पिता की तेरहवीं पर बेटी को बांधी पगड़ी, भाइयों ने शादीशुदा बहन को बनाया घर का मुखिया
अक्सर आपने देखा होगा कि, घर में जब किसी बड़े सदस्य की मृत्यु हो जाती है तो ‘पगड़ी रस्म’ कार्यक्रम में पुरुष के सिर पर पगड़ी बांधी जाती है। लेकिन मेरठ के एक परिवार में तीन भाइयों ने अपनी बड़ी बहन के सिर पर पगड़ी बांधकर अपने घर का मुखिया बनाया। इस परिवार के तीन भाइयों ने अपने पिता के श्राद्ध के दौरान बड़ी बहन को घर का मुखिया बनाकर समाज के सामने एक नई मिसाल पेश की है। वहीं कार्यक्रम में मौजूद मेहमानों ने भाइयों के इस काम की खूब तारीफ की।
बता दें, जिस बहन के सिर पर पगड़ी बांधी गई है उसका नाम उर्वशी चौधरी है। उर्वशी चौधरी मेरठ की एक जानी- मानी समाजसेवी है और वह एडवोकेट भी है। 12वीं क्लास में पढ़ने के दौरान ही उर्वशी की शादी मेरठ के ही प्रॉपर्टी का काम करने वाले अजय चौधरी के साथ तय हो गई थी। अजय चौधरी ने ही उर्वशी को आगे पढ़ाने में साथ दिया। ससुराल में रहकर ही उर्वशी ने M.A. B.Ed एलएलएम कर वकील की प्रैक्टिस की। उर्वशी चौधरी के तीन भाई विवेक, वरुण और विकास है।
यह तीनों भाई उर्वशी से छोटे हैं और उनकी एक छोटी बहन ऐश्वर्या भी है। खबरों की मानें तो उर्वशी की छोटी बहन ऐश्वर्या एक स्कूल में प्रधानाचार्य जबकि उनके तीनों भाई शिक्षक है।
रिपोर्ट के मुताबिक, 7 सितंबर को उर्वशी चौधरी के पिता हरेंद्र सिंह का बीमारी के चलते निधन हो गया। हरेंद्र सिंह एक प्राइवेट शिक्षक थे और साथ ही वह खेती किसानी का भी काम करते थे। उर्वशी चौधरी अपने घर की सबसे बड़ी बेटी है जिसके चलते उनका लगाव अपने पिता से सबसे ज्यादा था। वहीं उनके पिता भी अपनी बड़ी बेटी से हर काम में सलाह-मशवरा लिया करते थे।
सबसे ख़ास बात तो यह है कि, हरेंद्र सिंह के निधन के बाद उर्वशी ने ही अपने पिता का अंतिम संस्कार किया। वहीं उनकी मां राधा और उनके तीनों भाई बहन ने मिलकर उर्वशी चौधरी को घर का मुखिया बनाया और पिता के श्राद्ध के दौरान उन्हें पगड़ी पहनाई गई। उर्वशी चौधरी के पिता की भी यही इच्छा थी कि, उनके निधन के बाद उनके घर की मुखिया बड़ी बेटी उर्वशी चौधरी ही बने क्योंकि इससे पहले भी यह दोनों बाप-बेटी ही मिलकर घर के सारे फैसले साथ में लिया करते थे।
घर की नई मुखिया बनने के बाद उर्वशी ने कहा कि, ‘पिता की इच्छा और भाइयों के सहयोग से ही मुझे परिवार का मुखिया बनाया गया है। लेकिन परिवार का मुखियाबनने के बाद मेरे ऊपर बहुत बड़ी जिम्मेदारी आ गई है। अब मेरे ऊपर ना सिर्फ मेरे ससुराल बल्कि मेरे मायके वालों के साथ दो-दो परिवारों को संभालने की जिम्मेदारी है। मैं अपने ससुराल की भी बड़ी बहू है और वहां की जिम्मेदारी भी मेरे ही कंधों पर है।’
बता दें, बेटी की शादी होने के बाद उसका कुल और गोत्र दोनों अलग माने जाते हैं लेकिन इस परिवार ने पुराने रीति रिवाज को छोड़ समाज के सामने एक नया उदाहरण पेश किया है।