धार्मिक

रावण से जुड़ी 5 बातें जिन्हे लोग मानते हैं सच लेकिन असल में है झूठ

विजयादशमी का पावन पर्व आने वाला है। हिंदू धर्म को मानने वालों के लिए ये एक बड़ा पर्व है, जिसकी धूम पूरे देश में रहती है। इस बार विजयादशमी या दशहरा का पर्व 25 अक्टूबर को बड़े धूमधाम से मनाया जाएगा। मालूम हो कि दशहरा के दिन ही भगवान श्रीराम ने रावण का वध किया था, यही वजह है कि इस दिन रावण का पुतला दहन पूरे देश में किया जाता है, इस त्यौहार को असत्य पर सत्य की जीत का त्यौहार भी कहा जाता है। खैर, रावण से जुड़े कई  मिथ आज भी हमारे समाज में प्रचलित हैं और लोग उन पर भरोसा करते हैं, मगर रावण की असली सच्चाई बहुत कम ही लोग जानते  हैं। ऐसे में आज हम आपको इस आर्टिकल में रावण से जुड़े 5 बड़े मिथ की पूरी सच्चाई बताने जा रहे हैं…

1. रावण ने कभी माता सीता को हाथ नहीं लगाया…

दरअसल इस कथन के पीछे की सच्चाई ये है कि रावण को कुबेर के पुत्र नलकुबेर ने ये श्राप दिया था कि अगर रावण ने किसी स्त्री को इच्छा के विरूद्ध बलपूर्वक हाथ लगाया और जबरदस्ती उसे महल में रखने की कोशिश की तो उसके सिर के सौ टुकड़े हो जाएंगे। यही वजह है कि रावण ने माता सीता को अपने महल में न रखकर अशोक वाटिका में रखा था और नलकुबेर के श्राप की वजह से ही उसने कभी सीता को हाथ नहीं लगाया। ऐसे में उसके संयमी होने जैसी बातें सिर्फ मिथ ही हैं।

2. शूर्पणखा के अपमान का बदला लेने के लिए किया था सीताहरण…

 

कई लोग कहते हैं कि रावण ने अपनी बहन शूर्पणखा का बदला लेने के लिए सीता का हरण किया था, जबकि ये झूठ है। रावण ने अपने कामांध में आकर माता सीता का हरण किया था। रावण सीता से पहले भी कई स्त्रियों के साथ दुराचार कर चुका था, ऐसे में जब शूर्पणखा ने रावण के सामने सीता की सुंदरता का वर्णन किया तो वो खुद को रोक नहीं सका और उसके मन में सीता को पाने की लालसा जाग उठी। यही वजह है कि रावण ने कपट से सीता का हरण किया।

3. रावण अजेय योद्धा था…

अक्सर लोग कहते हैं कि रावण अजेय योद्धा था,महा पराक्रमी था, वो संसार का सबसे महान योद्धा था, ये सभी बातें झूठ हैं। रावण, राम से पहले भी 4 अन्य लोगों से हार चुका था। इनमें पाताल लोक के राजा बलि, महिष्मति के राजा कार्तवीर्य अर्जुन, वानरराज बालि और भगवान शिव शामिल हैं, जिनसे उसे हार का सामना करना पड़ा था। रावण की एक खास बात ये थी कि वो जिनसे भी हारता था, उनसे संधि कर लेता था। ऐसे में रावण के अजेय रहने वाली बातें मिथ के अलावा कुछ नही हैं।

4. रावण ने शिव से मांगी थी सोने की लंका…

 

मान्यता है कि लंका का निर्माण भगवान विश्वकर्मा ने किया था, लंका में रावण से पहले भी राक्षस ही रहते थे। राक्षसों का लंका में उत्पात देखकर भगवान विष्णु बहुत क्रोधित हुए थे, इसी भय से सभी राक्षस पाताल लोक में जा बसे, जिसके बाद पूरी लंका सूनी हो गई। कुबेर ने अपनी घोर तपस्या से भगवान ब्रह्मा को प्रसन्न कर लिया था, जिसके बाद कुबेर को ब्रह्मा ने लंका का लोकपाल बना दिया और उसे सोने की लंका में निवास करने के लिए कहा। इसके बाद जब रावण विश्व विजय पर निकला तो उसने कुबेर से सोने की लंका छीन ली और साथ ही पुष्पक विमान भी छीन लिया। ऐसे में भगवान शिव द्वारा रावण को सोने की लंका दिए जाने वाली बात मिथ के अलावा दूसरा कुछ भी नहीं है। सच्चाई ये है कि रावण को भगवान शिव ने सोने की लंका दी नहीं थी बल्कि उसने कुबेर से छीन के ली थी।

5. रावण ने राम के लिए रामेश्वरम में शिवलिंग की प्राण प्रतिष्ठा की…

 

कई बार ये सुनने को मिलता है कि रावण ने रामेश्वरम की प्राण-प्रतिष्ठा करवाई थी, जबकि ये मिथ है। सच तो ये है कि रामसेतु बनने से पहले ही राम ने वहां शिवलिंग की स्थापना की थी, ये बात हम नहीं कह रहे हैं बल्कि इसका उल्लेख वाल्मिकी रामायण में किया गया है। इस भ्रांति से जुड़ा एक तथ्य ये भी है कि रावण के वध के बाद अयोध्या लौटते  समय ऋषियों के कहने पर राम ने वहां शिवलिंग की स्थापना की थी और ब्रह्महत्या के पाप से मुक्ति पाई थी।

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