क्रिकेट

कभी MS धोनी के साथ CSK के लिए खेला था IPL, आज दो वक्त की रोटी के लिए चला रहा बस

क्रिकेट सबसे ज्यादा लोकप्रिय स्पोर्ट है। इसे खेलने वाले खिलाड़ी आलीशान लाइफ जीते हैं। लेकिन आज हम आपको एक ऐसे क्रिकेटेर से मिलाने जा रहे हैं जो बस ड्राइवर बनकर अपना पेट पालने को मजबूर है। ये क्रिकेटर धोनी की कप्तानी वाली CSK में आईपीएल मैच भी खेल चुका है। लेकिन आज उसकी हालत देख आपको तरस आ जाएगा। दरअसल हम यहां जिस क्रिकेटर की बात कर रहे हैं वह श्रीलंकाई क्रिकेटर सूरज रणदीव है।

इन दिनों श्रीलंकाई क्रिकेट बेहद बुरे हालातों से गुजर रहा है। यहां के कई खिलाड़ी और पूर्व क्रिकेटर्स अब क्रिकेट को छोड़कर अन्य काम करने को मजबूर हैं। श्रीलंका के लिए क्रिकेट खेल चुके सूरज रणदीव भी इन्हीं में से एक हैं जो ऑस्‍ट्रेलिया में रहकर बस चला रहे हैं। सूरज रणदीव 2011 में भारत में खेले गए क्रिकेट वर्ल्ड कप में धोनी की टीम इंडिया के खिलाफ खेल रहे थे। वहीं 2012 में उन्होंने धोनी की CSK के लिए खेलते हुए 8 मैचों में 6 विकेट चटकाए थे।

श्रीलंका के पूर्व स्पिनर सूरज रणदीव अपने बुरे हालातों के चलते अब क्रिकेट छोड़ ऑस्ट्रेलिया में बस चलाने को मजबूर हैं। वे 2019 में ऑस्ट्रेलिया चले गए थे। यहां बस ड्राइवरी करने के अतिरिक्त वे एक लोकल क्लब में क्रिकेट भी खेलते हैं। सूरज रणदीव के प्रदर्शन की बात करें तो उन्होंने 12 टेस्ट में 46 विकेट, 31 वनडे में 36 विकेट और 7 T20 मुकाबलों में 7 विकेट अपने नाम किए थे।

भारतीय क्रिकेट फैंस सूरज रणदीव को उनकी बेईमानी वाली नो बॉल के चलते जानते हैं। उन्होंने भारत के खिलाफ एक मैच में जानबूझकर नो बॉल फेककर सहवाग को 99 रन पर ही रोक दिया था। उन्होंने दिलशान के कहने पर नो बॉल फेंकी थी ताकि सहवाग अपना शतक पूरा न कर पाए। तब भारत को जीत के लिए बस एक रन चाहिए थे। वहीं सहवाग 99 रन पर बेटिंग कर रहे थे। यदि सहवाग एक रन और बना लेते तो उनका शतक कंप्लीट हो जाता। लेकिन दिलशान ने साजिश रची और रणदीव को जानबूझकर नो बॉल फेंकने का कहा। लेकिन सहवाग ने इस नो बाल पर भी छक्का मार दिया।

अब नो बॉल होने के चलते अंपायरों ने भारत को जीत तो दे दी, लेकिन सहवाग के छक्के को रनों में शामिल नहीं किया। ऐसे में वे 99 रन पर नॉटआउट रहे। इस घटना के बाद सूरज रणदीव काफी सुर्खियों में आ गए थे। यहां तक कि श्रीलंका क्रिकेट बोर्ड ने उन्हें एक मैच के लिए सस्पेंड भी कर दिया था। वहीं तिलकरत्ने दिलशान पर जुर्माना ठोका गया था।

इस चीटिंग के चलते सूरज रणदीव पर बदनामी का दाग लग गया था। लेकिन फिर 2011 वर्ल्डकप के फाइनल में उन्हें टीम में शामिल कर लिया गया। हालांकि बतौर क्रिकेटर वे अपना सिक्का नहीं जमा पाए। ऐसे में आज वे ऑस्ट्रेलिया में बस ड्राइवर की जॉब करने को मजबूर हैं। वैसे सूरज अकेले ऐसे क्रिकेटर नहीं हैं जो बस ड्राइविंग कर रहे हैं। उनके अलावा श्रीलंका के पूर्व क्रिकेटर चिंतका नमस्‍ते और जिंबाब्‍वे के पूर्व क्रिकेटर वाडिंगटन वायेंगा भी ऑस्‍ट्रेलिया में बस चलाने का काम कर रहे हैं।

इन क्रिकेटरों की कहानी हमे भी सिख देती है कि सफलता, पैसा और फ़ेम कभी एक जैसी नहीं रहती है। इसलिए हमे हर तरह की सिचूऐशन के लिए तैयार रहना चाहिए।

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