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आखिर बीवी-बच्चों को छोड़ सन्यासी क्यों बने थे विनोद खन्ना, पिता के निधन के बाद बेटे ने खोला राज

आप सभी लोग स्पिरिचुअल गुरु ओशो रजनीश के नाम के बारे में तो जानते ही होंगे। ओशो एक भारतीय रहस्यवादी, गुरु और शिक्षक थे जिन्होंने ध्यान के लिए आध्यात्मिक अभ्यास बनाया था। ओशो रजनीश का जन्म 11 दिसंबर 1931 को मध्यप्रदेश के रायसेन जिले के एक छोटे से भारतीय गांव कुचवाड़ा में बाबूलाल और सरस्वती जैन के ग्यारह बच्चों के रूप में हुआ था। ओशो का निधन 19 जनवरी 1990 को 58 वर्ष की आयु में पुणे में हुआ था। ओशो शब्द लैटिन भाषा के शब्द ओशोनिक से लिया गया है, जिसका अर्थ है सागर में विलीन हो जाना।

आपको बता दें कि 1960 के दशक में वह आचार्य रजनीश के नाम से जाने जाते थे और 1970-1980 के दशक में वह भगवान श्री रजनीश के नाम से जाने जाने लगे। इसके बाद 1989 से उन्होंने अपना नाम छोटा कर लिया और वह केवल ओशो के नाम से जाने जाने लगे। पूरे विश्वभर में उनके लाखों अनुयायी है और हजारों की तादात में उनके विरोधी भी हैं।

ओशो के अनुयायी में बॉलीवुड के मशहूर अभिनेता विनोद खन्ना भी थे। भले ही विनोद खन्ना अब हमारे बीच नहीं रहे परंतु जब विनोद खन्ना का फिल्मी करियर पीक पर था तो उन्होंने ग्लैमर्स इंडस्ट्री को छोड़कर साधारण जीवन व्यतीत करने का फैसला कर लिया। विनोद खन्ना मायानगरी को छोड़कर ओशो के आश्रम में जाकर बस गए थे। आखिर विनोद खन्ना ने अपने बीवी-बच्चों को छोड़कर सन्यासी बनने का फैसला क्यों किया? अभिनेता के निधन के करीब 2 साल बाद उनके बेटे अक्षय खन्ना ने इस राज के बारे में बताया है।

जैसा कि हम सभी लोग जानते हैं विनोद खन्ना भारतीय सिनेमा में वह सितारा थे जो सिनेमा जगत के आकाश में हमेशा ध्रुव तारे की तरह रोशन रहे। विनोद खन्ना ने अपने फिल्मी करियर में ढेर सारी फिल्मों में काम किया है और उन्होंने अपने बेहतरीन अभिनय के बलबूते दर्शकों के दिलों में एक खास जगह बनाई। शुरुआती समय में उन्होंने कई छोटे-मोटे और नकारात्मक रोल निभाए, परंतु बाद में उन्होंने कई बड़ी और सुपरहिट फिल्मों में काम किया।

जय विनोद खन्ना का करियर उचाईयों पर था तो उन्होंने इंडस्ट्री को छोड़कर साधारण जिंदगी जीने का फैसला कर लिया। आपको बता दें कि विनोद खन्ना 1982 में सब कुछ छोड़कर ओशो की शरण में चले गए थे और करीब 10 सालों तक वह इंडस्ट्री से दूर हो गए थे। विनोद खन्ना के निधन के बाद उनके बेटे अक्षय खन्ना ने इस राज से पर्दा उठाया हैं कि आखिर उनके पिताजी अपनी बीवी-बच्चों को छोड़कर सन्यासी क्यों बन गए थे।

एक इंटरव्यू के दौरान अक्षय खन्ना ने यह बताया था कि “सन्यासी जीवन की दिशा बदल देने वाला फैसला होता है। मेरे पापा को जब लगा कि उन्हें यह करना चाहिए तो उन्होंने यह किया। जब मैं 5 साल का था तब मैं यह बात नहीं समझ सकता था लेकिन अब मैं यह बात समझ सकता हूं।” ऐसा बताया जाता है कि लोगों का ओशो से मोहभंग हो गया था इसलिए विनोद खन्ना अपनी पुरानी जिंदगी में वापस आ गए थे।

जब यह सवाल अक्षय खन्ना से किया गया तो उन्होंने इस सवाल का जवाब देते हुए यह बताया था कि “जितना उन्होंने इस बारे में अपने पापा से बात की और समझा तो उनकी वापसी की यह वजह नहीं थी। दरअसल, धर्म-संप्रदाय से मोहभंग हो गया था, जिसके बाद सभी को अपनी राह खोजनी पड़ी।” उन्होंने बताया कि “उनके पिता भी उसी वक्त आए। अगर ऐसा नहीं होता तो वह कभी भी वापस नहीं आते।”

आपको बता दें कि 27 अप्रैल 2017 को विनोद खन्ना का निधन हो गया था। वह अपने अंतिम समय में ब्लैडर कैंसर से जूझ रहे थे। जब विनोद खन्ना की मृत्यु हो गई तो बाद में उनके बच्चों को बहुत कुछ झेलना पड़ा था। जब विनोद खन्ना की पत्नी गीतांजलि अपने दोनों बेटों अक्षय खन्ना और राहुल खन्ना को स्कूल छोड़ने के लिए जाया करती थीं तो सभी बच्चे उन्हें यह कहकर चिढ़ाते थे कि तुम्हारा बाप अपने गुरु के साथ भाग गया।

गीतांजलि इस तरह के गाने सुनकर बहुत ज्यादा चिंतित रहने लगी थीं। ऐसा बताया जाता है कि विनोद खन्ना से गीतांजलि ने इसी कारण से तलाक लेकर अलग होने का फैसला किया। आपको बता दें कि जब विनोद खन्ना ने साल 1990 में फिल्मों में दोबारा जो वापसी की थी तो उन्होंने दोबारा शादी कर ली थी। दूसरी शादी से साक्षी खन्ना का जन्म हुआ।

अगर हम अक्षय खन्ना की बात करें तो अक्षय खन्ना ने हिंदी सिनेमा में फिल्म “हिमालय पुत्र” से अपना कदम रखा था परंतु यह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर कुछ खास कमाल नहीं कर पाई। उसके बाद वह मल्टीस्टारर फिल्म “बॉर्डर” में नजर आए और उनके अभिनय की लोगों ने खूब तारीफ की। इस फिल्म के बाद उन्होंने कई बेहतरीन फिल्मों में काम किया। यहीं उनके भाई राहुल खन्ना भी अभिनय करते हैं परंतु अक्षय खन्ना जैसी लोकप्रियता उन्हें प्राप्त नहीं हो पाई।

बता दें कि अक्षय खन्ना ने अभी शादी नहीं की है। उन्होंने एक इंटरव्यू के दौरान साल 2017 में शादी ना करने के पीछे का कारण बताया था। उन्होंने कहा था कि “मैं कमिटमेंट नहीं कर सकता और इसी वजह से मैं लंबे समय तक किसी एक रिलेशनशिप में नहीं रह सकता। ज्यादातर लोगों को लंबे वक्त तक एक ही रिलेशनशिप में रहना अच्छा लगता है, लेकिन मेरे साथ ऐसा नहीं है। मुझे लगता है कि जब मन करे एक रिलेशनशिप से दूसरे में जाने की फ्रीडम होनी चाहिए।

बताते चलें कि अक्षय खन्ना के बड़े भाई राहुल खन्ना ने फिल्म “अर्थ” से बॉलीवुड में बतौर अभिनेता अपने फिल्मी करियर की शुरुआत की थी। अर्थ फिल्म के लिए राहुल को बेस्ट मेल डेब्यू के पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। इसके बाद उन्होंने और भी कई फिल्मों में काम किया परंतु वह अपने भाई अक्षय जैसे पॉपुलर नहीं हो पाए।

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