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मंदिर के बाहर कूड़े के फूलों से बनाती हैं साबुन, अगरबत्ती, लाखों में होती हैं महीने की कमाई

आप भी अक्सर जब मंदिर जाते होंगे तो वहां पर भगवान पर फूल प्रसाद अर्पण करते ही होंगे। ऐसे में भगवान को चढ़ाए जाने वाले ये फूल अगले दिन तक बासी हो जाते हैं। जिसके लिए इन्हें कूड़े में फैक दिया जाता हैं। लेकिन आज हम आपको जो बताने वाले हैं। वह कहानी इन्हीं कूड़े में पड़े फूलों की हैं। असल में सूरत की मैत्री इन फूलों से साबून, अगरबत्ती, मोमबत्ती, ठंडई, स्प्रे जैसे दस तरह के प्रोडक्ट बनाती है। इन प्रोडक्ट से मैसी महीनेभर में करीब ढेड लाख रुपए तक कमा लेती हैं।

मीडिया रिपोर्ट की माने तो इस लड़की का पूरा नाम मैत्री जरीवाला हैं। मैत्री एक केमिकल इंजीनियर हैं। वह रोजाना ही सुबह सुबह अपने आस पास के मंदिरों में पहुंच कर वहां के कूड़े से फूलों को लाकर ये प्रोडक्ट बनाती हैं। मैत्री ने मीडिया में दिए इंटरव्यू में बताया है कि जब वे कॉलेज में थी तब से ही वे वेस्ट मैनेजमेंट प्रोजेक्ट पर काम कर रही थी।

मंदिर के फूलों से बनाती हैं प्रोडक्ट

ऐसे में अपने कॉलेज के दौरान मैत्री ने तीन सालों तक अलग-अलग तरह के कूड़े पर काम किया। उनसे कई तरह के प्रोडक्ट बनाए। ऐसे में इन प्रोजेक्ट पर काम करते करते ही मैत्री ने यह सीख लिया की दूसरे वेस्ट की तुलना में फ्लावर वेस्ट को अपसाइकिल कर उनसे नए प्रोडक्ट बनाना ज्यादा बेहतर है। इसकी एक वजह यह भी हैं कि इसमें कम लागत लगती हैं। और इससे दूसरे प्रोडक्ट बनाने में ज्यादा परेशानी भी नहीं होती हैं।

मैत्री ने बताया कि उन्होंने इस वेस्ट से कई तरह के कार्ड औैर पेपर भी तैयार किए थे। कॉलेज से ही मैत्री को इस फ्लावर वेस्ट पर काम करने को लेकर काफी मदद की गई थी। मैत्री ने आखिरी सेमेस्टर में फ्लॉवर वेस्ट से कुछ प्रोडक्ट तैयार किए।

इसके लिए जरूरी मशीनरी सपोर्ट उन्हें कॉलेज की तरफ से मिला। इसके बाद दूसरे लोगों ने मैत्री को इस काम को आगे जारी करने के सुझाव दिए। जिसके बाद मैत्री ने अब इसी में अपना स्टार्टअप शुरु कर दिया हैं।

22 साल की उम्र में दी 9 लोगों को नौकरी

मैत्री की उम्र केवल 22 साल हैं, लेकिन इस कम उम्र में ही मैत्री ने नौ लोगों को रोजगार दिया हैं। मैत्री ने बताया कि उन्हें इस स्टार्ट अप के लिए शुरुआत में कॉलेज की तरफ से हमें 77 हजार रुपए का फंड मिला था।

जिसके बाद उन्होंने पिछले साल ही होली पर इसका काम प्रोफेशन के तौर पर शुरु कर दिया। शुरुआत में उन्होंने रंग, गुलाल बनाए। जिसके बाद उन्होंने साबुन, अगरबत्ती, मोमबत्ती, स्प्रे, वर्मीकंपोस्ट जैसे अलग अलग प्रोडक्ट बनाना शुरू कर दिए।

अलग अलग राज्यों से मिल रहे ऑर्डर

लोगों को जब इन प्रोडक्ट के बारे में पता चलने लगा तो वे इसे खरीदने लगे। अपने इस प्रोफेशन को आगे बढ़ाने के लिए मैत्री ने सोशल मीडिया पर अपने प्रोडक्ट को प्रमोट करना शुरु किया। जिसके बाद अब मैत्री के इन प्रोडक्ट के लिए मध्य प्रदेश, राजस्थान, दिल्ली सहित कई राज्यों के लोग उन्हें ऑर्डर देते हैं। फिलहाल उन्हें रोजाना 20-25 ऑर्डर मिलते हैं। मैत्री बताती हैं कि उनकी नौ लोगों की टीम मिलकर ही इस काम को पूरा करती हैं।

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