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गुरुग्राम में खुले में नमाज पर विरोध, हिंदू शख्स ने नमाज के लिए दी अपनी निजी जमीन

गुरुग्राम के सेक्टर 47 में खाली जगह पर नमाज पढ़ने के विरोध का मामला अभी तक पूरी तरह थमा नहीं है। दरअसल, नमाज पढ़ने के मामले में बजरंग दल, विश्व हिंदू परिषद और अन्य धार्मिक संगठनों का कहना है कि नमाज के दौरान कई लोग इकट्ठा हो जाते हैं जिसके चलते मुख्य सड़क के पास जाम हो जाता है और लोगों को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है।

खाली जगह पर नमाज पढ़ने को लेकर हिंदू संगठनों का कहना है कि, यह जमीन सरकारी है और सरकार की अनुमति के बिना यहां पर कोई भी धार्मिक कार्य नहीं किया जा सकता। इस मैदान के आसपास काफी आबादी है और नमाज पढ़ने के दौरान लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। हालांकि इस दौरान हंगामा बढ़ते देख मौके पर पुलिस भी पहुंच गई थी।

इसी बीच एक स्थानीय हिंदू ने मुस्लिम को अपनी खाली जमीन पर नमाज पढ़ने की अनुमति दी है। जी हां.. शहर में सार्वजनिक जगहों पर नमाज के बढ़ते विरोध को देख शख्स ने ओल्ड गांव में अपने खाली पड़ी दुकान में मुसलमानों को नमाज पढ़ने के लिए कहा। रिपोर्ट की मानें तो इस शख्स का नाम अक्षय राव है जो पैसे से वाइल्डलाइफ टूर ऑर्गेनाइजर है। इतना ही नहीं बल्कि अक्षय राव ने ओल्ड गुडगांव के मैकेनिक मार्केट में कई दुकानों को किराए पर दिया है जिनमें मुस्लिम रहते हैं।

gurugram namaz news

अक्षय राव ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि, उनकी दुकानों के ज्यादातर किराएदार मुस्लिम है। ऐसे में उन्हें नमाज पढ़ने के दौरान काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। उनकी परेशानियों को देखते हुए अक्षय राव ने यह फैसला लिया है। उन्होंने कहा कि उनके पास एक खाली पड़ी दुकान में करीब 15 से 20 लोग नमाज पढ़ सकते हैं।

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अक्षय राव ने कहा कि, “मैंने कुछ स्पेशल थोड़े ही किया है। कोई पहली बार मैंने अपनी जमीन को नमाज पढ़ने के लिए नहीं दी। मैं इससे पहले भी इस तरह के काम कई बार कर चुका हूं और सालों से करता आया हूं।” उन्होंने कहा कि, “नमाज के दौरान परेशानियों का सामना कर रहे जैसी खबरों को पढ़कर में बहुत परेशान हुआ। मेरा उद्देश्य यह है कि अपने मुस्लिम भाइयों को भरोसा दे सकूं कि सिर्फ मुट्ठी भर लोग हैं जो यह सब कर रहे हैं।

हम एक साथ शांति से रहते आए हैं और आगे भी अपने सामाजिक सौहार्द को बनाए रखेंगे। ‌” अक्षय राव ने बताया कि, वह गुरुग्राम में ही पले बढ़े हैं और उन्होंने कभी भी नमाज को लेकर विवाद नहीं देखा। ऐसे में इस समय नमाज को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है जिसके बाद उन्होंने यह फैसला लिया।

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वहीं मुस्लिम समूह ने अक्षय राव की इस पेशकश का सम्मान किया है, साथ ही उन्होंने कहा कि अभी तक उन्हें किसी तरह का औपचारिक तौर पर प्रस्ताव नहीं मिला है। मुस्लिम समूह का कहना है कि अक्षय राव की निजी जगह मुस्लिमों के लिए समाधान नहीं है क्योंकि भविष्य में भी हमें इस तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। इतना ही नहीं बल्कि हम उनके कमरे में नमाज पढ़ेंगे तो पड़ोसी भी आपत्ति जताने लगेंगे। वहीं पुलिस इस मामले में सभी संगठनों को समझाने का प्रयास कर रही हैं।

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