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इस वजह से आज भी कुंवारे बैठे हैं रतन टाटा, सुनाई अपने प्यार की अधूरी दास्तां

रतन टाटा ने सुनाई अपनी लव स्टोरी, कहा- शादी होने ही वाली थी लेकिन..

अपने सरल स्वभाव और व्यक्तित्व को लेकर हमेशा सुर्खियों में रहने वाले ‘टाटा समूह’ के मानद चेयरमैन रतन टाटा ने आज तक शादी नहीं की। रतन टाटा का कहना है कि, वह नौकरी करने के दौरान एक लड़की को दिल भी दे बैठे थे लेकिन उनका प्यार शादी तक नहीं पहुंच पाया और इससे पहले ये दोनों एक-दूसरे से अलग हो गए।

ratan tata

एक इंटरव्यू के दौरान अपनी प्रेम कहानी के बारे में खुलासा करते हुए रतन टाटा ने कहा था कि, “मुझे लॉस एंजेलिस में नौकरी करने के दौरान प्यार हो गया था और शादी तक होने वाली थी। लेकिन मैंने उसी वक्त अस्थायी रूप से भारत लौटने का फैसला कर लिया था क्योंकि इस समय पर मेरी दादी की तबीयत खराब थी और मैं उनसे लगभग 7 सालों से दूर था। ऐसे में, मैं अपनी दादी से मिलने के लिए भारत आया और सोचा कि जिससे मैं शादी करना चाहता हूं वह मेरे साथ भारत आएगी। लेकिन इसी दौरान 1962 के भारत-चीन युद्ध के कारण मेरे माता-पिता शादी के लिए राजी नहीं हुए और हमारा रिश्ता टूट गया।”

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रतन टाटा ने बताया कि, उनके पिता नवल टाटा और मां सोनी टाटा उस वक्त एक दूसरे से अलग हो गए थे, जब उनकी उम्र महज 10 साल की थी।  ऐसे में उन्हें कई परेशानियों का सामना करना पड़ा। रतन टाटा ने अपने शब्दों में कहा कि, “मेरा बचपन खुशहाल था लेकिन जैसे-जैसे मेरा भाई और मैं बड़े होते गए हमें अपने माता-पिता की तलाक के कारण रैगिंग और व्यक्तिगत परेशानी का सामना करना पड़ा जो उन दिनों में उतना आम नहीं था जितना आज है।”

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रतन टाटा ने बताया कि, वह अपनी दादी के बहुत करीब थे और अपनी दादी से बहुत प्यार करते थे। उनकी दादी ने ही उन्हें जिंदगी जीना सिखाया। रतन टाटा ने बताया कि, “जब मेरी मां ने दोबारा शादी की थी, उस दौरान हमें स्कूल के कई लड़के अलग-अलग तरह की बातें कहते थे जिससे हम बहुत परेशान हो जाते थे। ऐसे में हमारी दादी मां ने ही हमें हर कीमत पर गरिमा बनाए रखना सिखाया।”

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आगे उन्होंने बताया कि, “मुझे आज भी याद है कि किस तरह द्वितीय विश्व युद्ध के बाद वह मुझे मेरे भाई को गर्मियों की छुट्टी के लिए लंदन लेकर चली गई थी। मेरी दादी ही है जिन्होंने हमारे अंदर मूल्य डाले। वह हमें बताती थी कि ऐसा मत करो, इस बारे में शांत रहो। उन्होंने हमारे अंदर ऐसे संस्कार डाल दिए कि आज भी हमें लगता है कि प्रतिष्ठा सबसे ऊपर है।”

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वहीं अपने पिता को लेकर रतन टाटा का कहना है कि, “मेरे पिता और मेरे विचार काफी अलग-अलग थे। जब मैं वायलिन सीखना चाहता था तो मेरे पिता चाहते थे कि मैं पियानो सीखूं। जब मैं अमेरिका कि कॉलेज में पढ़ने चाहता था तो मेरे पिता चाहते थे कि मैं लंदन पढ़ने जाऊं। जब मैं एक आर्किटेक्ट बनना चाहता था तो मेरे पिता चाहते थे कि मैं इंजीनियर बनूं।”

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हालांकि रतन टाटा ने पढ़ाई करने के लिए अमेरिका की कॉर्नेल यूनिवर्सिटी चुनी और इसमें उनकी दादी ने उनका बखूबी साथ दिया। कहा जाता है कि, अमेरिका में पढ़ने के दौरान रतन टाटा के पिता ने उनसे कई दिनों तक बात नहीं की थी और वह काफी नाराज रहे थे। पढ़ाई करने के बाद ही रतन टाटा लॉस एंजेलिस में नौकरी करने लगे थे और उन्होंने करीब 2 साल तक नौकरी की।
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आगे रतन टाटा ने बताया कि, “नौकरी करने के समय ही उन्हें लॉस एंजेलिस में एक लड़की से प्यार हुआ था और वह उससे शादी करने वाले थे, लेकिन दादी की तबीयत खराब होने के चलते वह अचानक ही भारत आ गए। वहीं माता-पिता भी 1962 की भारत चीन लड़ाई के चलते उस लड़की के भारत आने के पक्ष में नहीं थे, ऐसे में हम दोनों का रिश्ता टूट गया।”

 

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गौरतलब है कि, रतन टाटा के हाथ में एक बार फिर एयर इंडिया की कमान आ चुकी है। उन्होंने सबसे अधिक बोली लगाकर एयर इंडिया को जीत लिया है। रिपोर्ट की माने तो सरकारी एयरलाइंस के लिए रतन टाटा ने करीब 18,000 करोड रुपए की बोली लगाई है। बता दें, 68 साल के बाद एक बार फिर एयर इंडिया टाटा समूह के पास आई है जिसके चलते रतन टाटा बेहद खुश हैं और उन्होंने एक तस्वीर भी शेयर की है। इस तस्वीर को शेयर करते हैं उन्होंने कैप्शन में लिखा कि, “वेलकम बैक होम..”

 

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बता दें, रतन टाटा सोशल मीडिया पर भी काफी एक्टिव रहते हैं और वह अक्सर दिलचस्प पोस्ट शेयर करते रहते हैं। लोग उनकी पोस्ट को खूब पसंद करते हैं। लोग रतन टाटा से इतने प्रभावित है कि, उन्हें भारतरत्न देने की मांग भी उठा चुके हैं।

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