कैप्टन विक्रम बत्रा के सफर पर सिद्धार्थ मल्होत्रा ने सुनाई इमोशनल कविता, देखें Video
फिल्म ‘शेरशाह’ इस समय जनता और क्रिटिक्स दोनों की पसंद बनी हुई है। कैप्टन विक्रम बत्रा की लाइफ पर बनी इस फिल्म में सिद्धार्थ मल्होत्रा लीड रोल में हैं। उन्होंने कारगिल युद्ध के जाबाज़ विक्रम बत्रा का किरदार निभाया है। फिल्म की कहानी देख लोगों के रोंगटे खड़े हो गए, वहीं कुछ सीन्स ऐसे भी थे जो हमारी आंखें नम कर गए। फिल्म में सिद्धार्थ मल्होत्रा ने जिस तरह से कैप्टन बत्रा का किरदार निभाया है उसकी बड़ी तारीफ हो रही है।
अपने इस रोल के बारे में सिद्धार्थ ने एक इंटरव्यूज में चर्चा भी की थी। उन्होंने बताया था कि उनके लिए कैप्टन विक्रम बत्रा का किरदार निभाना बड़ा ही चुनौतीपूर्ण था। विक्रम भारत के रियल हीरो थे, ऐसे में उन्हें उनका किरदार पूर्ण सम्मान के साथ स्क्रीन पर दिखाना था। यह करते हुए उन्हें अपने ऊपर एक बड़ी ज़िम्मेदारी का एहसास हुआ। इसलिए उन्होंने इस किरदार के लिए बहुत मेहनत की। आखिर जब फिल्म सिल्वर स्क्रीन पर आई तो दर्शकों को वे कैप्टन बत्रा के किरदार में भा गए। अब हर तरफ उनकी तारीफ हो रही है।
इस रोल को करते हुए सिद्धार्थ खुद भी भारत-पाकिस्तान युद्ध के हीरो कैप्टन बत्रा से प्रेरित हो हो गए हैं। वे उनके साथ एक अलग जुड़ाव फिल कर रहे हैं। ऐसे में हाल ही में सिद्धार्थ विक्रम बत्रा के सफ़र को एक कविता में पिरोते हुए नजर आए। उन्होंने विक्रम बत्रा के सफ़र पर एक ऐसी र कविता पढ़ी जो लोगों का दिल जीत रही है। इस कविता को लोग बहुत पसंद कर रहे हैं। यह कविता 24 साल की उम्र में अपना जीवन देश के नाम करने वाले कैप्टन बत्रा के सफ़र को बखूबी सुनाती है। ये कविता इस प्रकार है –
खिलखिलाती हंसी, चेहरा हमेशा खुशहाल।
सोचता था फौज में भर्ती होकर, इस मिट्टी के लिए कुछ करूंगा।
जिस मिट्टी ने जन्म दिया, उसके लिए तो हर मैदान फतेह करूंगा।
पढ़ाई, नौकरी, यारी सब में अव्वल रहा वो,
जब वतन की पुकार सुनी, तो देखो एक फौजी भी बन गया वो।
मेहनत करी, ऊंचाइयाँ चढ़ी, पहाड़ों की गोद में बैठकर कारगिल की जंग लड़ी।
अपने घर में आप महफूज रहें, इस जज़्बात के लिए लड़ा था वो,
अरे अपनी जान से पहले, अपने वीरों की जान के लिए खड़ा था वो।
ये दिल मांगे मोर था उसका फितूर,
कोई आंख उठाकर देख ले उसके वतन को, ना था उसे ये मंजूर।
अपनी भारत माता के लिए हँसते हँसते अपने प्राण न्योछावर कर गया।
परमवीर तो घर ले आया, पर वह वीर खुद न लौट पाया।
साल बावीस हो या बययासी, सबको याद रहेगा जो,
जिसके नाम का अर्थ ही था वीरता, हमारा कैप्टन विक्रम बत्रा था वो।
हर धड़कन में जा बसता, था वह ऐसा चहेता नूर,
शेरशाह का खिताब दिया उसे, रहेगा वह हमेशा देश का गुरूर।
देखें वीडियो
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गौरतलब है कि फिल्म में सिद्धार्थ मल्होत्रा के अलावा कियारा अडवाणी भी हैं। कियारा ने फिल्म में विक्रम बत्रा की गर्लफ्रेंड का रोल किया है। फिल्म में उनके अभिनय की भी बहुत तारीफ हो रही है। फिल्म को विष्णु वर्धन ने डायरेक्ट किया है।