श्यामसुंदर ने यह भी बताया कि वह सोशल मीडिया पर एक्टिव नहीं रहते है.

श्यामसुंदर ने अपनी मेहनत और लगन से ये साबित किया है कि अगर मन में ठान ली जाए तो कोई भी काम कठिन नहीं होता. वह उन छात्रों के लिए उदाहरण है जो सरकारी परीक्षा की तैयारी कर रहे है.

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