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युवक पर 2 साल पहले दुष्कर्म का मुकदमा किया गया था दर्ज, बालिग होने पर उसी से मंदिर में की शादी

ऐसा कहा जाता है कि इंसान प्यार में कुछ भी करने को तैयार हो जाता है। अक्सर आए दिन ऐसे बहुत से मामले देखने और सुनने को मिलते हैं जिसमें दो प्यार करने वाले एक-दूसरे के खातिर सारी दुनिया से लड़ने के लिए तैयार हो जाते हैं। इसी बीच एक मामला यूपी के अलीगढ़ से सामने आया है, जिसमें प्रेमिका ने बालिक होने पर घरवालों की मर्जी के खिलाफ अपने प्रेमी से मंगलवार को मंदिर में शादी रचा ली है। दरअसल, प्रेमिका के घरवालों के विरोध के चलते प्रेमी पर अपहरण और दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज किया गया था और इसमें प्रेमी को 5 महीने जेल में रहना पड़ा।

मिली जानकारी के अनुसार, खुशी पाठक पंचनगरी की रहने वाली है। 3 साल पहले वह कोचिंग में पढ़ने जाया करती थी और वहीं पर वरुन नाम के एक युवक से वह प्यार करने लगी। वहीं जयगंज के रहने वाले वरुन ख़ुशी पाठक को अपना दिल दे बैठे थे और दोनों ही एक-दूसरे से बेइंतहा प्यार करने लगे थे परंतु खुशी के घरवाले इस प्यार के रिश्ते के बिलकुल खिलाफ थे।

जब वरुन और ख़ुशी पाठक को लगा कि घरवाले हमारे रिश्ते को स्वीकार नहीं करेंगे तो दोनों घर से भाग गए लेकिन खुशी के पिता प्रेमचंद ने थाना सासनी गेट में वरुन के खिलाफ अपहरण और दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज करवा दिया था। केस दर्ज होने के बाद पुलिस ने दोनों को पकड़ लिया। वहीं वरुण को कानूनी शिकंजे में अपहरण और दुष्कर्म के आरोप में जेल में बंद कर दिया गया।

बता दें कि उस समय के दौरान खुशी नाबालिग थी जिसके चलते वह कोई भी बड़ा कदम नहीं उठा पाई। दूसरी तरफ खुशी के पिता प्रेमचंद्र ने भी वरुण से संबंध रखने पर खुदकुशी की धमकी देकर उसको डरा दिया था। घरवालों के विरोध की वजह से खुशी 3 सालों तक कुछ नहीं बोली। जैसे-तैसे खुशी पाठक अपने प्रेमी वरुन से दूर अपनी जिंदगी जीती रही।

जब वरुन ने 5 महीने जेल में गुजार लिए तो उसने जमानत के लिए हाईकोर्ट में अर्जी लगाई और उसको हाईकोर्ट के द्वारा जमानत दे दी गई। 31 मार्च 2021 को खुशी पाठक की उम्र 18 साल की हो गई थी। ऐसी स्थिति में वह अपनी मर्जी से फैसला लेने के लिए भी स्वतंत्र हो गई। 18 साल की होने के बाद खुशी ने मंगलवार को कोर्ट में अपने वकील को खड़ा कर दिया और जज के सामने अपने प्यार की सारी दास्तां सुनाई, जिसके बाद में खुशी ने न्यायालय में वरुण के खिलाफ चल रहे ट्रायल को वापस ले लिया।

दरअसल, खुशी ने कोर्ट में यह बताया था कि “कोर्ट में मेरे परिवार ने केस किया था लेकिन 18 साल की होने पर वरुण के बचाव में बयान दिया है और अब 18 प्लस होने पर अपनी मर्जी से शादी कर रही हूं।” वहीं वरुण के पिता अरविंद अग्रवाल का ऐसा कहना है कि 3 साल पहले दोनों एक-दूसरे से प्यार करते थे और यह दोनों शादी भी करना चाहते थे परंतु उस समय 18 साल से कम उम्र होने की वजह से शादी नहीं कर पाए। जब कोर्ट को सच्चाई बता दी तो अब वह बिना किसी डर के अपनी मर्जी से विवाह कर रहे हैं।

आपको बता दें कि मंगलवार को खुशी ने मंदिर में अपने प्रेमी वरुन से शादी कर ली परंतु अभी भी खुशी के घरवाले इस रिश्ते के खिलाफ हैं। ख़ुशी ने अपने घरवालों के विरोध के बाद भी मंगलवार को श्री वार्ष्णेय मंदिर में हिंदू रीति-रिवाजों के अनुसार अपने प्रेमी वरुन से विवाह कर लिया। इस दौरान वकील, मंदिर के पुजारी और वरुण के पिता अरविंद परिवार सहित मौजूद रहे। शादी में खुशी ने लाल रंग का जोड़ा पहना हुआ था। ख़ुशी ने वरुण को जयमाला पहना कर उसको अपना जीवनसाथी बना लिया परंतु अभी भी खुशी को अपने घरवालों का डर सता रहा है, जिसकी वजह से उन्होंने मुख्यमंत्री, एसएसपी और महिला आयोग को पत्र लिखकर सुरक्षा की गुहार लगाई है।

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