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गैस सिलेंडर से हुई दुर्घटना से मिलता है 50 लाख तक का इंश्योरेंस, जानिए क्लेम करने की प्रक्रिया

आजकल के समय में LPG गैस का इस्तेमाल ज्यादा से ज्यादा किया जा रहा है। घर की रसोई से लेकर बड़े-बड़े व्यापार उद्योगों में एलपीजी गैस का इस्तेमाल हो रहा है। एलपीजी का उपयोग तेजी से इस वजह से बढ़ रहा है क्योंकि एलपीजी गैस गुणवत्ता में सबसे अच्छी होती है और एलपीजी गैस का उपयोग करने से कई प्रकार के लाभ रूप होते हैं। एलपीजी गैस का उपयोग में लाने से कम लागत लगती है और पर्यावरण भी स्वच्छ रहता है। एक समय था जब गांव में अधिकतर महिलाएं चूल्हे पर लकड़ी जलाकर खाना बनाया करती थीं परंतु अब ज्यादातर सभी घरों के अंदर गैस सिलेंडर इस्तेमाल होता है।

मौजूदा समय में गैस सिलेंडर से महिलाओं के लिए खाना बनाना बहुत ही आरामदायक हो चुका है परंतु एलपीजी गैस सिलेंडर जितना सुविधाजनक है उतना ही खतरनाक भी साबित हो सकता है। अगर जरा सी भी भूल हो जाए तो इसकी वजह से बड़ा हादसा भी हो सकता है। आप सभी लोगों ने अक्सर सुना होगा कि गैस सिलेंडर में विस्फोट होने की वजह से जान-माल का नुकसान हो गया। आए दिन इस तरह की खबरें सुनने और देखने को मिल ही जाती हैं।

बता दें गैस सिलेंडर में विस्फोट होने की वजह से मकान तक ढह जाते हैं और लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ जाती है। इन्हीं सब कारणों से रसोई गैस सिलेंडर का इस्तेमाल बहुत ही सावधानी पूर्वक करना चाहिए ताकि कोई भी भयानक हादसा ना हो सके। अगर आप भी एलपीजी ग्राहक हैं तो यह खबर आपके बेहद काम आएगी।

आपको बता दें कि गैस सिलेंडर से हादसा होने पर गैस कंपनियां इंश्योरेंस की सुविधा भी देती हैं। जी हां, शायद ही इस बात की जानकारी बहुत कम लोगों की होगी परंतु रसोई गैस कंपनियां अपने ग्राहकों को कई तरह से सुविधाएं देती हैं, जिनमे से इंश्योरेंस की सुविधा भी शामिल है। तो चलिए जानते हैं इसके बारे में पूरी जानकारी।

जो लोग रसोई गैस का इस्तेमाल करते हैं उनको कंपनियों द्वारा दी जाने वाली सुविधाओं और अधिकारों के बारे में जानकारी होना बहुत ही आवश्यक है। आपको बता दें कि जब आप नया गैस कनेक्शन लेते हैं तो गैस कंपनी आपको पर्सनल एक्सीडेंट कवर भी देती है, जिसके बारे में ज्यादातर लोग नहीं जानते हैं। अगर गैस सिलेंडर विस्फोट हो जाता है या फिर लीकेज की वजह से आग लग जाती है और भारी नुकसान होता है तो उससे उबरने के लिए कंपनी के द्वारा 50 लाख रूपए तक की आर्थिक सहायता दी जाती है।

आपको बता दें कि गैस कंपनियों का इंश्योरेंस कंपनियों के साथ करार होता है, जिसके अंतर्गत ग्राहकों को इंश्योरेंस की सुविधा दी जाती है। मान लीजिए, अगर सिलेंडर विस्फोट हो जाता है या फिर लीकेज की वजह से आग लग जाती है तो ऐसी स्थिति में गैस कंपनियों को ही इसका जिम्मेदार माना जाता है। नियम के अनुसार देखा जाए तो हर सिलेंडर पूरी तरह से सुरक्षित हो, उसमें किसी भी प्रकार की कमी ना हो। इन सभी चीजों की पूरी जिम्मेदारी डीलर और गैस कंपनियों के ऊपर रहती है।

अगर गैस सिलेंडर के कारण हादसा हो जाता है तो ऐसी स्थिति में अधिकतम 50 लक्ख प्रति व्यक्ति, अधिकतम 10 लाख रुपए और हादसे में अगर व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है तो ऐसी स्थिति में गैस कंपनियों द्वारा अधिकतम 5 लाख का मुआवजा दिया जाता है। इन सबके अलावा हादसे में तत्काल सहायता के लिए प्रति व्यक्ति 25 हजार रूपए कंपनी देती है। अगर गैस सिलेंडर की वजह से हुए हादसे में संपत्ति का नुकसान होता है तो उसके लिए भी एक लाख का मुआवजा कंपनी देती है। अगर आपको इंश्योरेंस क्लेम करना है तो उसके लिए हादसे के तुरंत बाद ही गैस डीलर को इसकी जानकारी देनी होगी। इसके साथ ही पुलिस में भी शिकायत दर्ज करानी पड़ेगी।

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