दुल्हन की रीढ़ की हड्डी टूटने के बाद भी दूल्हे ने उसे ही अपनी जीवनसंगिनी बनाया, पेश की मिसाल
विवाह फिल्म की तरह दूल्हे ने रचाई अपनी दुल्हन से शादी, शादी से पहले टूटी दुल्हन की रीढ़ की हड्डी
शादी एक ऐसी रस्म जिसका सपना हर एक भारतीय देखता है. हर कोई अपनी शादी को यादगार बनाना चाहता है. शादी के लिए हर कोई बहुत सारी तैयारी करता है. इतना ही नहीं बॉलीवुड में भी शादी को लेकर कई सारी फिल्मे बनी है. साल 2006 में बनी सूरज बड़जात्या की फ़िल्म ‘विवाह’ को अब तक की सबसे शानदार फिल्म कहा जा सकता है. इस फिल्म की कहानी हर किसी के दिल में उतर गई थी. इसमें दुल्हन बनने वाली अमृता राव अपनी चचेरी बहन को बचाने के चक्कर में शादी के दिन आग से जल जाती हैं.
अमृता के फिल्म में जल जाने के बाद भी शाहिद कपूर उन्हीं से शादी करते हैं. वह रील लाइफ की पिक्चर है जो की काफी हिट भी हुई थी. देश भर में इस फिल्म को काफी पसंद भी किया गया था. मगर यूपी के प्रयागराज में भी ऐसा ही कुछ देखने को मिला. यह मामला संगम नगरी प्रयागराज में देखने को मिला जहां हाथों में मेहंदी लगी अस्पताल के बेड पर पड़ी नई नवेली दुल्हन का नाम आरती है और उसके पास बैठा युवक उसका पति अवधेश है जो कि अपनी पत्नी की देखरेख में लगा हुआ है.
जानकारी के मुताबिक प्रतापगढ़ के कुंडा इलाके में रहने वाली आरती की शादी की तैयारियां पूरी हो चुकी थी. 8 दिसम्बर के दिन उसकी बारात आने की तैयारी की जा रही थी. इस दौरान आरती दोपहर में छत पर खेल रहे अपने तीन साल के भतीजे को बचाने के चक्कर में छत से नीचे गिर गई. इस हादसे में उसकी रीढ़ की हड्डी पूरी तरह से टूट गई. वही उसके दोनों पैरों की ताकत भी चली गई. इस घटना के बाद उसे घर वालों ने उसे प्रयागराज के एक निजी अस्पताल में एडमिट कराया था.
इस मामले की पूरी जानकारी दूल्हे अवधेश के घर वालों को दी गई. उसके घर से दी लोग पता करने पहुंचे. इस मामले की सच्चाई और जानकारी दूल्हे को भी दी गई. आरती की हालत देख उसके घर वालों ने उसके दूल्हे को उसकी छोटी बहन से शादी करने की बात कही. लेकिन अवधेश ने ठान लिया था कि, वह शादी करेगा तो सिर्फ आरती से ही. आरती ही उसकी जीवनसंगिनी बनेगी चाहे कुछ भी हो, वो जीवन भर उसका साथ निभाएगा.
अवधेश अपनी धर्म पत्नी आरती का पूरा ध्यान रखता है. पास खड़े रिश्तेदार और घरवाले इन दोनों के हौसले और हिम्मत के कायल हो गए. वहीं, आरती के घरवाले डॉक्टर से बातचीत कर एक दिन के लिए उसे एम्बुलेंस से दोबारा कुंडा ले गए जहां उसके दूल्हे अवधेश और बेड में लेटे हुए आरती के सात फेरे और रस्म को पूरा किया जा सके. रस्म होने के बाद आरती को वापस से उसी अस्पताल में भर्ती करा दिया गया.
अवधेश और आरती इस रिश्ते से काफी खुश है. दोनों ने ही एक दूसरे का साथ देकर समाज के लिए एक नई मिसाल पेश की है. दोनों ही प्यार करने वालो के लिए आदर्श बन बैठे है. अब ये रियल लाइफ हीरो है. इन दोनों के इस फैसले से हर कोई इनकी जमकर तारीफ कर रहा है.