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इस राजा की थी 365 रानियां, इस तरह रात गुजारने के लिए इस तरह बारी का होता था फैसला

शादी को बहुत ही पवित्र बंधन माना जाता है। शादी के रिश्ते में दो लोग जीवन भर के लिए एक-दूसरे का साथ निभाने का वचन देते हैं। वैसे देखा जाए तो पुरुष अपने जीवन में एक ही शादी कर सकता है। अगर एक से ज्यादा शादी की जाए तो यह जुर्म माना गया है। यही कानून महिलाओं पर भी लागू होता है। महिलाएं भी एक से अधिक पति तब तक नहीं रख सकतीं, जब तक उनका तलाक ना हुआ हो, या फिर पति की मृत्यु ना हो गई हो। परंतु अगर हम राजा-महाराजाओं के जमाने की बात करें तो उस समय के दौरान इस तरह बिल्कुल भी नहीं होता था। एक राजा की कई-कई पत्नियां हुआ करती थीं।

हम सभी लोगों ने भी बचपन में अपने बड़ों से राजा-महाराजाओं की बहुत सी कहानियां सुनी होंगी, जिसमें एक राजा की कई पत्नियों के बारे में जिक्र किया गया होगा और ऐसा होता भी था। अंग्रेजों से पहले हमारे देश में राजा-महाराजाओं का राज होता था। राजाओं के अपने जीने का तरीका अलग होता था और वह एक दो नहीं, बल्कि कई कई शादियां करते थे।

राजा-महाराजाओं की पहले एक से ज्यादा पत्नियां हुआ करती थीं परंतु इसी बीच आज हम आपको एक ऐसे राजा के बारे में जानकारी देने जा रहे हैं, जिसके बारे में जानकर आप भी आश्चर्यचकित हो जाएंगे। दरअसल, हम आपको भूपेंद्र सिंह महाराज के बारे में बताने वाले हैं, जिनकी 365 रानियां थीं। जी हां, आप लोग बिल्कुल सही सुन रहे हैं। इनकी एक दो नहीं बल्कि 365 रानियां थीं। तो चलिए जानते हैं उनके बारे में।

आपको बता दें कि भूपेंद्र सिंह पटियाला पर राज किया करते थे। उन्होंने साल 1900 लेकर 1938 तक पटियाला पर राज किया था और इस दौरान उन्होंने कई बड़े बड़े फैसले भी लिए थे। भूपेंद्र सिंह की कुल 365 रानियां थीं, जिनके लिए उन्होंने अलग-अलग भव्य महल बनवाएं थे। इतना ही नहीं बल्कि रानियों के स्वास्थ्य की जांच के लिए चिकित्सा विशेषज्ञों की टीम भी इन महलों में ही रहती थी। उनकी इच्छा के मुताबिक उन्हें हर चीज मुहैया करवाई जाती थी।

अब आप लोगों में से ज्यादातर लोगों के मन में यह सवाल जरूर उठ रहा होगा कि राजा भूपेंद्र सिंह की 365 रानियां थीं लेकिन वह उनके साथ रात कैसे गुजारते होंगे? तो आपको बता दें कि इसका कुछ अलग तरीके से ही वह फैसला किया करते थे कि उन्हें कौन सी रानी के साथ कब रात गुजारनी है। उनका फैसला करने का तरीका भी बिल्कुल अलग था।

आपको बता दें कि राजा भूपेंद्र सिंह कब किस रानी के साथ रात गुजारेंगे, इसका फैसला करने के लिए राजा के महल में कई सारे लालटेन जलाए जाते थे लेकिन सबसे खास बात यह थी कि अपनी 365 रानियों के लिए वह अलग से लालटेन जलवाते थे और इन सभी लालटेन में सभी रानियों के नाम लिखे होते थे। वहीं ये सभी लालटेन रात भर जलती रहती थी और जब सुबह जो लालटेन सबसे पहले बुझी मिलती थी, उस लालटेन में लिखे नाम तो राजा पढ़ते थे और फिर उसी रानी के साथ वह आने वाली रात गुजारते थे।

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