कौन है शांतनु नायडू जिससे 86 वर्षीय रतन टाटा लेते हैं सलाह! दिलचस्प है शख्स की कहानी
दुनिया के मशहूर उद्योगपति में से एक बिजनेस मैन रतन टाटा अपने काम के अलावा अपने शांत और सरल स्वभाव के लिए भी जाने जाते हैं। उन्होंने अपनी मेहनत के बलबूते पर बिजनेस इंडस्ट्री में एक बड़ा मुकाम हासिल किया है। हाल ही में रतन टाटा ने अपना 86वां जन्मदिन सेलिब्रेट किया था जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर खूब चर्चा में रहा था। इस वीडियो में एक लड़का नजर आ रहा था जिसने रतन टाटा के कंधे पर हाथ रखा हुआ था। इस दौरान हर किसी के मन में यह सवाल उठा कि आखिर रतन टाटा जैसे बड़ी हस्ती के साथ यह लड़का कौन है? तो आइए जानते हैं इस लड़के के बारे में..
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कौन है रतन टाटा?
सबसे पहले तो हम यह जान लेते हैं कि, रतन टाटा कौन है? बता दें, 28 दिसंबर 1937 को जन्मे रतन टाटा का पूरा नाम रतन नवल टाटा है। रतन टाटा नागरिक पुरस्कार पद्म विभूषण और पद्म भूषण जैसे अवार्ड से नवाजे जा चुके हैं। बता दें, रतन टाटा साल 1990 से 2012 तक टाटा समूह के अध्यक्ष रहे। इसके बाद उन्होंने साल 2016 से 2017 तक अंतरिम अध्यक्ष के रूप में काम किया। रतन टाटा वर्तमान में कोलंबा, मुंबई में रहते हैं और उन्होंने अभी तक शादी नहीं की है। वह सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहते हैं और अक्सर दिलचस्प पोस्ट शेयर करते रहते हैं।
कौन है वीडियो में नजर आया शख्स?
वही बात की जाए वीडियो में नजर आए लड़के के बारे में तो इस लड़के का नाम शांतनु नायडू है जो रतन टाटा के असिस्टेंट है। वैसे तो रतन टाटा से इस लड़के का कोई भी पारिवारिक संबंध नहीं है लेकिन आए दिन शांतनु की वीडियो और तस्वीरें रतन टाटा के साथ सोशल मीडिया पर देखने को मिलती है। इतना ही नहीं बल्कि रतन टाटा शांतनु के आइडियाज को फॉलो करते हैं। वही शांतनु का कहना है कि, उनके साथ काम करना सम्मान की बात है, इस तरह का मौका जिंदगी में एक ही बार मिलता है।
दिलचस्प हैं शांतनु नायडू की कहानी
बता दें, शांतनु नायडू की कहानी बेहद दिलचस्प है। दरअसल, एक दिन शांतनु जब अपने काम से घर लौट रहे थे तभी उन्होंने सड़क पर कुत्ते को एक्सीडेंट में मरते हुए देखा। इसके बाद उन्होंने निर्णय लिया कि, वह कुत्तों के लिए कुछ ऐसा करेंगे जो एक्सीडेंट में मारे ना जाए। ऐसे में शांतनु के दिमाग में कुत्ते के गले पर कॉलर बनाने का आईडिया ताकि वाहन चालक दूर से ही इस चमकदार कॉलर को देख पाए और कुत्तों की जान बच जाए।
इसके बाद शांतनु ने कई आवारा कुत्ते के गले में इस तरह के पट्टे बांधे। रतन टाटा उसके काम से काफी प्रभावित हुए और उन्होंने शांतनु को मिलने के लिए न्योता दिया।
बता दें, शांतनु ने साल 2014 में पुणे यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन किया। इसके बाद वह साल 2016 में, अमेरिका में कॉर्नेल विश्वविद्यालय में एमबीए करने गए। फिर वह साल 2018 में अपनी डिग्री पूरी कर वापस आए, तो वह चेयरमैन ऑफिस में डिप्टी जनरल मैनेजर के रूप में टाटा ट्रस्ट में शामिल हो गए। वर्तमान में उनकी कंपनी मोटोपॉज कुत्ते के कॉलर का डिजाइन और निर्माण करती है जो अंधेरे में चमकते हैं ताकि कुत्तों की जान सुरक्षित रहे।