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यूक्रेन की जनता को याद आ रही पहली महिला PM, आंखों में आंखें डालकर पुतिन को देती थी धमकी

रूस-यूक्रेन विवाद गुरुवार को जंग में तब्दील हो गया। अब पूरी दुनिया यही समझ रही है कि एक कमजोर से देश का मुकाबला एक मजबूत ताकत रूस से होने जा रहा है। ऐसे में लगभग सभी मान चुके हैं कि पुतिन ही दुनिया के सबसे शक्तिशाली नेता हैं। लेकिन शायद आप यह बात नहीं जानते होंगे कि यूक्रेन की एक ऐसी भी महिला नेता है जिससे पुतिन भी कांपते थे।

हमेशा रूस के खिलाफ बोलीं

यूक्रेन पर रूस के हमले के बीच यूक्रेन की जिस महिला नेता को याद किया जा रहा है उसका नाम है यूलिया तेमोसेंकोवा। यूलिया कुछ महीनों के लिए 2005 में और फिर 2007 से 2010 तक यूक्रेन की प्रधानमंत्री रहीं। इस दौरान वह खुलकर रूस के खिलाफ बोलती रहीं। आज से करीब 11 साल पहले यूक्रेन में यूलिया तेमोसेंकोवा रूस की आंखों में आंखें डालकर बात करती थी। रूस कभी भी उस महिला को डरा नहीं पाया।

गैस क्वीन के नाम से मशहूर

यूलिया तेमोसेंकोवा राजनीति में आने से पहले बिजनेस में थीं। उनका वहां गैस का बड़ा व्यापार था। इसलिए यूलिया गैस क्वीन के नाम से भी मशहूर थीं। यूलिया की गिनती यूक्रेन की सबसे सफल बिजनेस वुमन के तौर पर होती थी।

जब वह राजनीति में थीं तो उनकी गिनती यूक्रेन की सबसे सक्सेसफुल बिजनेस वुमन के रूप में होती थी। जब वह राजनीति में आईं तो यहां भी अपना दबदबा कायम रखा और बहुत जल्द 2005 में यूक्रेन की पहली महिला प्रधानमंत्री बन गईं।

रूस को देती थीं खुली चुनौती

हालांकि पहली बार वह कुछ महीनों के लिए ही पीएम रहीं। इसके बाद वह दूसरी बार 2007 में प्रधानमंत्री बनीं। इस बार वह 2010 तक सत्ता में रहीं। उनके दौर में रूस हमेशा दो कदम पीछे ही रहा। उन्होंने कई बार रूस को खुली चुनौती भी दी। वे बिना लड़े रूस को अपने देश की एक इंच जमीन के कभी पक्ष में नहीं थी।

इस तरह हुई बुरे दिन की शुरुआत

यूलिया ने 2010 में राष्ट्रपति पद का चुनाव लड़ा जिसमें उनकी हार हुई। इसके बाद से उनका बुरा समय शुरू हो गया। यूलिया के प्रधानमंत्री रहते हुए रूस के साथ हुए एक गैस डील में भ्रष्टाचार के आरोप में राष्ट्रपति विक्टर यूश्नकोव ने उन्हें जेल भेज दिया, जहां उन्हें काफी यातनाएं दी गईं। वो 2011 से 2014 तक जेल में रहीं।

सोवियत संघ के देशों की पहली महिला पीएम

2005 में यूलिया को फोर्ब्स मैग्जीन ने दुनिया की सबसे ताकतवर महिलाओं की सूची में तीसरे नंबर पर रखा था। यूलिया यूक्रेन ही नहीं, बल्कि पूर्व सोवियत संघ के देशों में पहली महिला प्रधानमंत्री थीं।

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