15 नवंबर से यात्रियों को पैसेंजर ट्रेन में सामान्य टिकट पर कर सकेंगे सफर, बुकिंग की जरूरत नहीं
कोरोना महामारी के चलते सभी ट्रेनों को स्पेशल ट्रेन बनाकर संचालित किया जा रहा था। पैसेंजर ट्रेन में भी यात्रियों को आरक्षित टिकट पर यात्रा करना पड़ रही थी। हालांकि अब ये नियम हट चुका है और 15 नवंबर से यात्री एक बार फिर सामान्य टिकट पर यात्रा कर सकेंगे। खबरों की माने तो झांसी-आगरा के बीच चलने वाली पैसेंजर ट्रेन में 15 नवंबर से सामान्य टिकट के लिए विंडो खोल दी जाएगी।
इस मामले में उत्तर मध्य रेलवे के झांसी मंडल के जनसंपर्क अधिकारी मनोज सिंह का भी बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि, पहले के मुकाबले अब कोरोना महामारी कम होती जा रही है। यही वजह कि अब पैसेंजर ट्रेन में आरक्षित व अनारक्षित वर्ग की सीटें निर्धारित की जाए। उन्होंने कहा कि, अब झांसी आगरा के बीच चलने वाली पैसेंजर ट्रेन में स्लीपर कोच के साथ-साथ अब सामान्य बोगी भी लगा दी जाएगी।
इसके जरिए यात्री अब सामान्य टिकट के माध्यम से भी सफर कर पाएंगे। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि, फिलहाल अन्य ट्रेनों के लिए अनारक्षित टिकट विंडो चालू करने की जैसी कोई सूचना सामने नहीं आई है। त्यौहार की वजह से फ़िलहाल सभी ट्रेनों में भारी भीड़ देखने को मिल रही है।
बता दें, दीपावली के त्यौहार पर घर पहुंचे लोग अब वापस अपने काम की जगह पर जाने लगे हैं। ऐसे में जिन लोगों ने पहले से ही टिकट बुक करवाई थी उन लोगों को काफी मशक्कत करनी पड़ रही है। क्योंकि इस दौरान ट्रेन यात्रियों से खचाखच भरी हुई है। इतना ही नहीं बल्कि जिन लोगों ने पहले से ही टिकट बुक करवा ली है उनको भी सीट नहीं मिल पा रही है। ऐसे में सफर करने के दौरान यात्रियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
वहीं बिहार में छठ पूजा बड़ी धूमधाम से मनाई जाती है ऐसे में लोग छठ पूजा की वजह से वापसी करने वाले लोगों की भीड़ ज्यादा हो चुकी है। यात्रियों की संख्या अधिक बढ़ते देखते हुए कानपुर की ओर जाने वाली दो ट्रेन क्रमांक 04185 बरौनी मेले में एक स्लीपर और 01803 में दो सामान्य अतिरिक्त कोच लगाए गए हैं।
रिपोर्ट की मानें तो रविवार को जैसे ही आरक्षित टिकट की विंडो खुली तो पलक झपकते ही सारी टिकट बुक हो गई। ऐसे में कई यात्रियों को निराशा हाथ लगी। यही वजह है कि कानपुर की ओर जाने वाली दो ट्रेन में सामान्य अतिरिक्त कोच लगाए। गौरतलब है कि, कोरोना की वजह से भारतीय रेल की सेवाएं बंद हो गई थीं, जिसकी वजह से भारतीय रेल को करोड़ों रुपए का नुकसान हुआ है। सिर्फ मालगाड़ी के जरिए ही कमाई हो पाई थी।