भारत की इस जगह पर नहीं देखने को मिलती दिवाली की धूम, श्रीराम की जगह होती है श्रीकृष्ण की पूजा
भारत एक त्योहारों का देश है जहां हर त्यौहार बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। हिंदू धर्म के अनुसार इन त्यौहार को मनाने के पीछे कई मान्यता जुड़ी है और भारत के नागरिक इन मान्यताओं में बहुत विश्वास भी रखते हैं, इसलिए जब कोई त्यौहार आता है तो भारत में इन त्यौहारों के प्रति एक अलग ही ख़ुशी होती है। वहीं दिवाली के त्यौहार पर तो भारत में अलग ही रौनक देखने को मिलती है। हर घर खासतौर से सजावट की जाती है और दिवाली की रौशनी से पूरा देश जगमगा उठता है।
लेकिन भारत में एक ऐसी भी जगह है जहां दिवाली नहीं मनाई जाती। जी हां… इतना ही नहीं बल्कि इस जगह पर भगवान श्री राम की पूजा होने के बजाय भगवान श्री कृष्ण की पूजा होती है और लोग इस दिन श्रीकृष्ण की भक्ति में लीन रहते हैं। आइए जानते हैं कौन सी है ये जगह जहां दिवाली की धूम देखने को नहीं मिलती?
दिवाली क्यों मनाई जाती है?
सबसे पहले तो हम यह जान लेते हैं कि आखिर दिवाली क्यों मनाई जाती है? दरअसल, रामायण के अनुसार जब भगवान श्री राम रावण से युद्ध जीतकर और 14 वर्ष का वनवास काटकर अपनी पत्नी सीता और भाई लक्ष्मण के साथ अयोध्या वापस लौटे थे, तो उनके आने की ख़ुशी में भव्य स्वागत की किया गया था।
इस दिन अमावस्या का दिन था और प्रभु श्री राम के घर वापस आने से अयोध्या का हर एक नागरिक खुश था। इतना ही नहीं बल्कि इस दिन दीपक और आतिशबाजी के साथ इनका स्वागत किया गया था। यही वजह है कि भारत में दिवाली बेहद रोचक तरीके से मनाई जाती है और इसकी चमक भारत के हर घर में देखने को मिलती है।
केरल में नहीं मनाई जाती दिवाली
अब बात करते हैं उस जगह की जहां पर दिवाली की धूम नहीं होती। दरअसल, केरल में दिवाली नहीं मनाई जाती है। केरल की पौराणिक कहानियों के मुताबिक यहां दिवाली के दिन ही राजा बलि की मृत्यु हो गई थी। इस वजह से यहां दिवाली के दिन कोई खास रौनक नहीं दिखाई देती है और ना ही लोग अपने घर में सजावट करते हैं।
इस दिन भगवान श्रीराम को याद करने की बजाय दक्षिण भारत के लोग श्री कृष्ण की पूजा करते हैं। कहा जाता है कि, दिवाली के दिन श्री कृष्ण ने नरकासुर का वध किया था जिसके चलते भगवान श्री कृष्ण की पूजा होती है। दिवाली के एक दिन पहले नरक चतुर्दशी बड़ी धूमधाम से मनाई जाती है और तमिलनाडु में इसकी खास रौनक देखने को मिलती है।