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धर्मेंद्र नहीं इस शख़्स के कहने पर हेमा ने चुनी राजनीति, मां ने भी कह दिया था बुलाया है तो जाओ

हिंदी सिनेमा की ‘ड्रीम गर्ल’ यानी कि दिग्गज़ और सदाबहार अदाकारा हेमा मामलिनी अब भी अक्सर चर्चा में बनी रहती हैं. हेमा मालिनी ने 70 और 80 के दशक में हिंदी सिनेमा पर ख़ूब राज किया. 74 साल की उम्र में भी हेमा मालिनी की फिटनेस और ख़ूबसूरती की ख़ूब चर्चा होती है.

हेमा मालिनी हिंदी सिनेमा का कभी न भुलाया जाने वाला नाम है. हेमा ने अपने करियर में कई सफ़ल फ़िल्में दी है. वे अदाकारी के साथ ही अपनी गजब की ख़ूबसूरती और बेहतरीन डांस के लिए भी चर्चा में रही है. उनकी खूबसूरती पर आम फैंस के साथ ही बॉलीवुड के कई दिग्गज़ अभिनेता भी फ़िदा रहे.

हेमा मालिनी एक बेहतरीन अभिनेत्री ही नहीं है बल्कि वे एक उम्दा नृत्यांगना भी है और उनकी गिनती सफ़ल नेत्री के रूप में भी होती है. उनका फ़िल्मी करियर काफी सफ़ल रहा है और उनका राजनीतिक करियर भी सफ़ल रहा है. बता दें कि वे भारतीय जनता पार्टी की सांसद है.

सालों से हेमा मालिनी राजनीति की दुनिया से जुड़ी हुई है. वे लंबे समय से फिल्मों में काम नहीं कर रही है हालांकि राजनीति की दुनिया में सक्रिय है. हालांकि क्या आप जानते है कि वे किस शख़्स की वजह से राजनीति में आई थी. क्या आप जानते है उनके राजनीतिक करियर की शुरुआत कैसे हुई थी. अगर नहीं जानते है तो आइए आपको बताते हैं.

बताया जाता है कि हेमा मालिनी दिवंगत और दिग्गज अभिनेता विंड खन्ना की वजह से फिल्मों में आई थी. इस बात का ख़ुलासा खुद हेमा जी ने किया था. विनोद खन्ना का संबंध भारतीय जनता पार्टी से था. विनोद को भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता लिए हुए सालभर ही हुआ था और उन्हें साल 1998 में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने पंजाब की गुरदासपुर सीट से टिकट दे दिया था.

चुनाव के दौरान विपक्ष ने विनोद को ‘बंबई का बाबू’ कहा और उनक खिलाफ माहौल बनाया अजाने लगा. वहीं विनोद खन्ना ने तब हेमा मालिनी को अपने लिए चुनाव प्रचार करने के लिए कहा. विनोद और हेमा अच्छे दोस्त रहे. दोनों कलाकारों के कई फिल्मों में साथ में भी काम किया था.

‘नेता-अभिनेता: बॉलीवुड स्टार पावर इन इंडियन पॉलिटिक्स’ नामा की किताब के लेखक और पत्रकार रशीद किदवई अपनी किताब में हेमा एके हवाले से लिखा है कि, ”हेमा को राजनीति के बारे में कुछ भी मालूम नहीं था…यहां कैसे काम होता है. एक दिन विनोद खन्ना का फोन आया. उन्होंने कहा- मैं गुरदासपुर से चुनाव लड़ रहा हूं. मैं चाहता हूं तुम मेरा चुनाव प्रचार करो…मैंने तुरंत मना कर दिया, क्योंकि मुझे सियासत के बारे में जरा भी जानकारी नहीं थी”.

हेमा मालिनी ने इस किस्से के बारे में ख़ुलासा साल 2017 में विनोद खन्ना के निधन के बाद भी किया था. जब विनोद ने हेमा को प्रचार के लिए मना कर दिया तब वे अपनी मां के पास गई और उन्होंने मां को सब कुछ बताया. इस दौरान विनोद और हेमा की फोन पर भी बातचीत हुई थी.

मां ने दी चुनाव प्रचार की सलाह…

मां से बात करने के बाद हेमा को मां ने चुनाव प्रचार करने की सलाह दी थी. उन्होंने हेमा से कहा था कि विनोद खन्ना उनके (हेमा के) अच्छे दोस्त हैं, इस नाते उन्हें चुनाव प्रचार में जरूर जाना चाहिए. हेमा फिर चुनाव प्रचार के लिए गई थी.

हेमा मालिनी ने इसके साथ ही यह भी कहा था कि यहीं से मेरे पॉलिटिकल करियर की शुरुआत हुई थी. इसका श्रेय विनोद खन्ना को दे सकते हैं. गौरतलब है कि फिलहाल हेमा उत्तर प्रदेश के मथुरा से भाजपा सांसद हैं. साल 2019 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने शानदार जीत हासिल की थी. इससे पहले साल 2014 के चुनाव में भी उन्हें जीत मिली थी.

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