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आखिर आर्यन के जेल में कैसे कट रहे हैं दिन? सुबह से रात तक कैदियों की कैसी होती है जिंदगी, जानिए

बॉलीवुड इंडस्ट्री के मशहूर अभिनेता शाहरुख खान के लाडले बेटे आर्यन खान को क्रूज ड्रग्स केस में 2 अक्टूबर को गिरफ्तार कर लिया गया था। आर्यन खान मुंबई की आर्थर जेल रोड में बंद हैं। पिछली सुनवाई के दौरान कोर्ट के द्वारा फैसला सुरक्षित रख लिया गया था परंतु आज फैसला आया तो आर्यन खान समेत अन्य आरोपियों को भी तगड़ा झटका लगा। जी हाँ, बुधवार को भी उन्हें जमानत नहीं मिली।

कोर्ट का फैसला आने के बाद अब आर्यन खान के वकीलों के पास हाई कोर्ट जाने का और कोई भी विकल्प नहीं बचा है। आर्यन खान के वकीलों ने यह कहा है कि हमें अब जमानत के लिए हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ेगा। फिलहाल अब आर्यन खान जेल में ही हैं। ड्रग्स मामले से नाम जुड़ने के बाद आर्यन खान काफी मुसीबत में फंस चुके हैं और जेल के अंदर उनके दिन कठिनाई में व्यतीत हो रहे हैं।

आर्यन खान से घरवालों ने जेल के अंदर ही वीडियो कॉल के माध्यम से उनसे बातचीत की थी। आर्यन खान को जेल का खाना पसंद नहीं आ रहा है। ऐसे में आर्यन के घर वालों ने उनको 4500 रूपए मनी ऑर्डर जेल में भेजें हैं। अब आप लोगों के मन में यह सवाल जरूर आ रहा होगा कि शाहरुख खान इतने बड़े सुपरस्टार हैं लेकिन उन्होंने बस 4500 रूपए ही अपने बेटे को मनी ऑर्डर क्यों भेजे हैं। तो आपको बता दें कि हर कैदी घर से हर महीने अधिकतम 4500 ही मंगवा सकता है, जो कि मनी ऑर्डर के माध्यम से जेल में भेजे जाते हैं। इसी वजह से आर्यन खान को भी उनके परिवार वालों ने 4500 का मनी ऑर्डर जेल में भेजा था।

आप सभी लोगों के मन में इसके अलावा और भी कई सवाल उठ रहे होंगे। आप यही सोच रहे होंगे कि आखिर जेल के अंदर कैदियों की जिंदगी कैसी होती है? जेल के मैन्यू में क्या-क्या आइटम होते हैं? आखिर जेल के अंदर कोई भी सामान खरीदते हैं, तो पैसों की आवश्यकता क्यों पड़ती है? कैदियों के सोने-उठने का समय क्या होता है? घरवालों से मिलने के लिए क्या गाइडलाइन होती है? इस प्रकार के बहुत से सवाल आपके मन में आ रहे होंगे। तो आज हम आपको आपके सारे सवालों का जवाब देने वाले हैं। आज हम आपको जेल की जिंदगी से जुड़े अलग-अलग पहलुओं के बारे में बताने जा रहे हैं।

सबसे पहले आप यह जान लीजिए कि आर्यन खान अभी विचाराधीन कैदी हैं। अभी आर्यन खान को अंडर ट्रायल कैदी नंबर दिया गया है। जेल मैनुअल के अनुसार देखा जाए तो अभी आर्यन खान को कैदी नंबर और ड्रेस नहीं दी जाएगी और उनको जिन कैदियों को सजा हो चुकी है उनके बैरक से अलग रखा जाएगा क्योंकि सजायाफ्ता कैदियों का बैरक अलग होता है और विचाराधीन कैदी का बैरग अलग होता है।

जेल में कैदियों के दिन की शुरुआत कैसे होती है?

आपके मन में सवाल आ रहा होगा कि आखिर जेल के अंदर कैदियों को हमेशा बंद ही रखा जाता है या फिर उन्हें बाहर घूमने फिरने के लिए खोला भी जाता है? तो जेल मैनुअल के अनुसार, सूर्योदय से सूर्यास्त तक ही जेल की बैरक खोली जाती है। जेल अधिकारी सभी कैदियों को सुबह-सुबह 6:00 बजे उठा देते हैं। जेल के अंदर कैदियों को सुबह 7:00 बजे के आसपास नाश्ता दिया जाता है। इसके बाद दोपहर लंच और शाम 6:00 बजे के करीब डिनर मिलता है। जेल के अंदर बहुत से कैदी ऐसे हैं जो 8:00 बजे डिनर करते हैं। ऐसे में उनको अपने खाने की प्लेट में शाम को ही खाना लेकर रखना होगा। उसके बाद वह 8:00 बजे डिनर कर सकते हैं।

जब सूर्यास्त होने के बाद दोबारा से सेल बंद की जाती है तो सबसे पहले सभी कैदियों की गिनती की जाती है। उसके बाद उनको दोबारा से सेल में भेज कर सेल बंद कर दिया जाता है। रात के समय जेल के अंदर लाइट करीब 8:00 बजे के आसपास बंद कर दिया जाता है।

कैदियों को खाने में क्या मिलता है?

हर जेल के हिसाब से खाने का मेन्यू बदलता रहता है। जेल के अंदर जो कैदी बंद हैं, उनको मौसमी सब्जियां भी खाने में दी जाती है। अगर हम सुबह नाश्ते की बात करें तो कैदियों को सुबह के समय नाश्ते में चाय, पोहा, ब्रेड, चना, बिस्कुट या उपमा दिया जाता है। कैदियों को लंच और डिनर में दाल, रोटी, सब्जी और दो-चार रोटियां मिलती हैं। मान लीजिए कोई त्यौहार आता है तो ऐसी स्थिति में मेन्यू में कुछ स्पेशल खाने के आइटम रखे जाते हैं।

कैदी दिन भर क्या करते हैं?

आप लोगों में से ज्यादातर लोगों के मन में यह सवाल जरूर आ रहा होगा कि आखिर जेल के अंदर दिनभर कैदी क्या करते हैं? तो आपको बता दें कि जेल के अंदर भी कैदियों से अलग-अलग काम करवाए जाते हैं। कोई कैदी साफ सफाई करता है तो कोई खाना बनाने का काम करता है। वहीं कुछ कैदी परोसने जैसे काम करते हैं। दिनचर्या के कामों के लिए कैदियों की ड्यूटी लगा दी जाती है।

कैदियों को माली, कुक जैसे ड्यूटी देकर काम करवाया जाता है। जो जेल बड़ी होती हैं, उनके अंदर छोटी-छोटी फैक्ट्रियां भी होती हैं, जिसके अंदर कैदी काम करते हैं। इन फैक्ट्रियों के अंदर छोटे-मोटे काम जैसे सिलाई, गुलाल बनाना आदि ऐसे ही काम कैदियों से करवाए जाते हैं। ऐसा नहीं है कि कैदियों से काम करवाने के बदले में उनको कुछ नहीं दिया जाता, उनको इसके बदले मेहनताना मिलता है।

कैदी घर से कितने पैसे मंगवा सकता है और इस पैसे का करेंगे क्या?

जेल के अंदर हर कैदी अपने घर से 4500 रुपए ही मनीआर्डर के माध्यम से जेल में मंगवा सकता है। आर्यन को भी जेल के अंदर उनके परिवार वालों ने इतनी ही रकम मनीआर्डर के माध्यम से भेजी थी। अब इसके बाद जेल में मंगाए गए पैसों का यह क्या करेंगे? यह सवाल आपके मन में जरूर आ रहा होगा, तो आपको बता दें कि जेल के अंदर कैंटीन की सुविधा भी होती है। आप जान लीजिए कि मनीआर्डर के माध्यम से जो पैसे जेल में आते हैं वह कूपन के रूप में कैदी को दे दिए जाते हैं।

यह कूपन 2, 5, 10 और 20 तक के हो सकते हैं। एक समय पर कैदी अपने पास 2000 तक के ही कूपन अपने साथ में रख सकता है। यह जेल के अंदर की करेंसी होती है। कूपन के माध्यम से जेल के अंदर बंद कैदी कैंटीन से समान खरीद सकता है। इस कूपन को इस्तेमाल वही कर सकता है जिसने इसे खरीदा है यानी कि यह कूपन भी नॉन ट्रांसफरेबल होता है।

घरवालों से कब-कब और कैसे कर सकते हैं मुलाकात?

फिलहाल फोन कॉल या वीडियो कॉल के माध्यम से ही कैदी अपने घर वालों से बात कर सकता है। कोरोना महामारी से पहले कैदी अपने परिवार वालों से फिजिकली मिल सकता था परंतु कोरोना की वजह से अब यह बंद कर दिया गया है। एक कैदी को सप्ताह में दो बार किसी से भी वीडियो कॉल के माध्यम से बात करने की इजाजत दी जाती है। आमतौर पर फिजिकली सुबह 10:00 बजे से दोपहर 3:00 बजे तक कैदी के दोस्त, परिजन उनसे मुलाकात कर सकते हैं।

इलाज के लिए क्या होते हैं सुविधाएं?

अगर जेल के अंदर बंद कैदी की तबीयत कभी खराब हो जाती है तो ऐसी स्थिति में जेल के अंदर ही एक अलग कमरा है जिसके अंदर एक डॉक्टर मौजूद होता है। हल्की-फुल्की बीमारी में कैदियों का इलाज जेल के अंदर ही डॉक्टर करता है परंतु अगर किसी कैदी को गंभीर बीमारी है तो ऐसी स्थिति में जेल के अंदर से उसे अस्पताल इलाज के लिए लेकर जाया जाता है।

अलग-अलग होती है बैरक

सबसे पहले आपको बता दें कि विचाराधीन और सजायाफ्ता कैदियों को अलग अलग रखा जाता है। सिविल कैदियों को क्रिमिनल कैदियों से अलग रखते हैं। जिस जेल के अंदर महिला और पुरुष दोनों कैदी होते हैं, वहां अलग-अलग बिल्डिंग में दोनों को रखा जाता है। एक ही बिल्डिंग में दो पूरी तरह से अलग हिस्सों में महिला और पुरुष कैदी को रखा जाता है। जिस जेल के अंदर 21 साल से कम उम्र के कैदी रखे जाते हैं उनको वयस्क पुरुष कैदियों से अलग रखते हैं।

कैदी को बैरक में कितनी मिलती है जगह?

41.806 स्क्वायर मीटर जगह मध्यप्रदेश में हर कैदी के लिए निर्धारित की गई है। 0.76 मीटर चौड़ा बिस्तर कैदियों को दिया जाता है, जो 1.98 मीटर जमीन से ऊंचा होता है। इसके साथ ही हर बिस्तर का सिरहाना दूसरे बिस्तर के पैरों की दिशा में रहता है।

क्या 14 साल की होती है उम्रकैद है?

अगर कोई बड़े अपराध में उम्रकैद की सजा काट रहा है तो ऐसे में कई लोगों के मन में यह सवाल रहता है कि क्या उम्र कैद 14 वर्ष की होती है? तो इस सवाल का जवाब है नहीं। उम्रकैद का मतलब जीवनभर होता है लेकिन जब कोई कैदी उम्र कैद में 14 साल की सजा काट लेता है तो वह राज्यपाल या राष्ट्रपति के पास उम्र कैद को माफ करने का आवेदन कर सकता है। यदि राष्ट्रपति व राज्यपाल उस कैदी की सजा को माफ कर देते हैं तो ऐसी स्थिति में वह कैदी जेल से रिहा हो जाएगा परंतु 14 साल से पहले यह आवेदन नहीं किया जा सकता, उसके बाद ही कैदी कर पाएगा।

जेल के अंदर कैदियों को क्या मिले होते हैं अधिकार?

ज्यादातर लोग ऐसे होंगे जिनके मन में यह सवाल जरूर आ रहा होगा कि अगर कोई किसी जुर्म में सजा काट रहा है तो उसको कौन-कौन से अधिकार मिले होते हैं तो आपको बता दें कि जेल में कैदियों को छह अधिकार मिलते हैं। जिनमें जीवन रक्षा का अधिकार, चिकित्सा का अधिकार, जमानत या मुकदमे की सुनवाई के दौरान मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश होने और अपनी बात कहने का अधिकार, नियमों के अनुसार नातेदारों से मिलने और बात करने का अधिकार, वकील से मिलने और बात करने का अधिकार, अच्छे आचरण पर सजा का बड़ा हिस्सा काटने के बाद पैरोल का अधिकार हैं।

हर राज्य की गाइडलाइन होती है अलग-अलग

आपको बता दें कि लॉ एंड ऑर्डर राज्य का विषय होता है इसी वजह से हर राज्य की जेल का अपना अलग-अलग मैनुअल होता है। इसके साथ ही हर जेल के नियम भी अलग-अलग हो सकते हैं। यह जेल सुपरिटेंडेंट पर भी निर्भर करता है। इस लेख में जो भी जानकारी लिखी गई है यह मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र के जेल मैनुअल प्रिजन एक्ट 1894 और एक्सपर्ट से बातचीत के आधार पर है।

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