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सास-ससुर ने कराई विधवा बहू की शादी, सास बोली मुझे बहू से प्यार हैं, उसे इतनी कम उम्र में..’

आजकल के समय में ऐसा देखा गया है कि सास-ससुरा अपनी बहु के प्रति बहुत खराब व्यवहार करते हैं। इस तरह की खबरें अक्सर सुनने को मिल ही जाती हैं, जिसे जानने के बाद लोगों का मन काफी दुखी हो जाता है। सास बहू में लड़ाई झगड़े के मामले अक्सर खबरों में बने रहते हैं लेकिन बहू भी बेटी का ही रूप होती है परंतु ऐसे बहुत ही कम लोग हैं जो इस बात को समझते हैं। अगर किसी लड़की के पति की किसी कारणवश मृत्यु हो जाती है तो ऐसी स्थिति में ससुराल में लड़कियों को बहुत परेशान किया जाता है। अक्सर सारा दोष बहू के ऊपर भी डाल दिया जाता है।

पति की मृत्यु के बाद पत्नी की जिंदगी बेरंग हो जाती है। उसके जीवन से सारी खुशियां चली जाती हैं परंतु आज हम आपको एक ऐसी खबर के बारे में जानकारी देने जा रहे हैं, जिसमें अपने बेटे की मृत्यु के बाद बहू की बेरंग जिंदगी में सास ससुर ने खुशियों का रंग भर दिया है। जी हां, सेलूद के साहू दंपति ने अपनी विधवा बहू की दोबारा शादी करवाई। इतना ही नहीं बल्कि उन्होंने खुद कन्यादान की सभी रस्में निभाई और बहू को घर से बेटी की तरह विदा किया।

मिली जानकारी के अनुसार, भिलाई/सेलूद साहू समाज के संरक्षक सदस्य पुनीत राम साहू और उनकी पत्नी इंद्रा ने कुछ दिन पहले ही अपनी बहू किरण साहू का कन्यादान किया और उसे अपनी बेटी की तरह घर से विदा किया। आपको बता दें कि पुनीत राम साहू के बेटे का नाम राजू है, जिसका निधन तीन साल पहले ही हो गया था। जब पति की मृत्यु हो गई तो उसके बाद बहु किरण पूरी तरह से टूट गई थी। ऐसे समय में सास-ससुर उसका सहारा बने और वह अपने सास-ससुर के पास ही रह रही थी।

बहु किरण अपने पति की मृत्यु के पश्चात बहुत दुखी रहने लगी थी। वह चाहकर भी इस सदमे से बाहर नहीं निकल पा रही थी। वहीं सास और ससुर भी अपनी बहू की ऐसी हालत ना देख सके और उन्होंने अपनी बहू किरण की दोबारा शादी करने का फैसला ले लिया। पुनीत राम साहू और इंद्रा ने बताया कि उनकी बहू किरण दोबारा शादी करने के लिए तैयार नहीं थी परंतु उन्होंने तीन साल में उसे काफी समझाया था।

उन्होंने अपनी बहू से कहा कि उनकी ढलती उम्र है और उनके बाद किरण अकेली रह जाएगी। ऐसे में उसके जीवन में साथ चलने के लिए एक साथी की जरूरत थी। उनका बेटा तो कुछ दिनों का साथ देकर इस दुनिया को छोड़ कर चला गया, परंतु अब वह अपनी बहू को विधवा बनकर नहीं देख सकते थे। इसी वजह से उन्होंने किरण के लिए दोबारा रिश्ता ढूंढना शुरू कर दिया। सास-ससुर के द्वारा लिए गए इस फैसले में उन्होंने मायके से भी सहमति ले ली।

आपको बता दें कि सास-ससुर ने अपनी बहू किरण की शादी धमतरी निवासी संतोष साहू के साथ पक्की कर दी। संतोष जब बारात लेकर घर आया तो उसका स्वागत किरण के सास-ससुर ने माता-पिता बनकर किया और सामाजिक रीति-रिवाजों के बीच खुद कन्यादान की रस्में निभाई। विदाई के समय ना सिर्फ पुनीत साहू, इंद्रा और किरण की आंखें नम थी बल्कि इसे देखकर वहां पर मौजूद सभी लोगों की आंखों में आंसू आ गए।

समाज में मिसाल बनी इस शादी को देखने में ललित चौधरी, लखन साहू, रूपेंद्र जंगीर, ओम प्रकाश साहू, मुक्तु राम साहू, भोलाराम साहू, अनिल बनपेला सहित समाज के पदाधिकारी और परिजन उपस्थित थे। साहू समाज के लोगों ने ऐसा कहा कि विधवा बहुओं का घर बसाने की ऐसी पहल सामाजिक स्तर पर भी होनी चाहिए। सास और ससुर ने अपनी बहू की विदाई घर से बेटी की तरह की। इस मामले को जानने के बाद हर कोई सास-ससुर की खूब तारीफ कर रहा है।

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