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श्री कृष्ण की लीला देखने के लिए वृंदावन के वन में छिपी बिहार की छात्रा, जानिए फिर क्या हुआ?

देश में जन्माष्टमी का त्यौहार बड़ी ही धूमधाम के साथ लोग मनाते हैं। ऐसा बताया जाता है कि इसी दिन भगवान कृष्ण जी का जन्म हुआ था और जन्माष्टमी का पर्व भगवान कृष्ण जी के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है। भगवान कृष्ण जी का बचपन मथुरा में ही व्यतीत हुआ है। वृंदावन के निधिवन में आज भी यह बात बहुत प्रचलित है कि निधिवन में भगवान कृष्ण जी और राधा आधी रात के बाद रास रचाते हैं। शाम होते ही निधिवन को खाली कर दिया जाता है।

 

मौजूदा समय में बहुत से लोग ऐसे हैं जिनको वृंदावन के निधिवन में भगवान श्री कृष्ण जी की लीला देखने की जिज्ञासा रहती है परंतु आज तक कोई भी नहीं देख पाया है। इसी बीच एक ऐसा मामला सामने आया है जिसमें एक युवती अपने घर पर बिना किसी को बताए बिहार से वृंदावन आ गई और वह झाड़ियों में छुपकर रात होने का इंतजार करने लगी। जब रात होने से पहले निधिवन के पुजारी और अन्य कर्मचारी दर्शन करने वाले लोगों को बाहर निकालने लगे। तभी छुपी हुई लड़की पर सेवायत गोस्वामी की नजर पड़ गई।

जब गोस्वामी भीकचंद ने वन से बाहर निकलने के लिए उस युवती को आवाज लगाई तो वह झाड़ियों से निकलने के लिए बिल्कुल भी तैयार नहीं हुई थी। उस युवती का ऐसा कहना था कि मैं यह देखने आई हूं कि श्री कृष्ण आज भी रास रचाते हैं या नहीं। तब गोस्वामी ने उस युवती से कहा कि रात के समय इस वन में किसी को भी रुकने की अनुमति नहीं है। सभी दर्शनार्थी रात होने से पहले इस वन से बाहर चले जाते हैं इसलिए तुम भी यहां नहीं रुक सकती लेकिन फिर भी वह युवती रास की सच्चाई पता करने की जिद पर अड़ी रही।

गोस्वामी ने उस युवती को बाहर निकालने की खूब कोशिश की परंतु वह अपनी जिद पर अड़ी रही और लगातार बहसबाजी करती रही जिसे देखने के बाद वहां पर लोगों की भीड़ धीरे-धीरे इकट्ठी होने लगी। इसी बीच पुलिस एवं सामाजिक कार्यकर्ता भी वहां पर पहुंच गए। एक सामाजिक कार्यकर्ता की सहायता से उस युवती को किसी तरह बाहर निकाल लिया गया था।

जब उस युवती से पूछताछ की गई तो उसने बताया कि वह मेडिकल की छात्रा है और बिहार की रहने वाली है। डिग्री कॉलेज प्रवक्ता एवं सामाजिक कार्यकर्ता लक्ष्मी गौतम के अनुसार, वह युवती इन दिनों मेडिकल प्रवेश परीक्षा की तैयारी कर रही है। उन्होंने बताया कि इस युवती ने स्वास्थ्य जांच के नाम पर पिता से 1500 रूपए लिए और वह वृदावन पहुंच गई।

ऐसा बताया जा रहा है कि उस युवती ने अपने घरवालों से यह बात छुपाई थी कि वह निधिवन देखने जा रही है। इस युवती ने वृंदावन में शनिवार-रविवार को भी मंदिर में रुकने की कोशिश की थी परंतु पुजारियों ने उसे रुकने नहीं दिया जिसके बाद निधिवन में छुपने के लिए उस युवती ने ये कदम उठाया। जब वृंदावन कोतवाली के प्रभारी फूलचंद्र वर्मा ने युवती के बारे में पता लगाया तो उन्होंने ऐसा कहा कि यह युवती पटना से आई थी। उसके पिताजी दाल के व्यापारी हैं। युवती के बारे में सूचना उसके पिताजी को दे दी गई और पिता जब बिहार से वृंदावन पहुंचे तो युवती को उनके हवाले कर दिया गया।

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