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हाथों में ग्लव्स और टाइट कपड़े पहने हुए सुपरबाइक से हरिद्वार पहुचें सद्गुरु, बाबा रामदेव पाँव पड़ लिए

ईशा फाउंडेशन के संस्थापक सद्गुरु जग्गी वासुदेव की कुछ तस्वीरें इन दिनों सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रही है। इन तस्वीरों में सद्गुरु को पहली नजर में पहचान पाना मुश्किल हो रहा है। वहीं बाबा रामदेव भी सद्गुरु जग्गी वासुदेव को देखकर पहचान नहीं पाए। जब सद्गुरु सबके सामने अपनी बाइकिंग ड्रेस उतारने लगे तब जाकर बाबा रामदेव और अचार्य बालकृष्ण ने उन्हें पहचाना। इसके बाद दोनों ने ही सद्गुरु के पैर छुए और आशीर्वाद लिया। ऐसे में सद्गुरु ने आशीर्वाद के साथ-साथ बाबा रामदेव को एक फूल भी दिया।

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दरअसल, सद्गुरु बाबा रामदेव से मिलने के लिए पतंजलि योगपीठ आए हुए थे। इस दौरान पतंजलि विश्वविद्यालय के सभागार में एक कार्यक्रम भी हुआ जहां पर सद्गुरु बाबा का सम्मान किया गया। बता दें, जग्गी वासुदेव उर्फ सद्गुरु बाइक के बड़े शौकीन है। ऐसे में वह कार्यक्रम में शामिल होने के लिए बाइक लेकर पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने एक बाइक राइडर की तरह हाथों में ग्लव्स पहने हुए थे साथ ही स्कीन टच कपड़े पहने हुए और मॉर्डन बाइक लिए हुए थे।

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ऐसे में कई लोग उन्हें पहचान नहीं पाए वहीं बाबा रामदेव भी उन्हें ध्यान से देखने लगे। ऐसे में सद्गुरु ने अपने हेलमेट का कांच उठाया तब कही जाकर बाबा राम देव ने उन्हें पहचाना और मुस्कारते हुए कहा कि, ‘आप तो पहचान में ही नहीं आ रहे हैं…।’ इसके बाद बाबा रामदेव और अचार्य बालकृष्ण ने सद्गुरु के पैर छुए। इस दौरान सद्गुरु के साथ उनकी गाड़ियों का काफिला भी था।

इस कार्यक्रम में सद्गुरु ने कहा कि, ‘हमें स्वयं जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में जागरूक रहने की जरूरत है। आज की शिक्षा प्रणाली यह नहीं सिखाती कि समस्या क्या है और इसका हल कैसे किया जा सकता है।’ सद्गुरु ने बताया कि, ‘जीवन में योग करना बेहद जरुरी है क्योंकि योग शरीर को शारीरिक व मानसिक स्तर पर ऊर्जावान रखता है।’

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आपकी जानकारी के लिए बता दें, सद्गुरु जग्गी वासुदेव बाइक के काफी शौकीन है। वह इससे पहले भी बाइकर के रूप में दिखाई दे चुके हैं। गौरतलब है कि, जब बाबा रामदेव कोयंबटूर के ईशा फाउंडेशन पहुंचे थे तो इस दौरान जग्गी वासुदेव सद्गुरु ने बाबा रामदेव को अपनी बाइक पर बैठाया था और पूरे आश्रम को दिखाया था।

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बता दें कि, सद्गुरु एक मशहूर कवि और लेखक है। उन्होंने 8 भाषाओं में 100 से अधिक किताबें लिखी है। इसके अलावा वह योग और ध्यान के प्रचारक भी हैं। सद्गुरु ईशा फाउंडेशन के जरिए कई दुनियाभर में योग कार्यक्रम चलाते हैं जिनमें संयुक्त राज्य अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया लेबनान, इंग्लैंड और सिंगापुर समेत कई जगह शामिल है। सद्गुरु का आश्रम कोयंबटूर शहर से करीब 40 किमी दूर एक पहाड़ी पर स्थित है।

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