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एक नहीं कई बीमारियों का तोड़ है फिल्मों का साथी पॉपकॉर्न, कैंसर के खतरे को करता है दूर

पॉपकॉर्न खाना किसे पसंद नहीं होता? इसे अगर बड़े-बच्चों का फेवरेट टाइमपास कहा जाए तो यह बिलकुल गलत नहीं होगा. बड़े से लेकर बच्चों तक में पॉपकॉर्न बहुत पॉपुलर है. फिल्म देखने के साथ यदि कुछ खाने की चीज लानी हो तो लोग अक्सर पॉपकॉर्न ले आते हैं. यह न सिर्फ खाने में टेस्टी होता है, बल्कि आपके खाली टाइम को भी चुटकी में पास कर देता है. इसे खाते-खाते कब आपकी मूवी खत्म हो जाती है, पता ही नहीं चलता.

हालांकि बुजुर्गों के सामने जब भी आप पॉपकॉर्न खाते हैं तो वे अक्सर ये कहते हुए सुने जाते हैं कि भला ये भी कोई खाने की चीज है! पर सच तो ये है कि पॉपकॉर्न खाने से कोई नुकसान नहीं पहुंचता, बल्कि इसको खाने के फायदे ही फायदे हैं. भूख लगने पर तला-गला खाने से अच्छा है कि आप पॉपकॉर्न खा लें. सबसे अच्छी बात ये है कि इसमें शक्कर और नमक कुछ भी नहीं होता, इसलिए इसे कोई भी खा सकता है. आज की इस स्टोरी में हम आपको पॉपकॉर्न के कुछ ऐसे फायदे बताने जा रहे हैं, जिससे यकीनन आप अब तक अनजान होंगे.

कब्ज में दिलाए राहत

पॉपकॉर्न में फाइबर की मात्रा अधिक पाई जाती है, जिससे आपको कब्ज में राहत मिलती है. पाचन संबंधी समस्या होने पर पॉपकॉर्न का सेवन अवश्य करें. पॉपकॉर्न में बी-कॉम्प्लैक्स विटामिन, विटामिन-ई और मिनरल्स मौजूद होते हैं, जो पाचन क्रिया को सुधारने में आपकी मदद करते हैं. सबसे अच्छी बात यह है कि अधिक मात्रा में इसका सेवन कर लेने पर भी पेट संबंधित समस्या नहीं होती है.

कम करे वजन

वजन कम करना चाह रहे लोगों के लिए पॉपकॉर्न बेस्ट ऑप्शन साबित हो सकता है. कई बार डाइटिंग पर चल रहे लोग भूख लगने पर अंट-शंट चीजें खा लेते हैं. ऐसे में यदि आपको भी डाइटिंग के समय भूख लगती है तो ऐसे में आप पॉपकॉर्न का सेवन कर सकते हैं. इसमें कैलोरी की मात्रा बहुत कम होती है.

आपको जानकर हैरानी होगी कि एक कप पॉपकॉर्न में केवल 30 कैलोरी होती है, जो कि एक कप आलू के चिप्स की तुलना में 5 गुना कम है. इसमें मौजूद फाइबर आपकी भूख मिटाने में मदद करता है जिससे कि आपको बार-बार भूख भी नहीं लगती.

कैंसर के खतरे को भी करे कम

जो लोग नियमित रूप से पॉपकॉर्न का सेवन करते हैं, उन्हें कैंसर का खतरा कम होता है. साथ ही पॉपकॉर्न से आपका ह्रदय भी मजबूत होता है. अमेरिकन इंस्टीट्यूट फॉर कैंसर रिसर्च की मानें तो पॉलीफिनोल उस एंजाइम को ब्लॉक कर देता है, जिससे कैंसर होने का संभावना होती है.

ब्लड शुगर लेवल को रखे कंट्रोल में

पॉपकार्न का ग्लाइसेमिक इंडेक्स बेहद कम होता है. दरअसल, किसी भी आहार के ग्लाइसेमिक इंडेक्स से यह पता चलता है कि उसके सेवन के बाद कितना ब्लड शुगर बढ़ने की संभावना है. जिस आहार का ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होगा, उसके सेवन से ब्लड शुगर का लेवल कम ही रहेगा. वहीं, ग्लाइसेमिक इंडेक्स अधिक होने पर ब्लड शुगर अचानक से बढ़ सकता है.

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