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ये है दुनिया का वो खाली देश जहां रहने के लिए नही हैं बाशिंदे, पर यहां भी कायम है बॉलीवुड का राज

भारत और चीन जैसे देश जहां दिन पर दिन बढ़ती जनसंख्या के चलते जमीन और बाकी संसाधनों की कमी से जूझ रहे हैं, तो वहीं दुनिया में एक देश ऐसा भी जिसके पास जमीन तो बहुत है पर रहने के लिए बाशिंदे नहीं हैं। दरअसल, हम बात कर रहे हैं पूर्व और मध्य एशिया के बीच स्थित देश मंगोलिया (Mongolia) की।

क्षेत्रफल में भारत के आधा है पर कुल जनसंख्या है एक शहर जितनी

बात करें मंगोलिया की तो बता दें कि ये चारों तरफ से दूसरे देशों की सीमाओं से घिरा है। यानी कि इसके के किसी भी छोर पर कोई नदी या सागर नहीं है, इस तरह से देखा जाए तो इसके पास अपनी भूमि क्षेत्र भी बहुत है। पर यहां कि आबादी उतनी ही कम है, जिसका अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं कि इसकी कुल आबादी आज के समय में लगभग 28 लाख ही है। इसमें से भी आधे से अधिक लोग इसके राजधानी शहर उलान बाटोर में ही रहते हैं। जबकि क्षेत्रफल में मंगोलिया भारत के लगभग आधा है पर इसकी कुल जनसंख्या इतनी है जितनी की भारत के महज किसी एक शहर की होती है।

भारतीय संस्कृति से प्रेरित देश में संस्कृत भाषा और आयुर्वेद का है प्रचलन

वैसे देखा जाए तो मंगोलिया (Mongolia) देश के बारे में जानने वाली और भी कई रोचक बातें हैं जैसे कि यहां की संस्कृति पर भारतीय संस्कृति का विशेष प्रभाव देखने को मिलता है। बताया जाता है कि मंगोलिया के लोग अपने बच्चों का नाम तक संस्कृत में रखते हैं। साथ ही यहां की चिकित्सा पद्धति में भी आयुर्वेद का काफी प्रचलन है। इसके अलावा यहां प्रचलित सप्ताह और महीनों के नाम भी भारतीय नामों से मिलते जुलते है।

यहां भी चलता है बॉलीवुड का जादू, ‘महाभारत’ हो चुकी है क्षेत्रीय भाषा में डब

हालांकि मंगोलिया में स्थायी रूप से रहने वाले भारतीय लोगों की संख्या बहुत ही कम है। मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो लगभग 28 लाख की आबादी में सिर्फ दो सौ भारतीय यहां पाए जाते हैं, देखा जाए तो इसकी गिनती एक प्रतिशत क्या दशमलव प्रतिशत में भी नहीं है। लेकिन ताज्जुब की बात ये है कि इतने कम भारतीय लोग होने के बावजूद यहां हिंदी फ़िल्मों की लोकप्रियता खूब है। इसी के चलते यहां ‘महाभारत’ धारावाहिक को मंगोलियाई भाषा में डब करके टीवी पर प्रसारित भी किया जा चुका है।

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