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फ्री फायर खेलते हुए चली गई दो भाइयों की जान, गेम जीतने की जंग में जिंदगी से हारे

इस युग में मोबाइल फोन हमारे जीवन का एक अहम हिस्सा बन गया है। स्मार्टफोन के इस जमाने में लोग सड़कों पर चलते-चलते भी मोबाइल अपने हाथ से नहीं छोड़ते और लगातार फ़ोन चलाते रहते हैं। ऐसे में कई बार व्यक्ति हादसे का शिकार भी हो जाता है, इसके बावजूद इंसान इन सब बातों को अनदेखा कर सिर्फ अपने मोबाइल को चलाने में मग्न रहता है।

अब हाल ही में कानपुर के चकेरी गांव से एक ऐसा मामला सामने आया है जहां दो मौसेरे भाई मोबाइल में व्यस्त थे और उन्हें ट्रेन आने तक का पता नहीं चला और दोनों ही ट्रेन की चपेट में आ गए और उनकी मौके पर ही मौत हो गई। आइए जानते हैं इस पूरे मामले के बारे में..

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दोनों भाई मोबाइल में खेल रहे थे फ्री फायर गेम
दरअसल, चकेरी गांव निवासी मजदूर रामदेव कुरील का 15 वर्षीय बेटा आर्यन अपने मौसेरे भाई के साथ मोबाइल में फ्री फायर गेम खेल रहा था। कहा जा रहा है कि दोनों के हाथों में मोबाइल था और मोबाइल चलाते-चलाते ही वे रेलवे ट्रैक पर चलते आ रहे थे। इसी दौरान उनके सामने ट्रेन आ गई और दोनों ट्रेन की चपेट में आ गए।

कहा जा रहा है कि ट्रेन ने तेजी से हॉर्न भी बजाया लेकिन दोनों के कान में ईयर फोन लगे हुए थे जिसकी वजह से वे ट्रेन का हॉर्न तक नहीं सुन पाए और ट्रेन की चपेट में आकर उनकी मौके पर ही मौत हो गई। घटनाक्रम के बाद पता चला है कि वो दोनों मोबाइल पर फ्री फायर गेम खेलने के आदी थे। वे हादसे के दौरान भी दोनों यही गेम खेल रहे थे।

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एक साथ दो बेटों की मौत से परिवार में मचा हड़कंप
जब चकेरी पुलिस ने इनके घर वालों को यह सूचना दी तो परिवार में हड़कंप मच गया। कहा जा रहा है कि दोनों ही अपने-अपने घर के इकलौते बेटे थे। रिपोर्ट की मानें तो 15 वर्षीय आर्यन कक्षा आठवीं में पढता था जबकि अंशु दसवीं क्लास में पढ़ाई कर रहा था। आर्यन की एक छोटी बहन भी है जिसका नाम मीठी है। वहीं आर्यन के पिता रामदेव कुरील मजदूरी करते हैं, जबकि अंशु के पिता की पहले ही मौत हो चुकी थी।.

परिजनों के मुताबिक रामदेव की पत्नी की बड़ी बहन सुमन भी उन्हीं के गांव में रहती हैं, उनके पति की मौत हो जाने के बाद वह मजदूरी करके अपने बेटे अंशु और दो बेटियों का पालन पोषण कर रही है। रिपोर्ट की मानें तो अंशु और आर्यन दोनों घर से रेलवे ट्रैक पार कर शौच के लिए निकले थे, इसी दौरान लौटते वक्त ही दोनों हादसे का शिकार हो गए। परिजनों ने बताया कि अंशु और आर्यन अपने घर के इकलौते बेटे थे जब उनके घर वालों को उनकी मृत होने की खबर मिली तो घर वालों में हड़कंप मच गया।

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