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इंटरनेट पर वायरल हो रहा बॉडी बिल्डर जिला कलेक्टर, डोले ऐसे जिन्हें देख शाहरुख-सलमान भी शरमा जाए

आमतौर पर हम जब भी किसी जिला कलेक्टर को देखते हैं तो वह दिखने में सीधा सादा लगता है। वह या तो बहुत दुबला पतला होता है या फिर उसका पेट बाहर निकला रहता है। लेकिन आज हम आपको एक ऐसे जिला कलेक्टर से मिलाने जा रहे हैं जो देखने में किसी बॉलीवुड फिल्म के हीरो से कम नहीं लगता है। लोग उन्हें बॉडी बिल्डर जिला कलेक्टर कहते हैं।

दरअसल छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित इलाके सुकमा में बतौर जिला कलेक्टर काम करने वाले विनीत नंदनवार अपनी फिटनेस को लेकर चर्चा में हैं। सोशल मीडिया पर उनकी सिक्स पैक एब्स वाली बॉडी बहुत वायरल हो रही है। उनके डोले शोले देख बड़े बड़े बॉडी बिल्डर्स भी शर्मा रहे हैं।

जिला कलेक्टर की इन वायरल तस्वीरों में वे बिना शर्ट के दिखाई दे रहे हैं। इनमें उनकी बॉडी बड़ी ही शानदार लग रही है। उन्हें देखकर ही पता चल जाता है कि वे अपनी फिटनेस को लेकर कितने जागरूक हैं। वे अपनी तस्वीरें साझा कर देश की युवा पीढ़ी को भी फिट रहने के लिए प्रेरित करते हैं।

जगदलपुर के रहने वाले विनीत ने अपनी पढ़ाई लिखाई सरकारी स्कूल में पूरी की है। वे जिला कलेक्टर बनने से पहले रायपुर में अडिशनल कलेक्टर भी रह चुके हैं। सुकमा में कलेक्टर का पद उन्होंने एक महीने पहले ही संभाला है। वे अपनी सेहत और लाइफस्टाइल को सिरियसली लेते हैं। सरकारी काम के बाद उन्हें जो थोड़ा बहुत समय मिलता है उसका इस्तेमाल वे खुद को फिट रखने के लिए करते हैं।

विनीत का कहना है कि आप अपने जीवन में कितने भी व्यस्त क्यों न हो कम से कम एक घंटा अपनी सेहत के लिए निकाल ही सकते हैं। वे युवा पीढ़ी को फिट रहने की सलाह देते हैं लेकिन इसके लिए स्टेराइड जैसा शॉर्ट कट लेने से मना भी करते हैं।

2013 बैच के आईएएस विनीत नंदनवार को अगस्त 2020 में कोरोना भी हो गया था। उन्होंने रायपुर एम्स में अपना इलाज करवाया था। कोरोना से मुक्त होते ही उन्होंने अपनी फिटनेस पर ध्यान देना शुरू कर दिया था। वे बताते हैं कि इंसान को अपने बुरे समय से निराश नहीं होना चाहिए, बल्कि इससे कुछ सीखना चाहिए। जब भी आपका बुरा समय चले तो खुद से बस यह कहे कि ‘यह वक्त भी गुजर जाएगा’।

विनीत को आईएएस बनने की प्रेरणा अपने चाचा ओमप्रकाश नंदनवार से मिली। वे अपनी मां विमला नंदनवार को अपना रोल मॉडल मानते हैं। उन्होंने अपनी मां से संघर्ष और धैर्य सीखा है। वे कहते हैं कि आज मैं जिस भी मुकाम पर हूं मेरी मां की वजह से ही हूं।

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