बॉलीवुड

चली गईं सबकी लता दीदी, लेकिन उन्हें हमेशा जिंदा रखेंगे यह तस्वीरें और वीडियो, देखिए

स्वर कोकिला नाम से मशहूर देश की जानी-मानी सिंगर लता मंगेशकर अब इस दुनिया में नहीं रहीं। 92 वर्ष की आयु में मुंबई के ब्रीच कैंडी हॉस्पिटल में उन्होंने अंतिम सांसे ली। जैसे ही लता जी के निधन की खबर सामने आई तो बॉलीवुड इंडस्ट्री से लेकर देश को झकझोर दिया। लता मंगेशकर जी पिछले काफी दिनों से जिंदगी और मौत के बीच लड़ाई लड़ रही थीं। लेकिन आखिर में वह मौत से जंग हार गईं।

आपको बता दें कि लता मंगेशकर जी 8 जनवरी को कोरोना संक्रमित हो गई थीं, जिसके बाद से ही उनकी स्थिति ठीक नहीं थी। 92 साल की लता मंगेशकर को कोरोना के साथ निमोनिया भी हुआ जिसके चलते उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था।

यहां उन्हें आईसीयू में रखा गया था। वही फैंस भी उनके लिए दुआ मांग रहे थे लेकिन वह हर किसी को रोते-बिलखते छोड़ कर चली गईं। 6 फरवरी, रविवार की सुबह डॉक्टरों ने बताया कि लता दीदी अब हमारे बीच में नहीं रहीं।

लता मंगेशकर जी एक ऐसे परिवार से ताल्लुक रखती थीं, जहां संगीत की पूजा होती थी। 28 सितंबर 1929 को इंदौर में जन्मीं लता मंगेशकर एक मध्यम वर्गीय मराठा परिवार से ताल्लुक रखती हैं और उन्हें बचपन में हेमा नाम से पुकारा जाता था।

लता मंगेशकर जी अपने पांच भाई-बहनों (मीना, आशा (भोसले), उषा और भाई हृदयनाथ) में सबसे बड़ी हैं। लता मंगेशकर जी के पिता दीनानाथ मंगेशकर रंगमंच कलाकार और संगीतकार थे और अपने पिता को देखकर ही लता मंगेशकर भी संगीत में अपना नाता जोड़ पाईं थीं।

लता मंगेशकर जी ने अपनी आवाज के दम पर दशकों तक मराठी और हिंदी फिल्म संगीत पर राज किया। संगीत निर्देशक गुलाम हैदर को लता जी अपना गुरु मानती थीं। उन्होंने कई मौकों पर हैदर को अपना गुरु होने का श्रेय दिया है।

लता मंगेशकर जी ने एक इंटरव्यू के दौरान यह कहा था कि गुलाम हैदर पहले संगीत निर्देशक थे, जिन्होंने मेरी प्रतिभा पर पूरा विश्वास दिखाया।

लता मंगेशकर जी ने भारत रत्न, दादासाहेब फाल्के पुरस्कार, फ्रांसीसी लीजियन ऑफ ऑनर, 5 महाराष्ट्र स्टेट फिल्म पुरस्कार, तीन राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार और अनगिनत अन्य सम्मान हासिल किए हैं, जो उन्हें आसानी से सबसे प्रभावशाली भारतीय फिल्म सिंगर बनाते हैं।

आपको बता दें कि जब लता मंगेशकर जी के उम्र महज 13 वर्ष की थी, तब उनके पिता का साया उनके सिर से उठ गया था। पिता के बाद वही थीं, जो घर में सबसे बड़ी थीं और इसी वजह से सारी जिम्मेदारियां लता मंगेशकर जी के छोटे कंधों पर आ गई थी।

लता मंगेशकर जी ने पिता के निधन के बाद घर की जिम्मेदारी निभाने के लिए बाहर कदम रखा। इसी वजह से उन्हें अपनी पढ़ाई बीच में छोड़नी पड़ गई थी।

लता मंगेशकर जी ने घर की जिम्मेदारियां निभाने की वजह से ही शादी नहीं की। इसका खुलासा खुद उन्होंने अपने एक इंटरव्यू के दौरान किया था, जिसमें उन्होंने बताया था कि उन्होंने सोचा कई बार था लेकिन अमल नहीं कर पाईं।

lata mangeshkar

लता मंगेशकर जी भारत की शान हैं, लेकिन एक समय ऐसा भी था जब उन्हें अपनी आवाज की वजह से रिजेक्शन झेलना पड़ा था। उन्हें पतली आवाज की वजह से फिल्मों से बाहर किया गया था परंतु अपनी कड़ी मेहनत के दम पर उन्होंने दुनिया में अपना नाम बनाया।

लता मंगेशकर जी सुरों की रानी थीं। उनकी आवाज इतनी सुरीली थी कि कानों में मिश्री घोल देती थी। लता मंगेशकर जी को उनके मधुर आवाज के लिए हमेशा से ही लोगों ने खूब पसंद किया। अब उनके जाने के बाद उनकी मधुर आवाज हमारे साथ हमेशा रहेंगी।

लता मंगेशकर जी के गले में साक्षात सरस्वती का वास माना जाता था। लता जी ने काफी छोटी उम्र में ही फिल्मी दुनिया में कदम रखा था और अपने सुरों के जादू से सभी का मन मोह लिया था। लता मंगेशकर जी ने 30 हजार से भी अधिक गाने गाए हैं।

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