‘233 कश्मीरी पंडितों को नौकरी दी’ वाले बयान पर फंसे केजरीवाल, कश्मीरी हिन्दुओं ने किया पर्दाफाश
'केजरीवाल ने अंतिम विकल्प तक डाली रुकावट' अरविंद केजरीवाल के दावे की कश्मीरी हिन्दुओं ने बखियां उधेड़ दी
दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली विधानसभा में कश्मीरी हिंदू के वीभत्स नरसंहार का मजाक उड़ाते हुए मशहूर बॉलीवुड निर्देशक विवेक अग्निहोत्री की फिल्म ‘द कश्मीर फाइल’ को झूठी फिल्म करार दिया था। इसके अलावा मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का कहना था कि उनकी सरकार ने कश्मीर के प्रवासी शिक्षकों की सेवा नियमित की।
अब इस मामले में कश्मीरी पंडित शिक्षक संघ ने प्रतिक्रिया जाहिर की है जिसमें उन्होंने दावा किया है कि केजरीवाल लोगों को गुमराह कर रहे हैं। इतना ही नहीं बल्कि कश्मीरी पंडित शिक्षक संघ ने दावा किया है कि अरविंद केजरीवाल की सरकार ने उनके नियमित होने में बाधा डालने की कोशिश की थी।
वहीं हाईकोर्ट के नियमितीकरण के आदेश को अरविंद केजरीवाल की सरकार ने डबल बेंच में चुनौती दी थी, लेकिन जब डबल बेंच ने भी केजरीवाल सरकार की याचिका को खारिज कर दिया गयाको तब उनकी सरकार सुप्रीम कोर्ट तक पहुंची। वही गवर्नमेंट स्कूल टीचर एसोसिएशन की ओर से बयान जारी किया गया जिसमें अरविंद केजरीवाल के बयान की निंदा की गई।
इतना ही नहीं बल्कि संगठन की ओर से कहा गया कि 6 जून 2010 को कश्मीरी प्रवासी अध्यापकों ने दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की थी जिसमें दिल्ली हाई कोर्ट के जज ने 18 मई 2015 को कश्मीरी शिक्षकों की सेवा नियमित करने की मांग में फैसला सुनाया था।
दिल्ली सरकार ने अंतिम विकल्प तक कश्मीरी पंडित शिक्षकों की सेवाओं का विरोध किया
इस फैसले के बाद दिल्ली सरकार ने डबल बेंच में चुनौती दी, जिसमें 21 मई 2018 को दिल्ली हाईकोर्ट की डबल बेंच ने दिल्ली सरकार को कश्मीरी पंडितों की सेवा के पक्ष में आदेश दिए गए थे। एसोसिएशन के संयोजक दिलीप भान के बयान के अनुसार दिल्ली सरकार के पास जब कोई विकल्प नहीं बच तब उन्होंने 23 जनवरी 2019 को कश्मीरी पंडित शिक्षकों की सेवाएं नियमित की गईं।
दिलीप भान का कहना है कि कश्मीरी पंडित शिक्षकों की सेवाएं दिल्ली सरकार कभी भी नियमित नहीं करना चाहती थी। इतना ही नहीं बल्कि दिलीप भान ने दावा किया है कि दिल्ली सरकार ने अंतिम विकल्प तक कश्मीरी पंडित शिक्षकों की सेवाएं नियमित करने का विरोध किया।
Kashmiri Migrant Teachers association has put out this press release. It is clear that @ArvindKejriwal was lying. This timeline of the case can be verified with multiple newspaper reports available. This is another in series of ‘Jagmohan planned their exodus’ lies. pic.twitter.com/hymkII3OVK
— Sunanda Vashisht (@sunandavashisht) March 28, 2022
प्रेस विज्ञप्ति से बेनकाब हुए केजरलीवाल
बता दे प्रवासी शिक्षक संघ ने ट्विटर पर एक प्रेस विज्ञप्ति भी जारी की है जिसके माध्यम से केजरीवाल को बेनकाब कर दिया गया है। दरअसल, 27 मार्च 2022 को अरविंद केजरीवाल ने अपने इंटरव्यू में कहा था कि, “मैंने 233 कश्मीरी पंडितों को नौकरी दी है, भाजपा ने क्या किया है। कश्मीरी पंडितों का मुद्दा बहुत संवेदनशील है, हम केंद्र सरकार के साथ मिलकर काम करने को तैयार हैं, इस पर राजनीति बंद होनी चाहिए।” इसी मामले में प्रवासी शिक्षक संघ के द्वारा सबूत के साथ ट्वीट किया गया।
विवेक अग्निहोत्री ने भी जाहिर की प्रतिक्रिया
वहीं बॉलीवुड निर्देशक विवेक अग्निहोत्री ने भी इस पर अपनी प्रतिक्रिया जाहिर की है। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि, “हे भगवान। यह बहुत शर्म की बात है कि कश्मीरी हिंदू शिक्षकों को एक चुने हुए प्रतिनिधि के सफेद झूठ को उजागर करने के लिए इस तरह से सामने आना पड़ा। सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर झूठ बोलने पर कानून में क्या सजा है?”
OMG. It’s such a shame that Kashmiri Hindu teachers have to come out and call out the white lies of an elected representative. What is the punishment in law for lying on SC judgement? https://t.co/jVX4THYK28
— Vivek Ranjan Agnihotri (@vivekagnihotri) March 28, 2022