बॉलीवुड

कपूर खानदान की एकलौती लड़की है करिश्मा जिसने तोड़ दी थी पृथ्वीराज की बनाई गई सालों पुरानी परंपरा

90 के दशक में अपने शानदार अभिनय से लाखों लोगों के दिलों में जगह बनाने वाली अभिनेत्री करिश्मा कपूर किसी पहचान की मोहताज नहीं है। जैसा कि, हम सभी जानते हैं कि करिश्मा कपूर फिल्म इंडस्ट्री में एक ऐसे परिवार से रिश्ता रखती है जिसके बारे में पूरी दुनिया जानती है। कपूर खानदान में पृथ्वीराज कपूर, शशि कपूर, शम्मी कपूर, रणधीर कपूर और ऋषि कपूर हर किसी ने अपनी एक अलग पहचान बनाई। वहीं करिश्मा कपूर एक ऐसी कलाकार है जिन्होंने कपूर खानदान की परंपरा को तोड़ा था।

कहा जाता है कि, करिश्मा से पहले कपूर खानदान की किसी महिला ने फिल्मों में काम नहीं किया और ना ही कपूर खानदान में बहू-बेटियों को फिल्मों में आने की इजाजत थी। इस परंपरा को खुद पृथ्वीराज कपूर ने बनाया था जिसे तोड़ने की हिम्मत किसी में नहीं थी। लेकिन करिश्मा कपूर इस परंपरा को तोड़कर आगे आई और उन्होंने फिल्मी करियर में सफलता भी पाई। आइए जानते हैं करिश्मा कपूर का फ़िल्मी करियर कैसा रहा?

25 जून 1976 को मुंबई में जन्मी अभिनेत्री करिश्मा कपूर को बॉलीवुड इंडस्ट्री में अपनी पहचान बनाने के लिए काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा। मात्र 17 साल की उम्र में करिश्मा ने फिल्म ‘प्रेम कैदी’ से एक्टिंग की शुरुआत की। इसके बाद उन्होंने ‘राजा हिंदुस्तानी’, राजा बाबू , हीरो नंबर- 1, बीवी नंबर-1 जैसी कई सुपरहिट फिल्में दी। खासा बात यह है कि, करिश्मा ने अपने करियर में बॉलीवुड के हर बड़े सुपरस्टार के साथ काम किया है।

कहा जाता है कि, करिश्मा कपूर को बचपन से ही एक्टिंग का शौक था लेकिन पृथ्वीराज कपूर द्वारा बनाई गई परंपरा को तोड़ना हर किसी के बस की बात नहीं थी। लेकिन करिश्मा ने न सिर्फ इस परंपरा को तोड़ा बल्कि कपूर खानदान की एक ऐसी पहली लड़की बनी जिन्होंने फिल्मों में खूब नाम कमाया। हालांकि शशि कपूर की बेटी संजना कपूर ने भी बतौर अभिनेत्री १ – २ फिल्मों में काम किया है , लेकिन परिवार की बंदिशों की वजह से उन्होंने आगे फिल्मों और काम नहीं किया

karishma kapoor

खबरों की माने तो फिल्मों में आने के लिए करिश्मा कपूर का साथ उनकी मां बबिता ने खूब दिया। कहा तो ये भी जाता है कि, करिश्मा की फिल्मों में आने की जिद के कारण उनके माता-पिता बबीता और रणधीर के बीच लड़ाई तक हो चुकी थी। इतना ही नहीं बल्कि रणधीर और बबीता साल 1988 में अलग हो गए थें। इसके बाद बबीता ने ही नौकरी कर करिश्मा और छोटी बहन करीना की परवरिश की। हालांकि, साल 2007 में दोबारा बबीता और रणधीर एक हो गए।

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प्रेमी कैदी से अभिनय की दुनिया में कदम रखने वाली करिश्मा को हिंदी सिनेमा की ब्लॉकबस्टर फिल्म ‘राजा हिंदुस्तानी’ से सबसे ज्यादा पहचान हासिल हुई। इस फिल्म में वह अभिनेता आमिर खान के साथ दिखाई दी थी और इन दोनों की केमिस्ट्री को खूब पसंद किया गया। इसके बाद करिश्मा ने सलमान खान, शाहरुख खान और गोविंदा जैसे बड़े स्टार्स के साथ कई सुपरहिट फिल्में दी और बॉलीवुड की क्वीन बन गई। इसके अलावा करिश्मा ने ‘फिजा’, ‘शक्ति’ और ‘जुबेदा’ जैसी फिल्मों में गंभीर किरदार निभाकर भी लोगों का दिल जीता।

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बता दें,, साजन चले ससुराल, हसीना मान जाएगी जैसी कई सुपरहिट फिल्मों में काम करने वाली करिश्मा कपूर को फिल्म ‘दिल तो पागल है’ के लिए बेस्ट सर्पोटिंग एक्ट्रेस का नेशनल अवार्ड भी मिल चुका है। वहीं फिल्म ‘फिजा’ और ‘राजा हिंदुस्तानी’ के लिए उन्हें फिल्म फेयर अवार्ड से नवाजा गया। इसके अलावा भी करिश्मा को उनके अलग-अलग किरदार के लिए कई अवार्ड मिल चुके हैं।

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करिश्मा ने ना सिर्फ बड़े पर्दे पर अपने अभिनय को दर्शाया बल्कि उन्होंने साल 2003 में सीरियल ‘करिश्मा द मिरेकल ऑफ डेस्टिनी’ में भी काम किया था। इसके अलावा करिश्मा कपूर वेब सीरीज ‘मेंटलहुड’ के जरिए डिजिटल दुनिया की भी शुरुआत कर चुकी है। फिलहाल करिश्मा फिल्मी दुनिया से दूर है और वह अपने बच्चों के साथ समय बिताती है।

karishma kapoor

कपूर जैसे मशहूर खानदान से होने के बाद भी करिश्मा कपूर को बॉलीवुड में आने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ी थी। एक इंटरव्यू में करिश्मा की छोटी बहन करीना कपूर ने बताया था कि, कैसे बड़ी बहन करिश्मा ने अपने करियर के लिए परिवार की परंपरा को तोडा और आगे आई। करिश्मा रात में अपनी मां के पास बैठकर रोया करती थी और उन्हें बताती थी कि वह फिल्म इंडस्ट्री में कभी अपनी पहचान नहीं बना पाएगी। कहा जाता है कि, बड़ी बहन करिश्मा को देखकर ही करीना कपूर ने भी फिल्म इंडस्ट्री में आने की ठानी थी।

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